डीएम के निरीक्षण से जगी नई उम्मीद, केशोपुर जल शोध संयंत्र के विस्तार की बढ़ी आस

केशोपुर बहुग्रामीय जलापूर्ति योजना के निरीक्षण के बाद क्षेत्र के ग्रामीणों में नई उम्मीद जगी है। बुधवार को जिलाधिकारी साहिला द्वारा जल शोध संयंत्र के निरीक्षण के उपरांत अब यह चर्चा तेज हो गई है कि निकट भविष्य में केशोपुर जल शोध संयंत्र का दायरा बढ़ेगा और अधिक से अधिक ग्रामीणों को शुद्ध व आर्सेनिक मुक्त पेयजल का लाभ मिल सकेगा।

डीएम के निरीक्षण से जगी नई उम्मीद, केशोपुर जल शोध संयंत्र के विस्तार की बढ़ी आस

-- आर्सेनिक मुक्त पेयजल को लेकर ग्रामीणों में खुशी, टूटी गलियों के निर्माण से आवागमन होगा आसान

केटी न्यूज/सिमरी

केशोपुर बहुग्रामीय जलापूर्ति योजना के निरीक्षण के बाद क्षेत्र के ग्रामीणों में नई उम्मीद जगी है। बुधवार को जिलाधिकारी साहिला द्वारा जल शोध संयंत्र के निरीक्षण के उपरांत अब यह चर्चा तेज हो गई है कि निकट भविष्य में केशोपुर जल शोध संयंत्र का दायरा बढ़ेगा और अधिक से अधिक ग्रामीणों को शुद्ध व आर्सेनिक मुक्त पेयजल का लाभ मिल सकेगा।निरीक्षण के दौरान डीएम ने पम्प हाउस की कार्यप्रणाली की बारीकी से जानकारी ली और यह पाया कि संयंत्र के माध्यम से आर्सेनिक मुक्त पेयजल की आपूर्ति की जा रही है।

उन्होंने बढ़ती आबादी को ध्यान में रखते हुए कार्यपालक अभियंता, लोक स्वास्थ्य प्रमंडल बक्सर को निर्देश दिया कि पम्प की क्षमता बढ़ाने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर जल्द प्रतिवेदन उपलब्ध कराएं। इस निर्देश को ग्रामीण भविष्य की बड़ी सौगात के रूप में देख रहे हैं।ग्रामीणों का कहना है कि करोड़ों रुपये की लागत से केंद्र और राज्य सरकार के संयुक्त सहयोग से केशोपुर में जल शोध संयंत्र का निर्माण केवल इसलिए कराया गया है ताकि दियारा क्षेत्र को आर्सेनिक के जहर से स्थायी रूप से निजात मिल सके।

अब जब जलापूर्ति शुरू हो चुकी है और जिलाधिकारी स्वयं इसके विस्तार पर जोर दे रही हैं, तो यह साफ है कि आने वाले समय में और गांवों तथा टोले तक पाइपलाइन के माध्यम से शुद्ध पानी पहुंचेगा।निरीक्षण के क्रम में डीएम ने पाइप बिछाने के दौरान क्षतिग्रस्त हुई गलियों और रास्तों की भी समीक्षा की। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिया कि जलापूर्ति से उत्पन्न समस्याओं का शीघ्र समाधान किया जाए और जहां-जहां सड़कें व गलियां टूटी हैं, उनकी तत्काल मरम्मत कराई जाए।

ग्रामीणों का मानना है कि यदि गलियों का पुनर्निर्माण होता है तो न सिर्फ आवागमन सुगम होगा, बल्कि बरसात के दिनों में होने वाली परेशानियों से भी राहत मिलेगी।इसके साथ ही जिलाधिकारी ने संबंधित क्षेत्रों के शत-प्रतिशत घरों में पेयजल कनेक्शन उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया है। इससे उन परिवारों को खास राहत मिलेगी जो अब तक हैंडपंप या दूषित जल स्रोतों पर निर्भर थे। प्रखंड विकास पदाधिकारी सिमरी एवं बक्सर को भी योजना का निरीक्षण कर प्रतिवेदन सौंपने का निर्देश दिया गया है, जिससे निगरानी और प्रभावी हो सके।

गुरुवार को पूरे दिन क्षेत्र में नए डीएम के तेवर और जनोपयोगी कार्यों को लेकर चर्चाएं होती रहीं। लोग यह कहते नजर आए कि पहली ही समीक्षा में जिलाधिकारी का फोकस साफ तौर पर आम जनता की बुनियादी समस्याओं पर रहा। केशोपुर जल शोध संयंत्र के विस्तार और टूटी गलियों के निर्माण की उम्मीद ने ग्रामीणों में भरोसा जगाया है कि आने वाले दिनों में यह योजना वास्तव में क्षेत्र के जीवन स्तर को बेहतर बनाएगी।