एमडीए से पूर्व सभी प्रखंडों में गठित कर ली जाए रैपिड रिस्पॉन्स टीम : सिविल सर्जन

एमडीए से पूर्व सभी प्रखंडों में गठित कर ली जाए रैपिड रिस्पॉन्स टीम : सिविल सर्जन

- एमडीए को सफल बनाने के लिए जिलास्तरीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का हुआ आयोजन

- प्रशिक्षण प्राप्त अधिकारी व कर्मी प्रखंड स्तर पर आशाकर्मियों को करेंगे प्रशिक्षित

केटी न्यूज/बक्सर

10 अगस्त से शुरू हो रहे सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) अभियान को सफल बनाने के लिए जिलास्तर पर तैयारियां जोरों पर है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए प्रखंड स्तर तक स्वास्थ्य कर्मियों व फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्रशिक्षित करने के उद्देश्य से शनिवार को जिला स्वास्थ्य समिति के सभागार में एक दिवसीय टीओटी सह प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला का उद्घाटन सिविल

सर्जन डॉ. सुरेश चंद सिन्हा, वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार, डब्ल्यूएचओ के जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ. अरुण कुमार व पिरामल डीपीओ चंदन कुमार प्रसाद ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया। इस दौरान सिविल सर्जन ने कहा कि सभी प्रखंडों को मांग के अनुरूप दवाओं का स्टॉक उपलब्ध कराएं। ताकि, समय पर अभियान को शुरू किया जा सके। साथ ही, सभी प्रखंड के एमओआईसी की जिम्मेदारी है की वो निर्धारित अवधि में संबंधित प्रखंडों का माइक्रोप्लान जिला

को उपलब्ध कराएं। जिसके आधार पर अभियान की रूप रेखा तय की जा सके। उन्होंने सभी प्रखंडों में एमडीए से पूर्व रैपिड रिस्पॉन्स टीम का गठन करने का निर्देश दिया।

फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्रशिक्षण देना महत्वपूर्ण :

फाइलेरिया उन्मूलन अभियान में सहयोग कर रही डब्ल्यूएचओ के जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ. अरुण कुमार ने फाइलेरिया अभियान को सफल बनाने के लिए फ्रंटलाइन वर्कर्स के प्रशिक्षण संबंधित माइक्रो प्लान के बारे में विस्तृत रूप से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि प्रखंड स्तरीय प्रशिक्षण में इस बात का ध्यान अवश्य रखा

जाए की किस प्रकार और किस स्तर से फ्रंटलाइन वर्कर्स का उन्मुखीकरण किया जाए की वो अभियान को सफल बनाने में अहम भूमिका निभा सके। अभियान के दौरान फ्रंटलाइन वर्कर्स ही घर घर जाकर लोगों को दवा खिलाएंगे। इसके लिए उन्हें एमडीए अभियान के तहत दी जाने वाली दवाओं को खिलाने के तरीके ठीक से बताएं। जिससे अभियान के दौरान

सभी को इस अभियान को सफल बनाने के लिए सहयोग देने की जरूरत :

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शैलेंद्र कुमार ने बताया कि फाइलेरिया एक गंभीर बीमारी है, और यह एक बार हो जाए तो उसे ठीक नहीं किया जा सकता है। इसलिए इस बीमारी को रोकने के लिए हम सभी को इस अभियान को सफल बनाने के लिए सहयोग देने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि 10 अगस्त से शुरू हो रहे अभियान को सफल बनाने के लिए जरूरी है कि माइक्रो प्लान के तहत कार्य किया जाए और आशाकर्मियों को बेहतर प्रशिक्षण प्रदान किया जाए।

उन्होंने बताया कि पीएसआई इंडिया के द्वारा जिले में एमडीए अभियान को सफल बनाने के लिए सभी विभाग से सहायता ली जा रही है। साथ ही, राज्य स्तर से ही सभी विभाग के अधिकारियों को इस अभियान में सहयोग करने का दिशा निर्देश प्रदान कर दिए गए है। 

प्रशिक्षण में पीसीआई के डीएमसी मोहम्मद शादाब आलम, पिरामल के ब्लॉक कोऑर्डिनेटर अतुल सिंह समेत जिले के एमडीए अभियान के लिए चयनित प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बीएचएम, बीसीएम व वीबीडीएस मौजूद रहे।