सरकार के इशारे पर चौसा के किसानों तथा उनके परिवार को पुलिस ने बेरहमी से पीटा था - टिकैत
केटी न्यूज/चौसा
अपने हक की मांग कर रहे चौसा के बनारपुर समेत तीन गांव के किसानों के घर में घुस पुलिस ने बर्बर तरीके से लाठियां बरसाई थी, पुलिस ने यह कार्रवाई राज्य सरकार के इशारे पर किया था। उक्त बातें राष्ट्रीय स्तर के किसान नेता राकेश टिकैत ने बुधवार को बक्सर में कही। उन्होंने कहा कि सरकार के कहने पर पुलिस ने किसानों के आंदोलन को दबाने तथा दहशत बनाने के लिए बर्बर तरीके से लाठियां बरसाई थी।
टिकैत ने कहा कि पुलिस लाठियों से पीट तथा दर्जन भर लोगों को जेल भेज आंदोलन को दबाना चाह रही थी। लेकिन, यह आंदोलन दबेगा नहीं बल्कि और तेज होगा। उन्होंने कहा कि यह चुनाव आचार संहिता का मामला नहीं है, इसका जवाब देना होगा। जिस तरह सरकार के शह पर पदाधिकारियों ने पुलिस के सहयोग से बर्बरता पूर्वक मारपीट व लूटपाट की और दहशत फैलाई वह अंग्रेजी हुकूमत की यादें दिलाती है।
यदि सरकार ने इस पर कोई उचित निर्णय नहीं लिया तो संयुक्त किसान मोर्चा का यहीं पर डेरा डाल दिया जाएगा। टिकैत ने कहा कि जिस दिन कर्मनाशा पार कर लिया तो दिल्ली की तरह बिहार से बिना समाधान के वापस नही जाएंगे। उक्त बता दें कि वे बक्सर होमगार्ड मैदान में संयुक्त किसान मोर्चा द्वारा आयोजित किसान महापंचायत को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि जब भारत सरकार की दमनकारी नीति के विरुद्ध दिल्ली हरियाणा बॉर्डर पर 13 महीने तक आंदोलन चलाया तो यहां भी डेरा डालने से नहीं हिचकूंगा।
इसका जवाब देना होगा उन्होंने किसानों को आह्वान करते हुए कहा डरना नही है संयुक्त मोर्चा आपके साथ है। शीशा व गाड़िया तोड़ने के अलावा मा बहनो व बच्चों को पीटा। यहां भी मोर्चा आएगी, ट्रैक्टर यात्रा निकाली जाएगी। जो टूटे हुए सामान है उसे फेकना नही है, यही डबल इंजन सरकार के लिए कब्र खोदेगी ये टूटा हुआ समान संग्रहालय की तरह सजाकर पूरे बिहार में घूमेगी। सरकार इसे ठीक करा दे, बाइज्जत किसानों को रिहा कर दे, इलेक्शन बाद मुआवजा की बैठकर बात कर ली जाएगी। नही तो सरकार को सत्यानाश कराना होगा तो
उन्हें जेल से न छोड़े। किसानों से कहा आंदोलन का रास्ता व नेता का रास्ता जेल से शुरू होता है। हम इलेक्शन के बीच मे न आना पड़े। नही तो इलेक्शन बाद सरकार की यात्रा निकाल देंगे। वही राष्ट्रीय किसान मोर्चा के सचिव बलदेव सिंह ने कहा अब अगली लड़ाई चौसा से शुरू होगी। चौसा में टेंट गाड़ दिया जाएगा। आने वाले समय सरकार अगर नही चेती तो इसका संज्ञान संयुक्त किसान मोर्चा लेगा।
डराने, धमकाने व अत्याचार करने वालो का घमंड तोड़ना जानते है। डबल इंजन सरकार को उखाड़ फेकेंगे। अब लड़ाई बॉर्डर पर नही चौसा से प्रारम्भ होगी। इसके पहले भी जुटे बिहार व उनके साथ आये किसान नेताओं ने चौसा के अत्याचार पर अपने विचार व्यक्त किये।