महाकाल मंदिर के पीछे कूड़ा डम्प करने का हुआ विरोध, लोगों में आक्रोश नप कर्मी परेशान
आए दिन कूड़े को नहर किनारे चाट में, शहर के संपर्क रोड के किनारे कूड़े को डंप कर दिया जाता है। कूड़े को डंप कर दिये जाने को लेकर नप को काफी विरोध का सामना करना पड़ा है। कई स्थानों पर से कूड़े का उठाव भी किया गया और कुछ स्थानों पर जमा कूड़े को समतल किया गया। सोमवार को महाकाल मंदिर के पीछे कूड़ा डंप किये जाने को लेकर तुरहा समाज के लोगों ने ऐतराज करते हुए उसे रोक दिया।

-- सफाई एनजीओ और मोहल्लेवासियों में हुई तीखी बहस, नहीं हुआ कूड़ा डंप
केटी न्यूज, डुमरांव।
आए दिन कूड़े को नहर किनारे चाट में, शहर के संपर्क रोड के किनारे कूड़े को डंप कर दिया जाता है। कूड़े को डंप कर दिये जाने को लेकर नप को काफी विरोध का सामना करना पड़ा है। कई स्थानों पर से कूड़े का उठाव भी किया गया और कुछ स्थानों पर जमा कूड़े को समतल किया गया। सोमवार को महाकाल मंदिर के पीछे कूड़ा डंप किये जाने को लेकर तुरहा समाज के लोगों ने ऐतराज करते हुए उसे रोक दिया।
फिर नप कर्मी और सफाई एनजीओ के सुपरवाइजर उक्त स्थान पर पहुंचे और वहां के लोगों से बात की, फिरभी कोई बात नहीं बनी और कूड़े को नहीं गिरने दिया। आखिरकार कूड़े को दूसरी जगह डंप किया गया। मालूम हो कि इसी विरोध को लेकर सफाई एनजीओ के द्वारा सिमरी रोड में लीज पर जमीन ली गई है। उसी जमीन पर कूड़े को डंप किया जाता है। लोगों का कहना है कि जब नप के द्वारा कूड़े को डंप करने के लिये जमीन लीज पर ले लिया गया है
और वहां डंप किया जाता है तो फिर ऐसा क्या हो गया की महाकाल मंदिर के पीछे किया जा रहा है। मालूम हो कि शहर से दो दिनों से कूड़े का उठाव नहीं हुआ है, जिससे हर चौक-चौराहों पर कूड़े का ढेर लग गया है। बारिश होने से कूड़े से दुर्गंध निकलने लगा है, जिससे लोगों को रोड और गली से गुजरना मुश्किल हो गया है। वहीं कूड़ा चारो तरफ फैल रोड और गली को जाम तो कर ही दिया है, नालियों को भी भर दिया है,
जिससे जलजमाव की समस्या भी उत्पन्न हो गई है। शहर से सफाई नहीं होने से नगरवासियों के द्वारा तरह-तरह की बातें कही जा रही है। इनका कहना था कि हर माह सफाई में नप 90 लाख रूपया खर्च करात है, बावजूद नगर की सफाई सही से नहीं हो रही है। जहां डोर टू डोर सफाई करना है, वहां सप्ताह में एक या दो दिन ही होती है। ऐसे में सहज अनुमान लगाया जा सकता है कि शहर की सफाई व्यवस्था किस कदर धराशायी हो गई है।