खुलासा: प्रेमिका से मिलने के लिए पहुंचे अजय यादव की लोहे के पाना से मार की गई थी हत्या
जनपद के जमानिया थाना क्षेत्र में सोमवार को मिले अज्ञात शव के मामले का खुलासा हो गया है। पुलिस ने महज 24 घंटों के अंदर मृतक की शिनाख्त करते हुए उसकी हत्या करने वाले दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया।
- सोमवार को बघरी नहर के समीप मिला था शव, हत्या के आरोप में दो गिरफ्तार
- मृतक की प्रेमिका के भाई ने दोनों को मिलते देख लिया था
- तीनों भाइयों को बुला अजय की हत्या की और नहर के समीप फेंका शव
केटी न्यूज/गाजीपुर : जनपद के जमानिया थाना क्षेत्र में सोमवार को मिले अज्ञात शव के मामले का खुलासा हो गया है। पुलिस ने महज 24 घंटों के अंदर मृतक की शिनाख्त करते हुए उसकी हत्या करने वाले दो अभियुक्तों को गिरफ्तार कर लिया। मामले में स्वाट टीम/सर्विलांस सेल व थाना जमानिया की संयुक्त टीम ने पूरे घटना क्रम का खुलासा करते हुए आरोपितों को गिरफ्तार करने में सफलता पायी है। जिसकी जानकारी पुलिस अधीक्षक ओमवीर सिंह ने मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर दी। पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पकड़े गए दोनों अभियुक्त ओमनाथ यादव व पंकज यादव हैं। जो गोपालपुर के निवासी हैं। पुलिस की संयुक्त टीम दोनों को मुखबीर की सूचना पर देवरिया चट्टी से गिरफ्तार किया गया जो बाहर भागने के प्रयास में थे। गिरफ्तार किए गए दोनों व्यक्ति सगे भाई हैं।
पहले की पिटाई, फिर पिकअप में लादकर नहर के पास और उतारा मौत के घाट
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि मृतक का नाम अजय कुमार यादव है। जो जनपद के रेवतीपुर थाना के बहोरिक राय पट्टी का रहने वाला था। पेशे से वो पिकअप चालक था। विवेचना के दौरान यह तथ्य प्रकाश में आया कि मृतक अजय यादव का अभियुक्त दिनेश यादव की पुत्री के बीच प्रेम-प्रसंग चल रहा था। 11 दिसम्बर की रात्रि में मृतक पीकअप से गोपालपुर अपनी प्रेमिका से मिलने गया था। जहां उसे युवती से मिलते हुए उसके भाई ने देख लिया था। जिसके बाद ओमनाथ यादव ने अपनी बहन और अजय को रंगे हाथों पकड़ लिया और अपने तीनों भाइयों पंकज, दिनेश व रणजीत यादव को बुलाया। चारों ने मिलकर अजय की बुरी तरह से पिटाई की और उसे बांधकर उसी पिकअप पर लादकर बघरी नदी पर रात में ले गये और वहीं पर उतार कर पिकअप में रखे हुए लोहे के पाना से मारकर हत्या कर दी। हत्या करने के बाद उन्होंने अजय का मोबाइल व पाना को नहर में फेक दिया।
मृतक के भाई की तहरीर पर किया गया था मुकदमा दर्ज :
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि घटना के बाद मृतक की शिनाख्त के लिए उसकी फोटो सभी थानों में भेजी गई। जिसके बाद उसकी पहचान की जा सकी। तत्पश्चात उसके परजिनों को सूचित किया गया। मामले की जानकारी होते ही मृतक के परिजन वहां पहुंचे और उनसे पूछताछ की गई। मृतक के परिजनों के अनुसार अजय ने कहा था कि वो सोमवार की सुबह घर आएगा। कुछ घंटों बाद उसका मोबाइल नंबर बंद आने लगा। लेकिन उन्हें यह अंजादा नहीं था कि उसकी हत्या हो जाएगी। पूछताछ के बाद मृतक के भाई सुनील यादव के लिखित तहरीर पर जमानिया थाना में हत्या का मुकदमा दर्ज हुआ था।
अजय के मोबाइल नंबर को ट्रेस करने के बाद खुलने लगे राज :
पुलिस अधीक्षक ने बताया कि परजिनों से अजय का नंबर लेने के बाद उसे ट्रेस किया गया। जिसके बाद उसके मोबाइल टावर लोकेशन और किन-किन नंबरों पर बात हुई सब जानकारी मिलने लगी। उसी आधार पर पुलिस ने अपनी जांच आगे बढ़ाई। पुलिस की विवेचना में मिली जानकारी और इलेक्ट्रानिक साक्ष्य के आधार पर अभियुक्तगण दिनेश यादव, ओमनाथ यादव, पंकज यादव, रणजीत उर्फ बब्बन का नाम प्रकाश में आया। जिसके बाद सभी को पकड़ने के लिए पुलिस ने मुखबीरों को लगा दिया। जिनके आधार पर दोनों भाइयों को पकड़ा गया। पूछताछ में दोनों ने हत्या करने की बात स्वीकार की। साथ ही, अभियुक्तों के निशान देही पर मृतक की तोड़कर फेंका गया मोबाइल व घटना में प्रयुक्त लोहे का पाना घटना स्थल से आगे बुढाडीह के पास नहर के अन्दर से बरामद किया गया।