दो साल बाद 25 अक्टूबर को लगेगा इस साल का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण

दो साल बाद 25 अक्टूबर को लगेगा इस साल का सबसे बड़ा सूर्य ग्रहण

केटी न्यूज/बक्सर

सूर्य ग्रहण 25 अक्टूबर को मंगलवार के दिन तुला राशि में लगने जा रहा है। यह सूर्यग्रहण भारत में दिखने वाला पहला सूर्यग्रहण होगा। यह सूर्य ग्रहण 4 घंटे 3 मिनट तक रहेगा। 2019, 2020 के बाद यह बड़ा सूर्यग्रहण भारत में दिखेगा। 2019 और 2020 में जब सूर्यग्रहण लगा था तो देश दुनिया पर इसका व्यापक असर देखा गया था। अबकी बार लगने वाला सूर्यग्रहण भी काफी प्रभावशाली माना जा रहा है। यह सूर्य ग्रहण इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि इसका सूतक दिवाली की रात से ही लग रहा है। आइए जानते हैं सूर्यग्रहण का समय, परमग्रास और सूतक का समय विस्तार से। सूर्यग्रहण लगभग पूरे भारत में दिखाई देगा। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार, सूर्यग्रहण के तुरंत बाद लोगों को स्नान करने के बाद जप और पूजा पाठ करना चाहिए। इसके अलावा कार्तिक मास की अमावस्या को सूर्य ग्रहण घटित होने से इस दिन तीर्थ स्नान, दान करने का विशेष महत्व होगा। शास्त्रों में बताया गया है कि इस तरह की गतिविधियों के बाद मनुष्य का शरीर अपवित्र हो जाता है। इसलिए स्नान करना बेहद जरूरी होता है। दरअसल, धार्मिक मान्यताएं कहती है कि सूर्य ग्रहण राहु और केतु के कारण लगता है। इससे नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव बढ़ जाता है।

ग्रहण की कुल अवधि रहेगी 40 मिनट 

इस संबंध में ज्योतिषाचार्य पंडित नरोत्तम द्विवेदी ने बताया कि 25 अक्टूबर को भौमवती अमावस्या है। इस तिथि भोग 04:35 सायंकाल तक है। स्वाति नक्षत्र और तुला राशि पर ग्रस्तास्त खण्ड सूर्यग्रहण सायंकाल 04:42 स्पर्श, ग्रहण मध्य 05:14, मोक्ष 05:22 सूर्यास्त। कुल ग्रहण अवधि 40 मिनट। स्वाति नक्षत्र तुला राशि वालों को यह ग्रहण नहीं देखना चाहिये। उन्होंने बताया कि बक्सर में 04:42 से 05:18 तक सूर्यग्रहण दीखेगा। सूर्यास्त समय होने से ग्रहण खुली आंख से भी दीखेगा। उन्होंने बताया कि ग्रहण के दिन सूर्य दिवाली की रात देवी लक्ष्मी की आराधना और मंत्र जप करना बहुत ही शुभ फलदायी रहेगा। दिवाली की रात सूतक लग जाने के बाद से मंदिर के दरवाजे बंद हो जाएंगे और ग्रहण संबंधी नियमों का पालन, देवी-देवताओं का स्पर्श 24 तारीख की रात से अगले दिन शाम तक नहीं किया जाएगा।

राशिनुसार ग्रहण फल :

मेष-स्त्री पीड़ा

वृष-सुख वृद्धि

मिथुन-चिन्ता, व्याकुलता

कर्क-व्यथा, निराशा

सिंह-श्री प्राप्ति,धनलाभ

कन्या-हानि, क्षति भय

तुला-घात,शत्रुभय

वृश्चिक-धन हानि

धनु-लाभ

मकर-सुख वृद्धि

कुंभ-मान हानि

मीन-मृत्यु तुल्य कष्ट,अरिष्ट भय