हर पंचायतों में बन रहा वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट, लेकिन शहर में यूं ही फेंका जा रहा है कूड़ा कचरा
- लाखों खर्च के बावजूद डंपिंग जोन के अभाव में डुमरांव में सिफर है सफाई व्यवस्था
- भोजपुर राजवाहा मार्ग के किनारे हर दिन फेंका जा रहा है कई क्वींटल कचरा
- कभी भी हो सकता है डेंगू, मलेरिया, चिकनगुनिया, हैजा जैसे महामारियों का विस्फोट
केटी न्यूज/डुमरांव
सूबे को स्वच्छ व सुंदर बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा इन दिनों लोहिया स्वच्छ बिहार अभियान का दूसरा फेज चलाया जा रहा है। जिसके तहत गांवों में भी अब स्वच्छता की अलख जगाई जा रही है। हर पंचायतों में अब शहरों की तर्ज पर डोर टू डोर कूड़ा का उठाव किया जा रहा है। कूड़ा कचरा के समुचित निस्तारण के लिए वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण भी युद्ध स्तर पर चल रहा है। बता दें कि इसके पहले फेज में शहरी क्षेत्रों में भी वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट बनवाया गया था। लेकिन ताज्जूब कि डुमरांव नगर परिषद क्षेत्र में अभी तक वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट धरातल पर नहीं उतर सका है। जिस कारण लोगों के घरों से निकलने वाले कूड़ा कचरा को सफाई कर्मी विभिन्न सड़कों के किनारे यूं ही फेंकने को मजबूर होते है। लिहाजा हर महीने लाखों खर्च के बावजूद शहर में स्वच्छता अभियान का परिणाम सिफर नजर आ रहा है। इस बात की तस्दीक भोजपुर राजवाहा पथ के किनारे वार्ड नंबर 33 के क्षेत्र में की जा सकती है। इस सड़क के करीब 100 मीटर के दायरें में कूड़े का अंबार लगा हुआ है। कूड़े के ढेर से उठने वाला सड़ांध फिजा में जहर घोलने के साथ आस पास के लोगों में डेंगू, मलेरियां, चिकनगुनिया, हैजा जैसे महामारियों के विस्फोट का संदेश दे रहा है। लेकिन सबकुछ जानते हुए भी नगर परिषद प्रशासन इस समस्या के समाधान के बजाय बेफिक्र बना हुआ है। केशव टाइम्स की टीम ने इस गंभीर मसले पर स्थानीय लोगों की रायशुमारी ली है। पेश है उनकी प्रतिक्रिया-
1 - नरसिंह पहलवान - पूर्व वार्ड पार्षद नरसिंह पहलवान ने कहा कि सफाई के नाम पर नगर परिषद में लूट मची है। सार्वजनिक स्थान, नदी, तालाब, मंदिर और स्कूलों के करीब कूड़ा कचरा नहीं फेंकना है। लेकिन नगर परिषद इसका उल्लंघन कर रही है।
2 - मोहन कुमार - युवा सामाजिक कार्यकर्ता मोहन कुमार ने बताया कि कूड़ा कचरा फेंके जाने से राजवाहा मार्ग से गुजरना मुश्किल हो गया है। पहले इस मार्ग पर हर दिन दर्जनों की तादात में स्थानीय निवासी मार्निंग वाक कर स्वास्थ्य लाभ लेते थे। लेकिन अब दुर्गंध के कारण उस रास्ते से गुजरने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
3 - तेतरी देवी - गृहिणी तेतरी देवी की माने तो नहर मार्ग पर हर दिन बड़े पैमाने पर कूड़ा कचरा फेंका जाता है। जिससे उठने वाले दुर्गंध से अब घर में रहना भी मुश्किल हो रहा है। हर समय महामारी फैलने का खतरा बना रहता है।
4 - अजीत कुमार - वार्ड 33 निवासी अजित कुमार की माने तो उनके वार्ड में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। उन्होंने कहा कि यह वार्ड पिछड़ा, अतिपिछड़ा तथा अनुसूचित जाति बहुल क्षेत्र है। नगर परिषद प्रशासन जानबूझकर उनके वार्ड में कूड़े का डंपिंग करा रहा है। उन्होंने कहा कि जल्दी इस मुद्दे पर बड़ा आंदोलन होगा।
5 - अभय कुमार यादव - अभय कुमार यादव ने बताया कि नगर परिषद प्रशासन से कई बार कूड़ा कचरा को अन्यत्र फेंकने की गुहार लगाई गई। बावजूद नगर परिषद प्रशासन द्वारा अबतक इस ओर ध्यान नहीं दिया गया। जिससे अब स्थिति गंभीर हो गई है।
6 - संतोषी देवी - संतोषी देवी की माने तो नहर के किनारे कूड़ा कचरा फेंके जाने से हर समय महामारी फैलने का खतरा बना रहता है। पहले से ही हमारे वार्ड में जलजमाव की समस्या गंभीर थी, अब कूड़ डंप किए जाने से जीना मुहाल हो गया है।
7 - फूल कुमारी देवी - नगर परिषद द्वारा हर घर से कूड़े का उठाव तो करवाया जाता है लेकिन उसका समुचित निस्तारण नहीं कराए जाने से सफाई व्यवस्था का लाभ नहीं मिल पा रहा है। बल्कि नहर किनारे कूड़ा कचरा फेंके जाने से शहर की सूरत बिगड़ रही है।
8 - लक्ष्मीनिया देवी - लक्ष्मीनिया देवी की मानें तो इस पथ पर दर्जनों महिलाएं इस पथ पर शाम में टहलने और महाकाल मंदिर में दर्शन करने जाती थी। लेकिन कूड़ा कचरा फेंके जाने से अब महिलाएं घर से बाहर नहीं निकल पा रही है। घर में भी कूड़े के ढेर से उठने वाले दुर्गंध का सामना करना पड़ता है।
क्या कहती है वार्ड पार्षद
वार्ड 33 में सफाई व्यवस्था लचर है। नहर किनारे कूड़ा डंपिंग नहीं करने के लिए नगर परिषद प्रशासन को दो बार आवेदन दी हूं, लेकिन नगर परिषद प्रशासन उदासीन बना हुआ है। सफाई कर्मी भी नियमित नहीं आते है। सार्वजनिक शौचालयों की स्थिति बदहाल है। कचरा डंपिंग के साथ ही इस वार्ड में जल जमाव की समस्या भी काफी गंभीर है। जल्दी ही इन मुद्दों पर जल आंदोलन किया जाएगा। - मीरा देवी, पार्षद, वार्ड 33
कहते है कार्यपालक पदाधिकारी
डुमरांव में वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट के निर्माण के लिए जगह का अभाव है। सोवां में जगह मिल रहा है। वहा एनओसी लेने के बाद वेस्ट प्रोसेसिंग यूनिट का निर्माण करवाया जाएगा। जगह के अभाव में ही नहर के किनारे अस्थायी रूप से कूड़ा डंपिंग हो रहा है। - अनिरूद्ध प्रसाद, ईओ, नगर परिषद डुमरांव