फर्जीवाड़ा : ब्रह्मपुर की प्रियंका के सर्टिफिकेट पर फर्जी तरीके से शिक्षिका बनी रोहतास की बेबी

शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़े का खेल निराला है। यहां दूसरे के नाम पर नौकरी करना आम बात है, लेकिन दिलचस्प की इसकी जानकारी मिलने के बाद भी विभाग द्वारा सख्त कदम नहीं उठाया जा रहा है।

फर्जीवाड़ा : ब्रह्मपुर की प्रियंका के सर्टिफिकेट पर फर्जी तरीके से शिक्षिका बनी रोहतास की बेबी

- खुलासे के बाद भी नहीं हुई कार्रवाई, डीईओ ने बीईओ को एफआईआर दर्ज कराने का दिया आदेश

- असली प्रियंका का बिहार दरोगा में हुआ है चयन, मूल प्रमाण पत्र खोजने के दौरान खुला राज

केटी न्यूज/बक्सर

शिक्षा विभाग में फर्जीवाड़े का खेल निराला है। यहां दूसरे के नाम पर नौकरी करना आम बात है, लेकिन दिलचस्प की इसकी जानकारी मिलने के बाद भी विभाग द्वारा सख्त कदम नहीं उठाया जा रहा है। जिले में एक ऐसा ही मामला सामने आया है। जिसमें ब्रह्मपुर के कांट गांव की रहने वाली प्रियंका कुमारी के सर्टिफिकेट पर रोहतास जिले के दिनारा थाना क्षेत्र व मेदिनीपुर पोस्ट के पोंगाढ़ी गांव के जितेन्द्र कुमार की पत्नी बेबी देवी डुमरांव प्रखंड के मध्य विद्यालय नेनुआ में फर्जी शिक्षिका बन गई। दो साल तक विभाग उसके फर्जीवाड़े को नहीं पकड़ सका। लेकिन, इसी बीच असली प्रियंका का चयन बिहार दरोगा पद पर हो गया तथा वह सिवान जिले के महराजगंज में तैनात है। पुलिस विभाग द्वारा जब उसके मूल प्रमाण पत्र की सत्यापन के लिए मांग की गई तो इस फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ। बावजूद एक साल तक विभाग पूरे मामले पर कुंडली मार बैठा रहा। हालांकि अब बक्सर डीईओ ने डुमरांव बीईओ को उस पर एफआईआर दर्ज कराने तथा वेतन रिकवरी के आदेश दिए है। जिससे उम्मीद जगी है कि फर्जी तरीके से शिक्षिका बनी बेबी कुमारी पर कार्रवाई होगी। 

अब पूरा मामला समझिए

ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र के कांट गांव निवासी प्रियंका कुमारी ने नियोजित शिक्षक बनने के लिए अगस्त 2021 में बक्सर के एमपी हाई स्कूल में अपना काउंसलिंग कराई थी। इस दौरान उसका चयन भी हो गया था तथा शिक्षा विभाग द्वारा उसके मूल प्रमाण पत्र को जमा करा लिया गया था। लेकिन, 2022 के शुरूआत में ही उसका चयन बिहार दरोगा में हो गया तथा वह योगदान कर सिवान जिले में चली गई। इधर उसका मूल प्रमाणपत्र शिक्षा विभाग के कार्यालय में ही छूट गया था। दिसंबर 2023 में जब उससे पुलिस विभाग द्वारा मूल प्रमाण पत्र की मांग की गई तो वह अपना मूल प्रमाण पत्र लेने शिक्षा विभाग के कार्यालय पहुंची। लेकिन, विभागीयकर्मी उसका प्रमाण पत्र देने में आनाकानी करने लगे। जब प्रियंका ने दबाव बढ़ाया तो पता चला कि उसके नाम पर मध्य विद्यालय नेनुआ में कोई फर्जी तरीके से नौकरी कर रही है। इसके बाद प्रियंका ने बक्सर टाउन थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। जबकि विभाग द्वारा दिसंबर 2023 से अबतक इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है। 

विभागीय कर्मियों की संलिप्तता से नहीं किया जा सकता है इंकार

इस पूरे मामले में विभागीय संलिप्तता से इंकार नहीं किया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो विभागीय कर्मियों के मिलीभगत के बिना यह संभव नहीं था कि कार्यालय में जमा सर्टिफिकेट किसी दूसरे को मिल जाए। इस पूरे मामले में विभागीय कर्मियों की भूमिका की गहराई से जांच होने पर न सिर्फ कई चौकाने वाले मामले सामने आएंगे बल्कि जिले में दूसरे के नाम पर शिक्षक व शिक्षिका बनने वालों की कलई भी परत दर परत खुलते चली जाएगी। जानकार सूत्रों की मानें तो जिले में दूसरे के नाम पर शिक्षक बन नौकरी करने वालों की बड़ी तादात है। ताज्जूब कि उन्हें अबतक निगरानी विभाग भी नहीं पकड़ पाया है।