इंस्पायर अवार्ड मानक योजना में रिकॉर्ड तोड़ भागीदारी, 15 सितंबर है अंतिम तिथि
बक्सर जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के संयुक्त प्रयासों से इंस्पायर अवार्ड मानक योजना में इस बार विशेष उत्साह देखा जा रहा है। वर्ग 6 से 12 तक के विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों और विज्ञान शिक्षकों को सक्रिय कर दिया गया है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (समग्र शिक्षा) चंदन कुमार द्विवेदी ने विधिवत पत्र जारी कर विद्यालयों को समय पर इन्नोवेटिव आइडियाज अपलोड करने की अपील की है। 15 सितंबर 2025 तक विचार प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि तय की गई है।

-- बक्सर के नन्हे वैज्ञानिकों की उड़ान, टॉप टेन में शामिल है बक्सर
-- अब तक लगभग 2000 इन्नोवेटिव आइडियाज किए जा चुके है अपलोड
केटी न्यूज/बक्सर
बक्सर जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग के संयुक्त प्रयासों से इंस्पायर अवार्ड मानक योजना में इस बार विशेष उत्साह देखा जा रहा है। वर्ग 6 से 12 तक के विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों और विज्ञान शिक्षकों को सक्रिय कर दिया गया है। जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (समग्र शिक्षा) चंदन कुमार द्विवेदी ने विधिवत पत्र जारी कर विद्यालयों को समय पर इन्नोवेटिव आइडियाज अपलोड करने की अपील की है। 15 सितंबर 2025 तक विचार प्रस्तुत करने की अंतिम तिथि तय की गई है।
बक्सर जिला इस योजना में लगातार अपने ही रिकॉर्ड तोड़ रहा है। प्रखंड स्तर पर शिक्षा पदाधिकारियों और विद्यालयों के बीच समन्वय स्थापित होने से इस बार भी बेहतर परिणाम की उम्मीद है। पिछले वर्ष जिले के 69 नन्हे वैज्ञानिकों को भारत सरकार ने चयनित कर 10-10 हजार की प्रोत्साहन राशि सीधे बैंक खाते में भेजी थी। यही नहीं, राष्ट्रीय स्तर पर भी बक्सर ने अपनी अलग पहचान बनाई थी। इस बार भी बक्सर जिला टॉप टेन में है तथा आठवे नंबर पर काबिज है।
इस बार जिला कार्यक्रम पदाधिकारी कार्यालय की ऑनलाइन जागरूकता मुहिम रंग ला रही है। अब तक लगभग 2000 इन्नोवेटिव आइडियाज अपलोड किए जा चुके हैं। यह उपलब्धि राज्य सरकार द्वारा दिए गए लक्ष्य का करीब 75 प्रतिशत है, जिससे बक्सर को सम्मानजनक स्थान मिलने की पूरी संभावना है। -- शिक्षकों का सहयोग और प्रेरणा
योजना को धरातल पर उतारने में जिले के विज्ञान शिक्षकों ने भी बढ़-चढ़कर भूमिका निभाई है। डॉ. मनीष कुमार शशि, प्रमोद कुमार चौबे, सुरेंद्र सिंह, धनंजय मिश्रा, अनीता यादव, शिल्पम, विजयलक्ष्मी पटेल, नफीस नाज, सुगंध दुबे और विकास कुमार समेत अन्य शिक्षकों ने इसे नन्हे वैज्ञानिकों के लिए सरकार की महत्वाकांक्षी पहल बताया है।
उनका कहना है कि अभिभावक, प्रधानाध्यापक और शिक्षक मिलकर इस योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करें, ताकि हर प्रखंड के बच्चे नवाचार की मुख्यधारा से जुड़ सकें। सरकार ने बक्सर जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान और पुणे में विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित कर विज्ञान शिक्षकों को प्रशिक्षित किया है। इससे शिक्षकों को छात्रों के विचारों को आकार देने और उन्हें प्रोजेक्ट के रूप में प्रस्तुत करने में सुविधा मिली है।
-- नन्हे वैज्ञानिकों की तलाश जारी
संभाग प्रभारी सुरेंद्र सिंह ने जिले के सभी शिक्षकों और अभिभावकों से अपील की है कि वे बच्चों में छिपे वैज्ञानिक कौशल को पहचानने और उसे सामने लाने में सहयोग करें। वहीं, शिक्षक डॉ. मनीष कुमार शशि ने बताया कि बक्सर की धरती ने हर क्षेत्र में प्रतिभाएं दी हैं और इस बार भी यहां के नन्हे वैज्ञानिक देश का नाम रोशन करेंगे।
इंस्पायर अवार्ड मानक योजना के जरिये बक्सर जिले के हजारों बच्चे विज्ञान की दुनिया में कदम रख रहे हैं। नवाचार के प्रति यह उत्साह आने वाले दिनों में न सिर्फ जिले की, बल्कि पूरे राज्य की पहचान को नया आयाम देगा।