सेवा स्थायी व मानदेय वृद्धि समेत 16 सूत्री मांगों के समर्थन में ग्रामीण आवास कर्मियों का अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू

राज्य ग्रामीण आवास सेवा संघ, कर्मी संघ, पर्यवेक्षक संघ एवं लेखापाल संघ की संयुक्त इकाई सगासा संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले राज्य व्यापी अभियान के तहत गुरूवार से ग्रामीण अवासकर्मियों ने अपना अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू किया।

सेवा स्थायी व मानदेय वृद्धि समेत 16 सूत्री मांगों के समर्थन में ग्रामीण आवास कर्मियों का अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू

-- सगासा संर्घर्ष समन्वय समिति के आह्वान पर किया जा रहा है अनिश्चितकालीन हड़ताल

-- गुरूवार से पटना में धरना देंगे सभी ग्रामीण आवास कर्मी, आवास योजना पर पड़ेगा बुरा प्रभाव

केटी न्यूज/बक्सर

राज्य ग्रामीण आवास सेवा संघ, कर्मी संघ, पर्यवेक्षक संघ एवं लेखापाल संघ की संयुक्त इकाई सगासा संघर्ष समन्वय समिति के बैनर तले राज्य व्यापी अभियान के तहत गुरूवार से ग्रामीण अवासकर्मियों ने अपना अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू किया। 

पहले दिन तय कार्यक्रम के अनुसार जिला मुख्यालय पर धरना दिया गया। बक्सर में यह धरना किला मैदान परिसर में आयोजित हुआ था। जिसमें ग्रामीण आवास कर्मियों ने सेवा स्थायी करने व मानदेय वृद्धि समेत अपने 16 सूत्री मांगों को जोरदार तरीके से उठाया और कहा कि गुरूवार से राज्य के सभी जिलों के ग्रामीण आवास कर्मी पटना स्थित गर्दनीबाग में धरना पर बैठेंगे। इस दौरान उनका काम पूरी तरह से ठप रहेगा। धरना की अध्यक्षता संघ के जिला उपाध्यक्ष अजय कुमार व संचालन मीडिया प्रभारी उमेश कुमार राणा ने किया। 

वक्ताओं ने ने कहा कि वे हर गांव में पीएम आवास योजना को धरातल पर उतारने का काम करते है। यह केन्द्र व राज्य सरकार का महत्वपूर्ण कार्य। जिन जरूरतमंदों का अपना घर नहीं होता है, उनकी सूची तैयार कर उन्हें आवास योजना का लाभ दिलवाने का काम हम सभी ग्रामीण आवास कर्मी करते है, बावजूद सरकार न तो हमारी नौकरी को स्थानीय कर रही है और न ही सम्मानजनक मानदेय दे रही है। जिससे परिवार का गुजर बसर करना मुश्किल हो रहा है। ग्रामीण आवास सहायकों ने कहा कि जबतक सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करती है तबतक हमलोगों का आंदोलन जारी रहेगा।

इस दौरान ग्रामीण आवास सहायक प्रभा शंकर मिश्र, अजित मिश्र, अमित कुमार गोस्वामी, दिलीप वर्मा, रामाकांत गिरी, उमेश राय, अर्जुन दूबे, किशलय किशोर, संदीप सिंह समेत दर्जनों अन्य ग्रामीण आवास सहायक मौजूद थे।

-- नौकरी स्थायी करने व सम्मानजनक मानदेय है प्रमुख मांग

ग्रामीण आवास सहायकों ने जिन मांगों के समर्थन में यह अनिश्चितकालीन धरना दिया है, सम्मानजनक मानदेय पुनरीक्षण, नौकरी स्थायी करने व राज्यकर्मी का दर्जा देने, स्थायी कर्मियों के अनुरूप सुविधा देने, समान काम का समान वेतन देने, उच्च स्तरीय कमिटि की रिपोर्ट को लागू करने, सामान्य प्रशासन विभाग के

आदेश का पालन करने, सेवा पुस्तिका का संधारण करने, गृह प्रखंड से 15 किलोमीटर तक के प्रखंड में स्थानांतरण करने, ग्रामीण आवास कर्मियों की मृत्यु के बाद आश्रितों को अनुकंपा का लाभ देने, ग्रामीण आवास कर्मियों के साथ होने वाले भयादोहन व अनावश्यक सख्ती पर रोक लगाने, ग्रामीण आवास कर्मियों को अन्य कार्यों में न लगाकर प्रशासनिक दमनात्मक कार्रवाई से बचाने, ग्रामीण आवास कर्मियों को दूसरे काम में प्रतिनियुक्त करने पर उन्हें विशेष भत्ता देने, संविदा रद्द

ग्रामीण आवास कर्मियों को फिर से बहाल करने, रिक्त पदों को भरने के लिए विज्ञापन निकालने, ग्रामीण आवास सहायकों को परीक्षाओं में कार्य अनुभव का वेटेज देने तथा ग्रामीण आवास कर्मियों के पदनाम में संशोधन करते हुए नया पदनाम पंचायत सहायक, प्रखंड लेखापाल एवं प्रखंड पर्यवेक्षक करने की मांग शामिल है। 

-- बड़ी संख्या में धरना-प्रदर्शन में शामिल होंगे ग्रामीण आवास कर्मी

सगासा संघर्ष समन्वय समिति बक्सर के सक्रिय सदस्य प्रभाशंकर मिश्र ने बताया कि गुरूवार से पटना के गर्दनीबाग में आयोजित होने वाले राज्यव्यापी अनिश्चितकालीन धरना कार्यक्रम में पूरे राज्य से बड़ी संख्या में ग्रामीण आवास कर्मी शामिल होंगेे।

उन्होंने कहा कि ग्रामीण आवास सहायकों के प्रति सरकार के उदासीन रवैये तथा उनके खिलाफ दमनात्मक कार्रवाई से राज्यभर के ग्रामीण आवास सहायकों में गहरा आक्रोश है, जिस कारण सभी ग्रामीण आवास कर्मी राज्य व्यापी धरना कार्यक्रम में शामिल होंगे तथा मांगे पूरी होने तक हमलोगों का धरना प्रदर्शन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि पटना में आयोजित धरना में बक्सर जिले के सभी प्रखंडो के ग्रामीण आवास सहायक शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि हमलोगों की मांगे जायज है तथा हमलोग अपनी चट्टानी एकता से इस बार सरकार को झुकने पर मजबूर कर देंगे। 

दूसरी तरफ ग्रामीण आवास सहायकों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाने से ग्रामीण आवास विभाग के कार्य ठप पड़ गए है। गौरतलब हो कि हाल ही में सरकार ने आवास सहायकों से ही सर्वे का काम करवाया था, लेकिन इनके हड़ताल पर चले जाने से आगे का काम प्रभावित होगा।