अनुमंडल अस्पताल के नये भवन में शिफ्ट हुआ डेंगू वार्ड

अनुमंडल अस्पताल के नये भवन (मदर चाइल्ड केयर यूनिट) में डेंगू मरीजों के लिए दस बेडो का वार्ड तैयार किया गया हैं।

अनुमंडल अस्पताल के नये भवन में शिफ्ट हुआ डेंगू वार्ड

– दस बेड की होगी व्यवस्था, जांच के लिए किट भी उपलब्ध:

केटी न्यूज/डुमरांव

अनुमंडल अस्पताल के नये भवन (मदर चाइल्ड केयर यूनिट) में डेंगू मरीजों के लिए दस बेडो का वार्ड तैयार किया गया हैं। स्वास्थ्य विभाग से मिले निर्देशों के बाद इस दिशा में कवायद शुरू हो गयी हैं। बेडो के वार्ड में आवश्यक संसाधन उपलब्ध कराये गये हैं। फिलहाल यहां डेंगू का कोई मरीज नहीं मिला हैं। लेकिन, इसके बावजूद स्वास्थ्य विभाग के स्तर से तैयारी पूरी कर ली गयी हैं। पिछले साल डेंगू के दो मामले सामने आये थे। इस बार पूर्व में ही स्वास्थ्य विभाग ने अपनी कमर कस ली हैं।

अनुमंडल अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ गिरीश कुमार सिंह ने बताया कि इस अस्पताल में दस बेड का वार्ड पहले से बना हैं। जिसको नये भवन में शिफ्ट किया गया हैं। हर बेड मेडिकेटेड मच्छरदानी लगायी गयी हैं। मरीजों के जांच के लिए किट भी उपलब्ध हैं। प्रारंभिक जांच एटिजन किट से होगी और उसमें पुष्टि होने के बाद एलाईजा किट से जांच की जायेगी। यदि इसमें भी पुष्टि होती हैं तो मरीज को डेंगू संक्रमित माना जायेगा और इलाज शुरू होगा। अस्पताल डेंगू मरीजो के लिये पूरी तरह से तैयार हैं। दवा भी उपलब्ध हैं। वैसे मरीजों के प्लेटलेट्स पर विशेष नजर रखी जाती हैं।

डेंगू के लक्षण

डंगू में कई तरह के लक्षण दिखते हैं।शुरुआत में यह बुखार की तरह होता है। संक्रमित मच्छर के काटने पर करीब 5 से 10 दिनों के बाद इसके लक्षण दिखाई देत हैं। इसमें तेज बुखार होने के साथ ही सिर दर्द भी होता है। मांसपेशियों और हड़ी या जोड़ों में दर्द, आंख के पिछले वाले हिस्से में दर्द, त्वचा पर चकता या लाल रंग का दाना उभरता है। ज्यादातर मामलों में लोग ठीक हो जाते हैं। ज्यादा समस्या होने पर प्लेटलेट्स चढ़ाने की जरूरत पड़ती है। मरीजों को रेफर करने की भी व्यवस्था हुई है। इसके लिए मरीजों को एम्बुलेंस की सुविधा उपलबध करायी जाती है।

 दिन में काटता है डेंगू का मच्छर

डेंगू का मच्छर लोगों को दिन में काटता है। डेंगू का संक्रमण होने के बाद दर्द निवारक दवा का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके कई साइड इफेक्ट भी होते हैं। इसकी वजह से प्लेटलेट्स घट जाता है। डेंगू का शिकार होने पर प्लेटलेट्स की जांच कराई जाती है। डेंगू मच्छर साफ पानी में भी पनपता है। खाली कंटेनर, टायर, कूलर, गमला आदि जगहों पर पानी में डेंगू का मच्छर पनपता है इसलिए सावधानी बरतने की जरूरत हैं।