मची अफरा-तफरी : अस्पताल में नवजात की मौत, भिड़े ससुराल व मायके पक्ष के लोग

मची अफरा-तफरी : अस्पताल में नवजात की मौत, भिड़े ससुराल व मायके पक्ष के लोग
प्रसूति वार्ड में लेती महिला और आसपास मौजूद परिजन

 - नवजात की मौत के लिए दोनों पक्ष एक-दूसरे को ठहरा रहा था जिम्मेदार 

केटी न्यूज/आरा 

सदर अस्पताल, आरा में जन्म के बाद नवजात की मौत पर हंगामा मच गया। जिसके बाद उसके घर और ननिहाल के लोग आपस में भिड़ गए। मामला गाली-गलौज और हाथापाई तक पहुंच गया था नवजात के शव छीनाझपट भी हुई। घटना बुधवार की रात की है। हालांकि, बाद में अस्पताल  सुरक्षाकर्मियों और स्वास्थ्य कर्मियों की ओर से समझा-बुझाकर सभी को शांत कराया गया। 

मामले में बताया जाता है कि रोहतास जिला के बिक्रमगंज गांव निवासी अब्दुल रहमान की 20 वर्षीय पत्नी अफसाना खातून को प्रसव होने वाला था। उसे लेकर वह गत एक फरवरी को अपने मायके टाउन थाना क्षेत्र के अबरपुल आयी थी। बुधवार की सुबह उसे डिलेवरी पेन होने लगा। उसके बाद मायके वालों द्वारा उसे प्रसव के लिए सदर अस्पताल लाया गया था। वहां डॉक्टर द्वारा जांच रिपोर्ट आने के बाद पेट में पानी कम होने की बात कह ऑपरेशन करने की सलाह दी गई थी। लेकिन उसके पति अब्दुल रहमान और ससुराल वालों द्वारा ऑपरेशन कराने से मना कर दिया गया। कहा गया है कि नॉर्मल तरीके से ही प्रसव कराया जाये। उसके बाद डाक्टरों द्वारा किसी तरह नॉर्मल डिलेवरी कराई गई। उसे बेटा पैदा हुआ, लेकिन बच्चे रोया नहीं। उसके बाद नवजात को एसएनसीयू में रखा गया। जहां कुछ ही देर बाद बच्चे की मौत हो गई। 

ऑपरेशन और नॉर्मल प्रसव को लेकर उठा विवाद 

नवजात की मौत के बाद अफसाना खातून मायके और ससुराल वाले आपस में भिड़ गए। दोनों पक्ष एक दूसरे पर लापरवाही बरतने के कारण बच्चे की मौत होने का आरोप लगाते रहे। एक तरफ मायके वाले उसके ससुराल वालों पर आरोप लगाया कि डॉक्टर ने ऑपरेशन को कहा तो तुमने मना क्यों कराया। ऑपरेशन नहीं होने के कारण ही बच्चे की मौत हो गई है। वहीं दूसरी तरफ ससुराल वालों की ओर से मायके वालों पर पैदा होते ही बच्चे को घर ले जाने और ध्यान सही से नहीं रखने का आरोप लगाया जा रहा था। उसके बाद अफसाना खातून के ससुराल वाले अपने मृत नवजात को लेकर अपने घर बिक्रमगंज वापस लौट गए। अफसाना को अस्पताल में ही छोड़ दिया। 

डॉक्टर ने उसे ऑपरेशन करने की सलाह दी थी 

मृत नवजात के नाना मो. मुमताज ने बताया कि उन्होंने अपनी बेटी का निजी अस्पताल में इलाज कराया था। डॉक्टर ने उसे ऑपरेशन करने की सलाह दी थी। लेकिन उसके पति द्वारा ऑपरेशन नहीं होने दिया। उसका कहना था कि नॉर्मल ही बच्चा चाहिए। उसकी जिद थी कि प्रसव सरकारी अस्पताल में और नॉर्मल ही पैदा होगा। उसके बाद बेटी को सदर अस्पताल लाया गया था। वहां उसका नॉर्मल प्रसव कराया गया। लेकिन  पैदा होते ही बच्चे की स्थिति काफी बिगड़ गई और कुछ ही बाद उसकी मौत हो गई। बच्चे की मौत के बाद वे लोग नवजात के शव को अपने घर अबरपुल ले गए। वहां बच्चे के घर वाले धमक गये और गाली-गलौज करने लगे। उसके बाद वेलोग बच्चे को छीन कर अपने साथ लेकर चले गए।