कैमूर स्टेट हाइवे पर हादसा, मवेशी बचाने में युवक की जान गई
कैमूर स्टेट हाइवे पर बुधवार को हुए दर्दनाक हादसे ने एक परिवार की खुशियां छीन लीं और इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी। मुफस्सिल थाना क्षेत्र के अखौरीपुर गोला और बनारपुर के बीच हुई इस दुर्घटना में सोनपा निवासी तारकेश्वर प्रसाद के 24 वर्षीय पुत्र सोनू कुमार की मौत हो गई। सोनू चौसा सीएचसी में फर्माशिष्ट के बेटे थे और उनकी असमय मौत से न केवल परिवार बल्कि स्वास्थ्यकर्मी भी गहरे सदमे में हैं।

-- अस्पताल कर्मी का पुत्र सोनू बना सड़क सुरक्षा की लापरवाही का शिकार, ग्रामीणों में आक्रोश
केटी न्यूज/चौसा
कैमूर स्टेट हाइवे पर बुधवार को हुए दर्दनाक हादसे ने एक परिवार की खुशियां छीन लीं और इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी। मुफस्सिल थाना क्षेत्र के अखौरीपुर गोला और बनारपुर के बीच हुई इस दुर्घटना में सोनपा निवासी तारकेश्वर प्रसाद के 24 वर्षीय पुत्र सोनू कुमार की मौत हो गई। सोनू चौसा सीएचसी में फर्माशिष्ट के बेटे थे और उनकी असमय मौत से न केवल परिवार बल्कि स्वास्थ्यकर्मी भी गहरे सदमे में हैं।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, सोनू अस्पताल से घर लौट रहे थे। इसी दौरान सड़क पर अचानक एक मवेशी आ गया। उसे बचाने के प्रयास में उनकी बाइक सामने से आ रहे ई-रिक्शा से टकरा गई। टक्कर इतनी जोरदार थी कि बाइक अनियंत्रित होकर पलट गई। हादसे में सोनू गंभीर रूप से घायल हो गए, वहीं ई-रिक्शा पर सवार कोचाढ़ी गांव निवासी 16 वर्षीय अल्ताफ भी घायल हो गया।
स्थानीय ग्रामीणों ने फौरन एंबुलेंस बुलाकर दोनों घायलों को चौसा सीएचसी पहुंचाया। डॉक्टरों ने सोनू की गंभीर स्थिति को देखते हुए पहले सदर अस्पताल और बाद में वाराणसी रेफर कर दिया। लेकिन, बेहतर इलाज के लिए वाराणसी ले जाते वक्त रास्ते में ही उनकी मौत हो गई। उधर, घायल अल्ताफ को प्राथमिक उपचार के बाद घर भेज दिया गया।
सोनू के घर जैसे ही हादसे की खबर पहुंची, परिजनों पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। बताया जाता है कि तारकेश्वर प्रसाद के दो पुत्र थे और सोनू छोटा बेटा था। उनका स्वभाव बेहद मृदुल और मिलनसार था। उनकी असमय मौत से न केवल परिवार बल्कि चौसा अस्पताल के कर्मी भी आहत हैं। अस्पताल में सहकर्मी उन्हें एक होनहार और संवेदनशील युवक के रूप में याद कर रहे हैं।
-- सड़क सुरक्षा पर फिर उठे सवाल
ग्रामीणों ने इस हादसे को प्रशासनिक लापरवाही और सड़कों पर अनियंत्रित घूम रहे मवेशियों का नतीजा बताया। उनका कहना है कि कैमूर स्टेट हाइवे पर अक्सर मवेशी खुले में घूमते रहते हैं, जिससे आए दिन हादसे होते रहते हैं। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से मांग की है कि सड़क पर घूमने वाले मवेशियों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं और यातायात व्यवस्था सुधारी जाए।
-- शोक में डूबा इलाका
सोनू की मौत ने पूरे इलाके को गहरे शोक में डाल दिया है। उनकी असमय विदाई ने न केवल उनके परिवार बल्कि समाज को भी झकझोर दिया है। गांव के लोग कहते हैं कि अगर सड़क सुरक्षा पर ध्यान दिया जाता तो आज सोनू जिंदा होते। इस हादसे ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि आखिर कब तक लोग सड़कों पर फैली अव्यवस्था और लापरवाही के कारण अपनी जान गंवाते रहेंगे।