ग्राम कचहरी स्तर पर सक्रिय होगा प्रोबेशन ऑफ ऑफेंडर्स एक्ट 1958

अपराधी परिवीक्षा अधिनियम 1958 ( प्रोबेशन ऑफ ऑफेंडर्स एक्ट 1958) के प्रावधानों को ग्राम कचहरी के स्तर पर सक्रिय करने के लिए बुधवार को जनप्रतिनिधियों एवं प्रोबेशन पदाधिकारी के साथ समाहरणालय सभागार बक्सर में बैठक की गई।

ग्राम कचहरी स्तर पर सक्रिय होगा प्रोबेशन ऑफ ऑफेंडर्स एक्ट 1958

- जनप्रतिनिधियों व प्रोबेशन पदाधिकारियों की बैठक में लिया गया निर्णय

केटी न्यूज/बक्सर

अपराधी परिवीक्षा अधिनियम 1958 ( प्रोबेशन ऑफ ऑफेंडर्स एक्ट 1958) के प्रावधानों को ग्राम कचहरी के स्तर पर सक्रिय करने के लिए बुधवार को जनप्रतिनिधियों एवं प्रोबेशन पदाधिकारी के साथ समाहरणालय सभागार बक्सर में बैठक की गई।

बैठक में जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने सभी ग्राम कचहरी सरपंच से अपील किया कि अपराधी परिवीक्षा अधिनियम 1958 के प्रावधानों से आम लोगों को जागरूक करे तथा अंतिम जनों तक न्याय पहुंचाएं।

उप निदेशक, जिला प्रोबेशन कार्यालय पूनम रानी ने बताया कि बिहार में बक्सर पहला जिला है जहां अपराधी परिवीक्षा अधिनियम, 1958 को ग्राम कचहरी के स्तर से संबंधित लोगों के बीच जागरूकता के उद्देश्य से यह कार्यक्रम आयोजित किया गया है।

अपराधी परिवीक्षा अधिनियम 1958 भारत में छोटे अपराधों के दोषियों के पुनर्वास और सुधार के उद्देश्य से बनाया गया एक महत्वपूर्ण कानून है। इस अधिनियम के तहत दोषी व्यक्तियों को सजा देने के बजाय उन्हें सुधार की प्रक्रिया में शामिल किया जाता है, ताकि वे समाज में पुनः समायोजित हो सकें। यह अधिनियम विशेष रूप से उन अपराधियों के लिए है, जिनकी उम्र कम है या जिनका अपराध छोटा है।

इस अधिनियम के अनुसार अदालत दोषी व्यक्ति को सजा देने के बजाय उसे प्रोवेशन पर छोड़ सकती है, यानी दोषी को जेल में भेजने के बजाय उसे एक निश्चित समय तक निगरानी में रखा जाता है और उसे सुधारने के लिए विभिन्न उपायों का पालन करने को कहा जाता है। इस अवधि के दौरान, दोषी व्यक्ति को परिवीक्षा अधिकारी द्वारा निगरानी और मार्गदर्शन दिया जाता है।

अपराधी परिवीक्षा अधिनियम 1958 का मुख्य उद्देश्य अपराधियों को समाज में पुनः स्थापित करना और उन्हें सुधारने के अवसर प्रदान करना है, ताकि वे पुनः अपराध न करें। यह अधिनियम न्यायिक प्रणाली में एक सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करता है और अपराधियों को सुधारने के लिए एक दूसरा अवसर प्रदान करता है।

उक्त बैठक में उप विकास आयुक्त, जिला पंचायत राज पदाधिकारी, अनुमंडल बक्सर सदर के लगभग 150 की संख्या में सरपंच (जनप्रतिनिधि), न्याय मित्र एवं सचिव उपस्थित थे।