ब्रम्हेश्वर मुखिया हत्याकांड में सीबीआई को कोर्ट दिया बड़ा झटका, चार्जसीट में आरोपी पूर्व एमएलसी हुलास पाण्डेय को मिली राहत, सीबीआई की चार्जशीट खारिज

सूबे के चर्चित बरमेश्वर मुखिया हत्याकांड में पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय सहित अन्य आरोपितों को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। आरा की एमपी एमएलए की विशेष अदालत द्वारा इस मामले में सीबीआई की ओर से दाखिल चार्जशीट को खारिज कर दिया गया है। हत्याकांड के आरोपित रितेश सिंह उर्फ मोनू सिंह की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट द्वारा पिछले दिनों सीबीआई की चार्जशीट को खारिज कर दिया गया

ब्रम्हेश्वर मुखिया हत्याकांड में सीबीआई को कोर्ट दिया बड़ा झटका, चार्जसीट में आरोपी पूर्व एमएलसी हुलास पाण्डेय को मिली राहत, सीबीआई की चार्जशीट खारिज

केटी न्यूज/आरा

भोजपुर सहित सूबे के चर्चित बरमेश्वर मुखिया हत्याकांड में पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय सहित अन्य आरोपितों को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। आरा की एमपी एमएलए की विशेष अदालत द्वारा इस मामले में सीबीआई की ओर से दाखिल चार्जशीट को खारिज कर दिया गया है। हत्याकांड के आरोपित रितेश सिंह उर्फ मोनू सिंह की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई के दौरान कोर्ट द्वारा पिछले दिनों सीबीआई की चार्जशीट को खारिज कर दिया गया।

कोर्ट ने केस में ट्रायल शुरू होने के बाद बिना अदालत के आदेश के सीबीआई की ओर से अनुसंधान करने को गलत माना है। कोर्ट के इस फैसले से जहां पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय सहित अन्य आरोपितों को राहत मिली है। वहीं सीबीआई को बड़ा झटका लगा है। अब इस मामले में पूर्व से चल रहे ट्रायल के आधार पर तीस अप्रैल को सुनवाई होगी। एपीपी सियाराम सिंह की ओर से यह जानकारी दी गई।

 सीबीआई की ओर से करीब दस साल की जांच के बाद बरमेश्वर मुखिया हत्याकांड में पिछले दिसंबर माह में चार्जशीट दाखिल की थी। उसमें पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय और रितेश सिंह उर्फ मोनू सिंह सहित आठ लोगों को आरोपित किया गया था। उस मामले में 21 मार्च को रितेश सिंह उर्फ ​​मोनू सिंह की ओर स्थानीय अदालत में सीबीआई द्वारा दायर आरोप पत्र को रद्द करने याचिका दायर की गयी थी।

याचिका पर सीबीआई के साथ-साथ एपीपी सियाराम सिंह द्वारा अपना पक्ष रखा गया था। रितेश सिंह उर्फ ​​मोनू सिंह की ओर से वकील की ओर से भी बहस की गयी थी। उसके बाद कोर्ट ने सीबीआई द्वारा दायर आरोप-पत्र को कानून की नजर में गैर-स्थायी पाया। कोर्ट ने कहा है कि सीबीआई द्वारा सौंपी गई रिपोर्ट (चार्जशीट) पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती। कोर्ट की ओर से कहा गया है कि यह सत्र परीक्षण में मुकदमा शुरू होने के बाद और अदालत से किसी अनुमति या आदेश के बिना आयोजित की गई है।

1 जून 2012 की सुबह प्रतिबंधित रणवीर सेना के प्रमुख रहे बरमेश्वर नाथ सिंह की गोली मार कर दी गई थी हत्या 

शहर के नवादा थाना क्षेत्र के कतिरा मोहल्ले में 1 जून 2012 की सुबह प्रतिबंधित रणवीर सेना के प्रमुख रहे बरमेश्वर नाथ सिंह की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। अहले सुबह सैर करने के दौरान कतिरा स्थिति उनके घर के नजदीक ही हत्या कर दी गई थी। हत्या के बाद भोजपुर और पटना सहित सूबे के कई जगहों पर बवाल मचा था। उस मामले में उनके पुत्र इंदु भूषण द्वारा अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया था। तब नवादा थाने की पुलिस द्वारा वर्ष 2012 में दो आरोप पत्र दाखिल किए। एक आरोप पत्र में छह , जबकि दूसरे में दो लोगों को आरोपित बनाया गया था।

बाद में आंदोलन और राजनीतिक दबाव को देखते हुए सरकार की ओर से मामला सीबीआई को सौंप दिया गया था।  सीबीआई ने 17 जुलाई 2013 को घटना का मामला दर्ज कर जांच शुरू की थी। करीब दस साल की जांच के बाद पिछले एक दिसंबर 2023 को सीबीआई द्वारा आठ लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गयी थी। उनमें पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय सहित चार को नए कथित आरोपी के रूप में सूचीबद्ध किया गया था जबकि शेष चार पहले से ही इस मामले में अन्य लोगों के साथ आरोपी थे और मुकदमे का सामना कर रहे थे। अब अदालत ने  अभियोजन साक्ष्य के लिए मौजूदा सत्र परीक्षण को आगे बढ़ाने का आदेश पारित किया है।

 

चार्जशीट के बाद जनवरी में सीबीआई ने कोर्ट में सौंपी थी डायरी

दिसंबर माह में चार्जशीट दाखिल करने के बाद सीबीआई की ओर से बरमेश्वर मुखिया हत्याकांड में आठ जनवरी को कोर्ट में डायरी डायरी सौंप गयी दी। उसके लिए सीबीआई के अफसर भी कोर्ट पहुंचे थे। तब सीबीआई की ओर से 168 पेज की डायरी सहित करीब पांच सौ पन्ने के दस्तावेज कोर्ट में सौंपे गये थे। बता दें कि दस साल की जांच के बाद सीबीआई की ओर से दिसंबर माह में आरा के तृतीय अपर जिला एवं सेशन कोर्ट सह विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट में पूरक चार्जशीट दाखिल की गयी थी।

तब सीबीआई की ओर से डायरी नहीं सौंपी गयी थी। चार्जशीट में पूर्व एमएलसी हुलास पांडेय, नंद गोपाल पांडेय उर्फ फौजी, अभय पांडेय, रितेश कुमार उर्फ मोनू, प्रिंस पांडेय, अमितेश कुमार पांडेय उर्फ गुड्डू पांडेय, बालेश्वर राय और मनोज राय उर्फ मनोज पांडेय के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गयी थी। सभी लोगों पर राजनीतिक षड़यंत्र के तहत बरमेश्वर मुखिया की हत्या करने का आरोप लगाया गया है। इनमें अभय पांडेय, नंद गोपाल पांडेय उर्फ फौजी, रितेश उर्फ मोनू और प्रिंस पांडेय पहले से इस केस में भोजपुर पुलिस की ओर से चार्जशीटेड थे और जमानत थे।