टीबी के नए मरीजों की खोज के लिए हर तीन महीने पर चलाया जाएगा विशेष अभियान
- गत दिनों एक्टिव केस फाइनडिंग अभियान में 24 नए मरीजों की हुई पुष्टि
- टीपीटी के तहत मरीज के साथ-साथ परिजनों को भी दी जाएंगी दवाएं
केटी न्यूज/बक्सर
राष्ट्रीय टीबी उन्मूलन कार्यक्रम को लेकर जिले में गत दिनों एक्टिव केस फाइंडिंग (सक्रिय टीबी रोगी खोज) अभियान चलाया गया। जिसमें कुल 24 टीबी के नए मरीजों की पुष्टि हुई है। जिनका निक्षय पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करते ही इलाज शुरू किया जाएगा। साथ ही, टीबी के संक्रमण प्रसार की जानकारी के लिए इन नए मरीजों के परिजनों और आसपास के लोगों में भी टीबी की जांच की जाएगी। जिसके बाद टीबी प्रीवेंटिव थेरेपी (टीपीटी) कार्यक्रम के तहत टीबी मरीज के साथ-साथ उनके परिजनों को भी टीबी रोधी दवाएं दी जाएंगी। पूर्व में टीपीटी टीबी मरीज के परिवार में पांच साल तक के बच्चों को ही दी जाती थी, लेकिन अब यह पूरे परिवार के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। हालांकि, इसमें उम्र और वजन के अनुसार टीबी मरीज के परिजनों को दवाएं दी जाती हैं । जिससे भविष्य में उनमें टीबी संक्रमण की संभावना को समाप्त किया जा सके।
अभियान में 229 लोगों का लिया गया सैंपल :
जिला यक्ष्मा पदाधिकारी सह डीएलईओ डॉ. शालिग्राम पांडेय ने बताया, सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान 24 मार्च से 13 अप्रैल तक चलाया गया था। जिसमें पूरे जिले के 8302 घरों में जाकर फ्रंटलाइन वर्कर्स ने सर्वे किया। सर्वे में 35,049 लोगों से पूछताछ की गई। जिसमें 3,345 लोगों में टीबी की स्क्रीनिंग की गई। इनमें कुल 261 लोगों में टीबी के लक्षण पाए गए। हालांकि, 211 लोगों के बलगम की जांच की गई। जिसमें टीबी के 24 नए मरीजों की पुष्टि हुई। उन्होंने बताया कि अब विभाग ने निर्णय लिया है कि प्रत्येक तीन माह के अंतराल में विशेष अवधि के लिए सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान चलाया जाएगा। ताकि, टीबी को जड़ से मिटाया जा सके।
निक्षय पोषण योजना के प्रति किया जाएगा जागरूक :
डॉ. शालिग्राम पांडेय ने बताया, टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत सरकार की ओर से टीबी रोगियों के लिए कई योजनाएं संचालित की जा रही हैं, ताकि उन्हें जल्द से जल्द टीबी की बीमारी से निजात दिलाई जा सके। सक्रिय टीबी रोगी खोज अभियान के तहत स्वास्थ्य विभाग की टीम के सदस्यों ने लोगों को टीबी के बारे में जागरूक किया। साथ ही सरकार की ओर से चलाई जा रही निक्षय पोषण योजना के तहत 500 रुपये प्रतिमाह मरीज के खाते में भुगतान किए जाने को लेकर भी विस्तार से बताया जाएगा। साथ ही, उनसे सहमति पत्र (कंसेंट लेटर) लेते हुए निक्षय मित्र योजना का भी लाभ दिया जाएगा। उन्होंने टीबी के नए मरीजों से इलाज के दौरान एक दिन भी टीबी की दवा न छोड़ने की अपील की। टीबी की दवाओं का नियमित रूप से सेवन करना होता है। ऐसा नहीं करने पर मरीज मल्टी ड्रग रेजिस्टेंस(एमडीआर ) टीबी के शिकार हो सकते हैं।