गोवर्धन पूजा पर धूमधाम से मनाया गया अन्नकूट महोत्सव, भगवान श्रीकृष्ण को चढ़ाए गए छप्पन भोग
मऊ। गोवर्धन पूजा के दिन मंदिरों में अन्नकूट उत्सव भी मनाया जाता है। "अन्नकूट" का मतलब है अन्न का मिश्रण, जिसे भगवान श्रीकृष्ण को भोग के रूप में चढ़ाया जाता है।
केटी न्यूज़/ मऊ
मऊ। गोवर्धन पूजा के दिन मंदिरों में अन्नकूट उत्सव भी मनाया जाता है। "अन्नकूट" का मतलब है अन्न का मिश्रण, जिसे भगवान श्रीकृष्ण को भोग के रूप में चढ़ाया जाता है। इस दिन कई जगह बाजरे की खिचड़ी या तेल की पूरी बनाई जाती है।
दिवाली के पांच दिनों के त्योहार में गोवर्धन पूजा और अन्नकूट महोत्सव चौथा दिन होता है, जो दिवाली के अगले दिन मनाया जाता है। श्रीकृष्ण के समय से पहले अन्नकूट महोत्सव ही मनाया जाता था, बाद में गोवर्धन पूजा की शुरुआत हुई।
रतनपुरा विकासखंड और आसपास के क्षेत्रों में इस दिन महिलाएं अपने घरों से मिष्ठान्न भरी थालियां लेकर अन्नकूट स्थल पर पहुंचकर पूजा करती हैं। द्वापर युग में इस दिन इंद्र देवता की पूजा की जाती थी, लेकिन श्रीकृष्ण ने ब्रजवासियों को गोवर्धन पर्वत की पूजा की सलाह दी, तभी से भगवान कृष्ण को गोवर्धन के रूप में छप्पन भोग चढ़ाया जाता है।
इस दिन गोबर से गोवर्धन की आकृति बनाई जाती है और उसके सामने कृष्णजी की पूजा होती है। इसके बाद छप्पन प्रकार के भोग लगाकर श्रद्धालु विभिन्न पकवानों का आनंद लेते हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में इस दिन नए अनाज की शुरुआत भगवान को भोग लगाकर की जाती है।
गाय-बैलों को स्नान कराकर उन्हें फूल-माला पहनाकर पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन अन्नकूट महोत्सव मनाने से लंबी आयु, आरोग्य और समृद्धि मिलती है।