जनता के उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा है बिहार सरकार का बजट - डुमरांव विधायक
बिहार सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर डुमरांव विधायक डॉ. अजित कुमार सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि इस बजट में आम लोगों, छात्रों, नौजवानों, किसानों तथा मजदूरों के लिए कुछ भी नहीं है। विधायक ने कहा कि आम बजट जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका है।

केटी न्यूज/डुमरांव
बिहार सरकार द्वारा पेश किए गए बजट पर डुमरांव विधायक डॉ. अजित कुमार सिंह ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। उन्होंने कहा है कि इस बजट में आम लोगों, छात्रों, नौजवानों, किसानों तथा मजदूरों के लिए कुछ भी नहीं है। विधायक ने कहा कि आम बजट जनता की उम्मीदों पर खरा नहीं उतर सका है।
बता दें कि डुमरांव विधायक द्वारा बजट सत्र में दिया गया संबोधन सुर्खियों में रहा। विधायक ने कहा है कि बिहार का बजट आम जनता की उम्मीदों पर पूरी तरह खरा नहीं उतरता। भले ही सरकार इसे विकासोन्मुखी बता रही है, लेकिन हकीकत यह है कि यह बजट आम लोगों की मुलभूत जरूरतों को पूरा नहीं कर सकता है।
इस बजट में शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और बुनियादी ढांचे जैसे अहम मुद्दों पर कुछ भी नहीं है। बजट के विरुद्ध ही माले नेताओं ने तीन दिवसीय विरोधी अभियान की शुरुआत भी की है। विधायक ने कहा कि सरकार को यह समझना होगा कि जनता पर उनकी जबरदस्ती थोपी गई नीतियां नहीं चलेंगी, बल्कि जनता को जिन चीजों से फायदा मिल सकता है, वैसी चीजों को इस बजट में छोड़ दिया गया है।
शिक्षा और स्वास्थ्य पर नहीं दिया गया है ध्यान
विधायक ने कहा कि बिहार में सबसे जरूरी शिक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था को पटरी पर लाना है। दोनों विभाग काफी बदहाल स्थिति में है, लेकिन बजट में इस ओर ध्यान नहीं दिया गया है। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की भारी कमी है, बुनियादी ढांचा जर्जर है,
और छात्रों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं मिल पा रही है। इस बार के बजट में शिक्षा पर आवंटन बढ़ाने की जरूरत थी, लेकिन अपेक्षित सुधार नहीं दिखा। स्वास्थ्य क्षेत्र की स्थिति भी खराब है। अस्पतालों में डॉक्टरों और उपकरणों की भारी कमी है। बिहार में बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है। हर साल हजारों युवा नौकरी की तलाश में दूसरे राज्यों की ओर पलायन कर जाते हैं।
राज्य में नए उद्योग लगाने और रोजगार सृजन को प्राथमिकता दी जानी चाहिए थी, लेकिन बजट में इसे लेकर कोई स्पष्ट रणनीति नहीं दिखती। न तो नए स्टार्टअप के लिए कोई ठोस प्रोत्साहन योजनाएं बनाई गईं, न ही युवाओं के लिए कोई विशेष रोजगार योजना घोषित की गई।