चक्की महाजी डेरा के पास गंगा में डूबकर युवक की मौत, परिजनों में कोहराम
चक्की प्रखंड अंतर्गत ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र के जवही दियर के महाजी डेरा के समीप सोमवार सुबह एक युवक की गंगा नदी में डूबकर मौत हो गई। बघटना मृतक की पहचान 22 वर्षीय गणेश शर्मा उर्फ बिट्टू शर्मा, पिता अशोक शर्मा के रूप में हुई है। यह घटना सुबह करीब 8 बजे की है, जब बिट्टू अपने खेत की ओर जा रहा था। बताया जा रहा है कि रास्ते में पैर फिसलने के कारण वह उफनाई गंगा में गिर गया और देखते-देखते गहरे पानी में डूब गया।

-- प्रशासन की लापरवाही से ग्रामीण आक्रोशित, जवही गांव का रहने वाला था मृतक, ग्रामीण गोताखोरों ने एक घंटे बाद निकाला शव
केटी न्यूज/चक्की
चक्की प्रखंड अंतर्गत ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र के जवही दियर के महाजी डेरा के समीप सोमवार सुबह एक युवक की गंगा नदी में डूबकर मौत हो गई। बघटना मृतक की पहचान 22 वर्षीय गणेश शर्मा उर्फ बिट्टू शर्मा, पिता अशोक शर्मा के रूप में हुई है। यह घटना सुबह करीब 8 बजे की है, जब बिट्टू अपने खेत की ओर जा रहा था। बताया जा रहा है कि रास्ते में पैर फिसलने के कारण वह उफनाई गंगा में गिर गया और देखते-देखते गहरे पानी में डूब गया।
घटना की खबर मिलते ही गांव में अफरा-तफरी मच गई। ग्रामीणों की मदद से करीब एक घंटे के बाद स्थानीय गोताखोरों ने कड़ी मशक्कत के बाद युवक के शव को बाहर निकाला, लेकिन तबतक बहुत देर हो गई थी। इस दर्दनाक हादसे ने पूरे गांव को गमगीन कर दिया है। मृतक के घर में कोहराम मच गया है। परिजन रो-रोकर बेसुध हो गए हैं। गांव में शोक का माहौल है और हर कोई प्रशासन की उदासीनता पर आक्रोशित नजर आ रहा है।
घटना के बाद ग्रामीणों ने तुरंत स्थानीय प्रशासन को इसकी जानकारी दी, लेकिन घंटों बीत जाने के बावजूद कोई अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। जवही पंचायत के मुखिया ओमप्रकाश यादव ने बताया कि सुबह से ही प्रशासन के विभिन्न अधिकारियों को कई बार फोन किया गया, लेकिन किसी ने कॉल रिसीव नहीं किया। अंततः कई प्रयासों के बाद पुलिस अधीक्षक शुभम आर्या ने फोन उठाया और मामले को गंभीरता से लेने की बात कही। बावजूद इसके, दोपहर एक बजे तक कोई भी अधिकारी या आपदा प्रबंधन की टीम मौके पर नहीं पहुंची थी।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि बाढ़ग्रस्त इलाकों में प्रशासन की लापरवाही लगातार सामने आ रही है। हर साल गंगा के पानी से इस क्षेत्र में खतरा बना रहता है, लेकिन प्रशासन की ओर से न तो सुरक्षा इंतजाम किए जाते हैं और न ही आपदा के वक्त त्वरित कार्रवाई होती है। लोगों ने कहा कि अगर समय रहते राहत टीम या प्रशासनिक अधिकारी पहुंचते तो शायद युवक की जान बचाई जा सकती थी।
वहीं, घटना की सूचना मिलते ही बक्सर जिला परिषद के चेयरमैन सरोजा देवी के प्रतिनिधि परमानंद यादव मौके पर पहुंचे। उन्होंने पीड़ित परिवार से मिलकर उन्हें सांत्वना दी और हर संभव मदद का आश्वासन दिया। चेयरमैन ने बताया कि उन्होंने स्वयं जिलाधिकारी डॉ. विद्यानंद सिंह से बात कर पीड़ित परिवार को सरकारी मुआवजा दिलाने की मांग की है। उन्होंने प्रशासन से यह भी मांग की कि बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में निगरानी बढ़ाई जाए और आपदा प्रबंधन दल को सक्रिय किया जाए ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों।
इस घटना ने प्रशासन की संवेदनहीनता को उजागर कर दिया है। जब एक आम ग्रामीण संकट में होता है, तो मदद पहुंचने में घंटों लग जाते हैं। नतीजा यह होता है कि किसी का बेटा, भाई या पिता असमय काल के गाल में समा जाता है। ग्रामीणों की मांग है कि सरकार इस तरह की घटनाओं को गंभीरता से ले, बाढ़ग्रस्त इलाकों की नियमित निगरानी करे, साथ ही आपदा प्रबंधन तंत्र को बेहतर बनाए।
-- गांव में पसरा है मातमी सन्नाटा
लोग गणेश शर्मा के अचानक यूं चले जाने को अभी तक स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। युवा उम्र में एक होनहार बेटे की असमय मौत से पूरे क्षेत्र में शोक की लहर है। ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि पीड़ित परिवार को शीघ्र आर्थिक सहायता दी जाए और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए ठोस कदम उठाए जाएं। वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि वह काफी होनहार था तथा पढ़ाई के साथ ही महाजी डेरा के समीप कोलईवर तटबंध पर बाइक की मरम्मत कर अपने परिवार के भरण पोषण में सहायक था।
उसकी मौत की खबर के बाद से ही परिवार पर मानो गम का पहाड़ टूट गया है। मौके पर पहुंची ब्रह्मपुर थाने की पुलिस ने शव को कब्जे में ले पोस्टमार्टम के लिए बक्सर अनुमंडलीय अस्पताल भेजी। ब्रह्मपुर पुलिस का कहना है कि पीड़ित परिवार को उचित मुआवजे की अनुशंसा की जाएगी।