ट्रेन इंजन के ऊपर पेंटो में फंसे युवक का जलता शव देख मची सनसनी

बलिया छपरा रेलखंड पर शनिवार सुबह बांसडीहरोड स्टेशन पर डाउन 15084 उत्सर्ग एक्सप्रेस के इंजन के ऊपर पेंटो में फंसे एक युवक का जलता शव देखकर सनसनी फैल गयी।

ट्रेन इंजन के ऊपर पेंटो में फंसे युवक का जलता शव देख मची सनसनी
Accident

केटी न्यूज़/बांसडीह

बलिया छपरा रेलखंड पर शनिवार सुबह बांसडीहरोड स्टेशन पर डाउन 15084 उत्सर्ग एक्सप्रेस के इंजन के ऊपर पेंटो में फंसे एक युवक का जलता शव देखकर सनसनी फैल गयी। शव की शिनाख्त फिलहाल नहीं हो पाई। वहीं घटना के बाद रेलवे स्टेशन पर अफरा—तफरी का माहौल रहा।

डाउन उत्सर्ग एक्सप्रेस सुबह 6 बजकर 51 मिनट पर बलिया से छपरा के  लिये खुली तो कुछ देर बाद रघुनाथपुर गांव के समीप रेलवे ट्रैक पर काम कर रहे एक रेलवे के कर्मचारी ने ट्रेन की बोगी के ऊपर एक युवक को बैठे देखा। इसके बाद उसने उसे आवाज लगाई लेकिन गाड़ी आगे बढ़ गयी। इसके बाद उक्त कर्मचारी द्वारा स्थानीय रेलवे क्रासिंग पर तैनात गेटमैन को इसकी सूचना दी। 

सूचना पाकर गेटमैन ने बांसडीह रेलवे स्टेशन मास्टर को इसकी जानकारी दी। जिसके बाद स्टेशन मास्टर द्वारा गाड़ी को रुकवा दिया गया। यात्रियों के अनुसार गाड़ी रुकने के बाद जैसे ही स्टेशन मास्टर व ड्राइवर गार्ड आदि रेलवेकर्मी ऊपर बैठे युवक को नीचे उतारने के लिये आवाज लगाने लगे वह डरकर नीचे उतरने के बजाय इधर उधर भागने लगा।

इसी दौरान वह इंजन के पास पंहुचा जहां इंजन की छत पर लगे पेंटो में प्रवाहित 25 हजार वोल्ट की विद्युत प्रवाह ने उसे दूर से ही अपने चपेट में ले लिया। इसके बाद वहां जोर की आवाज हुई और युवक के कपड़ो में आग लगने के साथ ही उसका शरीर जलने लगा। घटना के बाद स्टेशन मास्टर द्वारा कंट्रोल व यांत्रिकी विभाग को इसकी सूचना दी गयी। जिसके बाद मौके पर यांत्रिक यान लेकर बलिया से पंहुचे यांत्रिक विभाग के कर्मचारियों ने ट्रेन के ऊपर चढ़कर मृतक के बुरी तरह जले शव को बाहर पेंटो से बाहर निकाला और स्ट्रेचर पर लादकर नीचे उतार दिया।

इसके बाद सुचना पाकर पहुचीं जीआरपी ने शव का पंचनामा कर उसे पोस्टमार्टम के लिये भेज दिया। इसे लेकर स्टेशन पर देर तक अफरा तफरी मची रही। बांसडीहरोड की घटना के बाद एक तरफ यांत्रिकी विभाग ने ट्रेन के पेंटो में फंसे शव को बाहर तो निकाल दिया। लेकिन शव फंसने के कारण वहां यांत्रिकी खराबी आ गयी थी।

जिसके बाद काफी देर तक रेलवे विद्युत व यांत्रिक विभाग के कर्मियों द्वारा वहां काम कर मौजूदा खराबी को ठीक किया गया और इसके संबंध में ओवरहेड इक्विपमेंट्स के सुधार के लिए जिम्मेदार ट्रैक्शन डिस्ट्रीब्यूटर को मौके पर बुलाया गया। जिसके द्वारा सुधार प्रमाणित करने के बाद कंट्रोल द्वारा ट्रेन को आगे जाने की अनुमति दी गयी। इस दौरान ट्रेन लगभग तीन घंटे तक बांसडीहरोड रेलवे स्टेशन पर खड़ी रही।