जांच के घेरे में रहेगा सुनीता गुप्ता का कार्यकाल, योजनाओं में अनियमितता की खुलेगी कलई
तीन साल तक नगर परिषद की चेयरमैन सुनीता गुप्ता को होल्डिंग टैक्स बकाया को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पदच्यूत किए जाने की चर्चा रविवार को शहर में होते रही।

- राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निवर्तमान चेयरमैन को पद से हटाए जाने की पूरे दिन शहर में होते रही चर्चा, विकास की रफ्तार थमने की जताई जा रही है आशंका
केटी न्यूज/डुमरांव
तीन साल तक नगर परिषद की चेयरमैन सुनीता गुप्ता को होल्डिंग टैक्स बकाया को लेकर राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा पदच्यूत किए जाने की चर्चा रविवार को शहर में होते रही।
शहर के सभी प्रमुख चौक-चौराहों व नुक्कड़ो पर सुबह से इसी बात पर चर्चा हो रही थी। लोग कई तरह की बातें कर रहे थे। कुछ का कहना था कि चेयरमैन जैसे प्रतिष्ठित पद को पाने के लिए नियमों को ताक पर नहीं रखना चाहिए था तो कुछ का कहना था कि सुनीता गुप्ता के चेयरमैन पद से हटते ही शहर में तेज गति से जारी विकास का रफ्तार थम जाएगा। जबकि कई लोगों ने कहा कि जनता को होल्डिंग टैक्स से राहत नहीं दिलाने का शायद उन्हें पाप लगा है तभी होल्डिंग टैक्स बकाया रहने पर उनकी सरकार गिरी है।
मालूम हो कि यह फैसला राज्य निर्वाचन आयोग, पटना ने बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 18(1)(के) के तहत सुनाया है। आयोग ने यह निर्णय नगर निकाय के पारदर्शी संचालन और विधिसम्मत कार्यप्रणाली को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से लिया है। सुनीता गुप्ता कि बर्खास्तगी के बाद डुमरांव नगर परिषद में सभापति का पद फिलहाल रिक्त हो गया है। नगरपालिक एक्ट के तहत वित्तीय पावर छोड़कर सारी जिम्मेदारियों का निर्वाहन उप चेयरमैन विकास ठाकुर करेंगे। वित्तीय पावर नप ईओ मनीष कुमार के पास चला गया है।
विदित हो कि बिहार नगर पालिका अधिनियम 2007 के अनुसार, यदि किसी कारणवश नगर परिषद का सभापति बर्खास्त या पदच्युत हो जाता है तो उसकी अनुपस्थिति में उपसभापति ही बोर्ड की बैठक बुलाने, उसकी अध्यक्षता करने और आवश्यक निर्णय लेने की शक्तियों का उपयोग कर सकता है। हालांकि वित्तीय शक्तियां अभी भी नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी के पास रहेंगी। इस निर्णय के बाद परिषद के संचालन में तत्कालिक स्थिरता बनी रहे, इसके लिए उपसभापति को अधिकार सौपा जा सकता है। वहीं नियमानुसार, बर्खास्त सभापति के स्थान पर नए सभापति के चुनाव की प्रक्रिया छह माह के भीतर पूरी कर लेना है। निर्वाचन आयोग के दिशा-निर्देशों के तहत डुमरांव नगर परिषद में इस संबंध में चुनावी प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी।
सीधे जनता से वोट से चुनाव जीतने वाली पहली चेयरमैन बनी थी सुनीता गुप्ता
गौरतलब है कि सुनीता गुप्ता डुमरांव नगर परिषद की पहली ऐसी महिला चेयरमैन बनी थीं, जिन्हें सीधे जनता के वोट से सभापति पद पर चुना गया था। उनके कार्यकाल को लेकर शुरू से ही कई चर्चाएं रही हैं, लेकिन अपने चुनावी घोषणा पत्र में जिस होल्डिंग टैक्स को हटाने का वादा किया था, आज उसी होल्डिंग टैक्स के मुद्दे ने उनकी राजनीतिक यात्रा पर विराम लगा दिया। गौरतलब हो कि उनके पूरे कार्यकाल में नगर परिषद क्षेत्र में होल्डिंग टैक्स का मुद्दा गरमाया रहा। इस दौरान लोगों द्वारा कई बार होल्डिंग टैक्स को लेकर आंदोलन भी किया था, बावजूद नगर परिषद द्वारा होल्डिंग टैक्स को कम नहीं किया गया था, लेकिन खुद चुनाव लड़ने से पहले अपनी संपतियों का होल्डिंग टैक्स जमा नहीं किया था, जिस कारण उन्हंे अपनी कुर्सी गंवानी पड़ी है।
चुनावी शपथ पत्र में नहीं किया था कई संपतियों का जिक्र
चुनाव के दौरान दाखिल शपथ पत्र में सुनीता गुप्ता ने नगर परिषद क्षेत्र में स्थित अपनी तथा अपने पति प्रताप नारायण गुप्ता की कई सम्पतियों का जिक्र नहीं किया था और नहीं चुनाव वर्ष के पूर्व के वित्तीय वर्ष में होल्डिंग टैक्स ही जमा किया था, जो बिहार की धारा 445 के प्रावधानों का उल्लंघन है। इसी की पुष्टि होने पर बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 की धारा 18 ए के तहत उन्हें राज्य निर्वाचन आयोग ने अयोग्य घोषित करते हुए पदच्यूत कर दिया है।
बता दें कि वादी आशा देवी द्वारा अपने वाद में आरोप लगाया गया था कि सुनीता गुप्ता ने अपने चुनावी शपथ पत्र में चार संपति का ब्योरा अंकित किया है, जिसमें एक संपति का होल्डिंग टैक्स ही जमा किया गया है, इसके अलावे उनके पति के नाम पर भी नप क्षेत्र में कई मकान व भूखंड हैं, जिसे शपथ पत्र में नहीं दर्शाया गया था और नहीं होल्डिंग टैक्स ही जमा किया गया था। आशा देवी ने प्रमाण के लिये मुसमात चंपा देवी द्वारा सुनीता गुप्ता को बख्शीश की गई दो संपतियों के अलावे मोती लाल गोंड तथा अन्य से खरीदी गई सुनीता गुप्ता के नाम से और उनके पति द्वारा खरीदी गई संपतियों का व्योरा दिया था, जिसका सत्यापन जिला प्रशासन से करवाया गया था, जिला प्रशासन के प्रतिवेदन में आशा देवी द्वारा लगाए गए आरोपों को सत्य पाया गया।
क्या कहना है सुनीता गुप्ता का-
इस संबंध में जब सुनीता गुप्ता से बात की गई तो उनका कहना है कि जिस भूमि का जिक्र हो रहा है, वह टाइटल सूट यानी न्यायिक विवाद में चल रही है, और इसी कारण उन्होंने उस पर होल्डिंग टैक्स नहीं जमा किया था। हालांकि निर्वाचन आयोग ने इस तर्क को स्वीकार नहीं किया और उन्हें पद से बर्खास्त कर दिया। हालंकी मैं डुमरांव शहर के विकास के लिये कृत संकल्पित हूं और सदेव रहूंगी।
क्या कहना है वादी सुनीता गुप्ता का-
इस संबंध में जब वादी आशा देवी से बात की गई तो उन्होंने कहा की यह जनता की जीत है, शहर को लूटने नहीं दिया जाएगा। इनके कार्यकाल में जितनी योजनाओं पर कार्य किये गए हैं, सभी की जांच भी कराई जाएगी।