जमीन विवाद में रणक्षेत्र बना भरियार बिंद टोली, फायरिंग व आगजनी से मची अफरा तफरी
जमीन विवाद में चक्की थाना क्षेत्र के भरियार बिंद टोली रविवार को रणक्षेत्र बन गया था। जहां, एक विवादित जमीन पर हिंसक झड़प के बाद फायरिंग व आगजनी की घटना हुई। इस विवाद में जहां चार महिलाओं के जख्मी होने की जानकारी मिली है,

- घटना में चार महिलाएं जख्मी, गांव में बना हुआ है तनाव, कैंप कर रही है पुलिस
केटी न्यूज/चक्की
जमीन विवाद में चक्की थाना क्षेत्र के भरियार बिंद टोली रविवार को रणक्षेत्र बन गया था। जहां, एक विवादित जमीन पर हिंसक झड़प के बाद फायरिंग व आगजनी की घटना हुई। इस विवाद में जहां चार महिलाओं के जख्मी होने की जानकारी मिली है,
वहीं दबंगों द्वारा हवाई फायरिंग करने व झोपड़ी आग लगाए जाने का आरोप भी लगा है। जबकि दूसरे पक्ष का कहना है कि जमीन उनकी है तथा फंसाने की नियत से खुद से आग लगाई गई है।पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया कि इस घटना के पीछे जिन लोगों का हाथ है वे इलाके के दंबंग है। पीड़ित मधु राज, पिता प्रताप बिंद ने बताया कि आगजनी व फायरिंग के दौरान आरोपितों ने उनके घर से गहने और दो लाख रुपये नकद लूट लिए।
घटना के समय घर पर सिर्फ महिलाएं थीं। तेजनारायण बिंद ने बताया कि विवाद की जड़ जवाहर तिवारी द्वारा प्रताप बिंद और उनके दामाद के नाम जमीन लिखने से शुरू हुई। उन्होंने कहा कि कृष्ण बिहारी तिवारी ने इस जमीन पर दावा ठोका, लेकिन कोर्ट में केस हार गए।
इसके बाद तिवारी ने कथित तौर पर उक्त जमीन एक अन्य व्यक्ति को बेच दी तथा उसी व्यक्ति ने जमीन पर कब्जा की नियत से इस घटना को अपने लोगों के साथ मिलकर अंजाम दिया है। जबकि उक्त जमीन पर उनके परिवार को वर्षों से कब्जा है तथा उस पर मकान बनवा हमलोग वर्षों से रह रहे है।
पीड़ितों ने पुलिस पर गंभीर गंभीर आरोप लगाए है, उनका कहना है कि चक्की थाने से गांव की दूरी मात्र तीन-चार किलोमीटर है, फिर भी पुलिस को मौके पर पहुंचने में तीन घंटे लगे, जबकि बार-बार फोन किया गया। पुलिस के विलंब से पहुंचने के कारण ही उपद्रवी घटना को अंजाम दे फरार हो गए।
इस मामले में सुशीला देवी, पति प्रताप बिंद के बयान पर एफआईआर दर्ज किया गया है। चक्की थानाध्यक्ष संजय पासवान ने बताया कि आठ राउंड फायरिंग की बात सामने आई है, लेकिन अभी तक कोई ठोस सबूत नहीं मिला है। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
गांव में कायम है दहशत
इस घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल कायम है। दोनों पक्ष के लोग हिंसा प्रतिहिंसा से सहमे हुए है। हालांकि, पुलिस मौके पर कैंप कर रही है। पुलिस की मौजूदगी से स्थिति नियंत्रण में है, लेकिन बेहद तनाव कायम है। घटना के बाद से ग्रामीण भी सहमे हुए है। यही कारण है
कि इस घटना पर कोई कुछ खोलकर बोलने को तैयार नहीं हो रहा है। हालांकि, दबे जुबां कई तरह की चर्चाएं हो रही है। इस घटना के बाद लोगों ने शनिवासरीय जनता दरबार पर भी सवाल उठाए है।