रेलवे फाटकों की अहमियत दरकिनार, हादसों के बाद भी लोग बन रहे अंजान

रेलवे फाटकों की अहमियत दरकिनार, हादसों के बाद भी लोग बन रहे अंजान

- सड़क ओवरब्रिज योजना अधर में लटकने से लोगों की बढ़ रही मुश्किलें

अमरनाथ केशरी/डुमरांव 

डुमरांव के पश्चिमी व पूर्वी रेल गुमटी मार्ग पर सुरक्षा के लिए बनाये गये रेलवे फाटकों की अहमियत लगातार दरकिनार की जा रही है। रेल हादसों में वृद्धि होने के बाद भी लोग जान की परवाह किए बगैर पटरी पार कर रहे है। वहीं फाटक बंद होने के बावजूद दोपहिया वाहन चालक, युवा भी नियमों का उल्लंघन कर रेलवे ट्रैक को पार कर गुजर रहे हैं।

रेलवे स्टेशन पर एक से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने वाले यात्री भी नियमों को तोड़ रहे हैं और जिम्मेदार अफसर अंजान बने हैं। कार्रवाई नहीं होने से लोगों में इसका तनिक खौफ नहीं है। पूर्वी व पश्चिमी रेलवे फाटक पर आये दिन नियमों की अनदेखी के मामले सामने आते हैं। फाटक बंद होने पर दोपहिया वाहनों के चालक जल्दबाजी में जान जोखिम में डालकर बंद फाटक के नीचे से ही बाइक को निकालकर रेलवे ट्रैक पार करते हैं। अपनी जान के साथ ही नियमों को ताक पर रख रहे हैं।

आम यात्री भी एक से दूसरे प्लेटफार्म पर जाने के लिए ओवरब्रिज के प्रयोग से दूर ट्रैक को पार कर गुजर रहे हैं। रेलवे स्टेशन पर तैनात आरपीएफ व जीआरपी इन सबसे अंजान बना है। रेलवे स्टेशन पर आये दिन हो रहे हादसों के बावजूद रेल यात्री नियमों को तोड़ने से बाज नहीं आ रहे है, जिससे हादसों का सिलसिला लगातार जारी है। जब भी कोई ट्रेन आती है तो उस समय दर्जनों की संख्या में यात्री सीधे ट्रैक को पार कर आते जाते है। इस प्रयास में वे हादसों का शिकार भी हो जाते है।

यात्री अविनाश कुमार, अंकित कुमार, दीपक प्रसाद आदि ने बताया कि स्थानीय प्लेटफार्म पर हजारों यात्रियों के आने-जाने के लिए एक मात्र फुट ओवरब्रिज है। वह भी शेडविहीन है। एक साथ दो ट्रेनों के आने के बाद यह ओवरब्रिज संकीर्ण बन जाता है और विवश होकर रेल यात्री ट्रैकों को पार कर ट्रेन को पकड़ते है। 

 रेलवे सड़क ओवरब्रिज योजना अधर में लटका

डुमरांव रेलवे के पश्चिमी 64 नंबर गेट एनएच 120 से एनएच 922 को जोड़ता है। दो महत्वपूर्ण सड़को को जोड़ने वाले इस गेट पर सुबह से देर रात तक वाहनों की कतारें लगी रहती है। आये दिन वाहनों के टक्कर से गेट के बूम क्षतिग्रस्त हो जाता है। ऐसी हालत में महाजाम की स्थिति बन जाती है। वाहनों को निकलने में घंटो समय गंवाना पड़ता है।

जाम से निजात दिलाने के लिए इस गेट पर रेल सड़क ओवरब्रिज निर्माण का मुद्दा तेज़ी से उठा था। वर्ष 2017 में ही रेलवे की टीम ने ओवरब्रिज निर्माण के लिए मिट्टी की जांच की थी लेकिन जांच के बाद मामला अधर में लटक गया। पश्चिमी रेलवे क्रॉसिग से कुछ हीं दूरी पर रेलवे द्वारा फ्रेट टर्मिनल का निर्माण किया जा रहा है।

इस निर्माण के पूरा होते ही सामानों के लोडिंग और अनलोडिंग के साथ ही व्यवसायिक गतिविधियां बढ़ेंगी तथा वाहनों का लोड भी सड़क पर बढ़ेगा। अगर रेल ओवरब्रिज का निर्माण होता है तो इस सड़क पर वाहनों के दबाव को बहुत हद तक रोका जा सकता है।