डुमरांव प्रखंड के पंचायतों की उपेक्षा पर ग्रामीणों ने फूंका राजपुर विधायक का पुतला

निरंजनपुर के ग्रामीणों ने रविवार को राजपुर सुरक्षित विधान सभा के कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम का पुतला दहन किया। यह पुतला दहन राजपुर विधानसभा क्षेत्र में शामिल डुमरांव प्रखंड के छह पंचायतों की उपेक्षा के खिलाफ किया गया था।

डुमरांव प्रखंड के पंचायतों की उपेक्षा पर ग्रामीणों ने फूंका राजपुर विधायक का पुतला

- निरंजनपुर के ग्रामीणों ने ऐतिहासिक मारीचडीह के पास एकत्रित हो पुतला दहन कर जताया विरोध

- बोले ग्रामीण पांच वर्ष पूरा होने वाला है, डुमरांव प्रखंड के छह पंचायतों में विकास की नहीं हुई शुरूआत

केटी न्यूूज/डुमरांव

निरंजनपुर के ग्रामीणों ने रविवार को राजपुर सुरक्षित विधान सभा के कांग्रेस विधायक विश्वनाथ राम का पुतला दहन किया। यह पुतला दहन राजपुर विधानसभा क्षेत्र में शामिल डुमरांव प्रखंड के छह पंचायतों की उपेक्षा के खिलाफ किया गया था। ग्रामीणों ने विधायक पर विकास कार्य नहीं करने के गंभीर आरोप लगाए और कहा कि चार वर्ष बीत गए है, लेकिन आज भी डुमरांव प्रखंड की छह पंचायत उपेक्षित है। 

ऐतिहासिक व रामायणकालीन मारीचडीह के पास आयोजित पुतला दहन का नेतृत्व मुगांव पंचायत के मुखिया इंद्रजीत कुमार राय उर्फ इंदल सिंह ने किया। पुतला दहन करने वाले ग्रामीणों ने कहा कि विधायक योजनाओं के चयन में भेदभावक रहे है, जिस कारण अबतक राजपुर विस क्षेत्र में शामिल डुमरांव प्रखंड की पंचायतों का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया है। जबकि चुनाव के दौरान इस इलाके से उन्हें अच्छा मत मिला था। लेकिन, चुनाव जीतने के बाद उन्हें इस क्षेत्र की याद नहीं आई। पुतला दहन में कनझरूआं पंचायत के निरंजनपुर गांव निवासी मोहम्मद शहाबुद्दीन, तेज नारायण यादव, सुधन साह, मदन राम, अंजनी सिंह, मोहन चौहान, भृगुनाथ राय, ओम प्रकाश सिंह, मूटन राम, श्यामदेव राम, मदन पासवान और विनोद कुमार सिंह समेत दर्जनों ग्रामीण मौजूद थे। 

राजपुर सुरक्षित विस क्षेत्र में शामिल है डुमरांव की छह पंचायतें

बता दें कि राजपुर सुरक्षित विधान सभा क्षेत्र में डुमरांव प्रखंड का कोरानसराय, मुंगाव, मठिला, कनझरूआं, कसियां और अटांव पंचायत शामिल है। यह इलाका राजपुर से काफी दूर है तथा चुनाव जीतने के बाद शायद ही कभी विधायक विश्वनाथ राम इस इलाके के लोगों को दर्शन दिए हो। वही, उनकी योजनाओं में भी डुमरांव प्रखंड के पंचायतों की घोर उपेक्षा की गई है। यही कारण है कि इस इलाके के लोगों में विधायक के प्रति गहरा आक्रोश है। इसके पूर्व भी मठिला के छलका बधार में जलजमाव के मुद्दे पर विधायक के वादा खिलाफी के पर ग्रामीण व किसान आक्रोशित हुए थे। बता दें कि छलका बधार में जलजमाव के कारण सैकड़ो एकड़ में लगी फसल डूब जाती है तथा खेती प्रभावित होती है। चुनाव के समय विधायक ने इससे मुक्ति दिलाने का आश्वासन दिया था। लेकिन, चुनाव जीतने के बाद वे अपने वायदे पर खरा नहीं उतरें।

मायावी राक्षस मारीच का निवास स्थल रहा है मारीच डीह

बता दें कि मारीच डीह रामायणकालीन मायावी राक्षक्ष मारीच का निवास स्थल रहा है। तब घने जंगलों से घिरे इस स्थान पर रहकर ही मारीच भगवान शिव की पूूजा अर्चना भी करता था। कहा जाता है कि वह भगवान शिव का उपासक था तथा मायावी शक्तियों में उसका कोई तोड़ नहीं था। कहा जाता है कि जब प्रभु श्रीराम विश्वामित्र मुनी के आश्रम में आकर ताड़का व सुबाहु का वध किए थे तब उनके तीर से घायल मारीच घायल हो गया था तथा बाद में वह लंका चला गया था। सीता हरण के दौरान मारीच ही सोने का मृग बन रावण की सहायता किया था। आस पास के ग्रामीणों का कहना है कि आज भी रामायण तथा मारीच पर शोध करने वाले लोग मारीचडीह आते है। लेकिन, रामायणकालीन यह स्थल उपेक्षित पड़ी हुई है। इस स्थल की उपेक्षा से भी ग्रामीणों में विधायक के प्रति आक्रोश है।