मुंह के कैंसर के मरीजों के लिए सदर अस्पताल में बायोप्सी की सुविधा

राज्य सरकार की पहल पर अब बक्सर जिले में बायोप्सी की सुविधा उपलब्ध है। हालांकि, बीपीएल कार्ड व आयुष्मान भारत कार्ड वाले लोगों की कैंसर की बायोप्सी पूरी तरह से नि:शुल्क रखी गई है।

मुंह के कैंसर के मरीजों के लिए सदर अस्पताल में बायोप्सी की सुविधा
मरीज की जांच करते चिकित्सक

- मरीजों को बायोप्सी जांच के लिए नहीं जाना होगा बनारस या पटना
- बीपीएल कार्ड या आयुष्मान भारत कार्ड के लाभुकों का नि:शुल्क इलाज

बक्सर| जिले में मुंह के कैंसर के मरीजों के लिए अच्छी खबर है। अब मुंह के कैंसर के मरीजों को बायोप्सी कराने के लिए वाराणसी या पटना का चक्कर नहीं लगाना होगा। क्योंकि सदर अस्पताल में बायोप्सी की सुविधा उपलब्ध है। अब मरीजों के लिए नियमित रूप से बायोप्सी जांच की जा रही है। होमी भाभा कैंसर अस्पताल और रिसर्च सेंटर के डॉ. वरुण सांक्रीत ने बताया कि राज्य सरकार की पहल पर अब बक्सर जिले में बायोप्सी की सुविधा उपलब्ध है। हालांकि, बीपीएल कार्ड व आयुष्मान भारत कार्ड वाले लोगों की कैंसर की बायोप्सी पूरी तरह से नि:शुल्क रखी गई है। लेकिन, जिन लोगों के पास ये कार्ड्स नहीं है उनके लिए शुल्क निर्धारित की गई है। जो निजी संस्थानों से काफी कम है। इस सुविधा के शुरू हो जाने से लोगों को काफी सहूलियत मिलेगी। उन्होंने कहा कि कैंसर के प्रारंभिक लक्षणों की पहचान होने से मरीज का समय से इलाज संभव है।

बायोप्सी से जल्द हो जाती है कैंसर की पहचान :
होमी भाभा कैंसर अस्पताल और रिसर्च सेंटर की डॉ. आयुषी ने बताया, बायोप्सी के माध्यम से आसानी और कम समय में कैंसर की पहचान हो जाती है। इसके लिए मरीज के मुंह के अंदर प्रभावित इलाकों से टिशू नमूने के रूप में लिए जाते हैं। जिसके बाद मशीन से उसकी जांच होती है। हालांकि, बायोप्सी कई प्रकार की होती है। कई स्थानों पर ऑप्टिकल बायोप्सी की भी सुविधा है। उन्होंने बताया कि कैंसर की प्रारंभिक पहचान मरीज स्वयं कर सकते हैं। इसके लिए लक्षणों की पहचान जरूरी है। स्वयं जांच करने के लिए मरीज को अपने मुंह को साफ पानी से धोते हुए कुल्ला करना होगा। उसके बाद आइने के सामने अच्छी रोशनी में सफेद या लाल छाले, न ठीक होने वाले पुराने जख्म या घाव के साथ पूरा  मुंह न खोल पाने जैसी बातों की जांच करनी है। यह परीक्षण महीने में एक बार अनिवार्य है। इससे कैंसर के लक्षणों की पहचान होगी। अगर उनमें मुंह के कैंसर के प्रारंभिक लक्षण दिखे, तो तुरंत उन्हें डॉक्टर की सलाह लेने को कहें।

मुंह के कैंसर के लक्षण :
मुंह में बनी रहने वाली किसी भी प्रकार की असहजता, घाव या दर्द की स्थिति में डॉक्टर से मिलकर इलाज कराना बहुत आवश्यक हो जाता है। यदि ये लक्षण दो सप्ताह या उससे अधिक समय तक बने रहते हैं तो इसे गंभीरता से लेते हुए डॉक्टर की सलाह के आधार पर जांच जरूर करा लेनी  चाहिए, यह कैंसर का संकेत हो सकता है।
- होंठ या मुंह का घाव जो ठीक न हो रहा हो।
- मुंह के अंदर सफेद या लाल रंग का  पैच नजर आना।
- दांतों में कमजोरी।
- मुंह के अंदर गांठ जैसा अनुभव होना, इसमें होने वाला दर्द।
- निगलने में कठिनाई या दर्द।
- मुंह से अक्सर बदबू आते रहने की समस्या।