बदायूं जामा मस्जिद बनाम नीलकंठ महादेव मंदिर मामले में कोर्ट की बहस, असदुद्दीन ओवैसी ने दी प्रतिक्रिया

बदायूं जिले में जामा मस्जिद और नीलकंठ महादेव मंदिर को लेकर विवाद एक बार फिर चर्चा में है। इस मामले में हाल ही में कोर्ट में सुनवाई हुई, जहां दोनों पक्षों ने अपने-अपने दावे पेश किए।

बदायूं जामा मस्जिद बनाम नीलकंठ महादेव मंदिर मामले में कोर्ट की बहस, असदुद्दीन ओवैसी ने दी प्रतिक्रिया
Asaduddin Owaisi

केटी न्यूज़/उत्तर प्रदेश 

बदायूं जिले में जामा मस्जिद और नीलकंठ महादेव मंदिर को लेकर विवाद एक बार फिर चर्चा में है। इस मामले में हाल ही में कोर्ट में सुनवाई हुई, जहां दोनों पक्षों ने अपने-अपने दावे पेश किए। हिंदू पक्ष का दावा है कि वर्तमान में स्थित जामा मस्जिद की जगह पहले नीलकंठ महादेव का मंदिर था, जिसे तोड़कर मस्जिद का निर्माण किया गया। इसके जवाब में मुस्लिम पक्ष ने इन दावों को खारिज करते हुए कहा कि जामा मस्जिद का निर्माण कानूनी और ऐतिहासिक रूप से सही तरीके से किया गया था।

इस मामले को लेकर ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। ओवैसी ने इसे एक और विवाद पैदा करने की कोशिश बताते हुए कहा कि ऐसे मुद्दे देश में सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने के लिए उठाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, "इस तरह के दावों से इतिहास को तोड़-मरोड़ कर पेश करने की कोशिश हो रही है। न्यायपालिका को ऐसे मामलों में साक्ष्यों के आधार पर फैसला करना चाहिए, न कि किसी समुदाय विशेष के दावों पर।"

यह विवाद तब शुरू हुआ जब कुछ हिंदू संगठनों ने दावा किया कि पुरातात्विक साक्ष्य इस ओर इशारा करते हैं कि मस्जिद की जगह पहले मंदिर था। मामले में कोर्ट ने पुरातात्विक सर्वेक्षण कराने का आदेश दिया है, जिसके बाद दोनों पक्षों की नजरें सर्वेक्षण रिपोर्ट पर टिकी हैं।

इस विवाद ने राजनीतिक हलकों में भी गर्मी बढ़ा दी है। जहां भाजपा और हिंदू संगठनों ने इस मुद्दे को धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान का मामला बताया है, वहीं विपक्षी दलों ने इसे एक राजनीतिक एजेंडा बताया।आने वाले समय में कोर्ट का फैसला इस विवाद पर निर्णायक प्रभाव डाल सकता है और इस मामले के साथ-साथ देशभर में धार्मिक स्थलों को लेकर उठने वाले अन्य विवादों पर भी असर डाल सकता है।