भोजपुर में मां के साथ गंगा स्नान करने गये किशोर की डूबने से मौत, मचा कोहराम

भोजपुर में मां के साथ गंगा स्नान करने गये किशोर की डूबने से मौत, मचा कोहराम

- सिन्हा घाट पर डूबकी लगाने में गहरे पानी में डूबा छात्र, अस्पताल जाने के दौरान गई जान

- गोताखोरों की मदद से बचा मौसेरा भाई,

केटी न्यूज/आरा।

जिले के बड़हरा प्रखंड के सिन्हा घाट के समीप रविवार की सुबह गंगा नदी में डूबने से स्नातक के छात्र की मौत हो गयी। वह अपनी मां और मौसेरे भाई के साथ गंगा स्नान करने सिन्हा घाट गया था। हालांकि घाट पर मौजूद लोगों के प्रयास से उसके मौसेरे भाई को बचा लिया गया। मृत छात्र टाउन थाना क्षेत्र के पश्चिम टोला नाला मोड़ निवासी कुमार गौरव का 19 वर्षीय पुत्र उत्कर्ष ओझा उर्फ राजा था।वह स्नातक पार्ट वन का छात्र था और देहरादून में रह एनडीए की तैयारी कर रहा था। स्नातक की परीक्षा देने के लिए वह हाल में ही आरा आया था। उसके पिता कुमार गौरव बिजली विभाग में एक्सक्यूटिव असिस्टेंट हैं। घटना को लेकर लोगों के बीच अफरा-तफरी मची रही। 

उसके पिता ने बताया कि रविवार की सुबह करीब छह बजे उत्कर्ष अपनी मां और मौसेरे भाई अभिनंदन के साथ गंगा स्नान करने सिन्हा गया था। नहाने के दौरान दोनों डूबने लगे। तब मौजूद लोगों द्वारा किसी तरह उसके मौसेरे भाई अभिनंदन को तो बचा लिया गया। लेकिन गहरे पानी में चले जाने के कारण उत्कर्ष डूब गया। उसके बाद स्थानीय गोताखोरों की मदद से उसे बाहर निकाला गया और आनन-फानन में इलाज के लिए आरा सदर अस्पताल लाया गया। वहां डाक्टर द्वारा उसे मृत घोषित कर दिया गया। वहीं मौत की सूचना पर नगर थाने की पुलिस सदर अस्पताल पहुंची और शव पोस्टमार्टम करवाया गया। मौसे

रे भाई के साथ गंगा स्नान को गया था उत्कर्ष :

कुमार गौरव ने बताया कि पुत्र उत्कर्ष अपनी मां और मौसेरे भाई के साथ सुबह ही गंगा स्नान करने सिन्हा घाट गया था। कुछ देर बाद वहां से कॉल आयी कि बाबू गंगा में डूब गया है। नहीं मिल रहा है। उस पर भागकर सिन्हा गंगा घाट पहुंचे। तब स्थानीय लोगों की मदद से उत्कर्ष को बाहर निकाल गया। उसके बाद तुरंत अस्पताल ले जाया गया।‌ वहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया गया। 

मां के सामने गंगा में डूब गया इकलौता चिराग :

शहर के पश्चिमी टोला नाला मोड निवासी कुमार गौरव और उनकी पत्नी नीता के लिए रविवार का दिन काला साबित हुआ। गंगा स्नान करने के चक्कर में दंपती ने अपने इकलौते बेटे को खो दिया। चैती छठ के एक रोज मोक्षदायिनी और पापनाशिनी गंगा उनके इकलौते बेटे को लील गयी। मां नीता देवी की आंखों के सामने उत्कर्ष गंगा में डूब गया। उससे नीता देवी का रो-रोकर बुरा हाल था। बेटे के शव से लिपट वह बार बार अचेत हो जा रही थी। पिता कुमार गौरव भी बेटे के वियोग में बिलख रहे थे। वह बार-बार कह रहे थे की पापा मैं एक दिन एनडीए में  बड़ा अफसर बनूंगा। आप का सपना साकार कर दूंगा। अब मेरा इस दुनिया मे कोई नहीं है। भगवान ने बुढ़ापे का सहारा भी छीन लिया।