डुमरांव में बढ़ा साइबर अपराध, नये-नये टेड अपना लोगों को जाल में फंसा रहे साइबर अपराधी

डुमरांव में साइबर अपराध के मामले बढ़ गए है। साइबर अपराधी हर दिन नये-नये तरीके से न सिर्फ भोले-भाले लोगों बल्कि पढ़े-लिखे लोगों को फांस उनका आर्थिक दोहन कर रहे है। इनमें अधिकतर मामले या तो पुलिस के पास जाते ही नहीं है और जाते भी है तो पुलिस एफआईआर दर्ज करने से अधिक कुछ नहीं कर पा रही है। हाल के दिनों में कई ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी है। जिनमें साइबर अपराधी नये-नये तरीकों से लोगों को जाल में फंसा ले रहे है।

डुमरांव में बढ़ा साइबर अपराध, नये-नये टेड अपना लोगों को जाल में फंसा रहे साइबर अपराधी

-- पुलिस तक नहीं पहुंच पा रहे है अधिकतर मामले, उद्भेदन में पुलिस भी हो रही है लाचार

केटी न्यूज/डुमरांव

डुमरांव में साइबर अपराध के मामले बढ़ गए है। साइबर अपराधी हर दिन नये-नये तरीके से न सिर्फ भोले-भाले लोगों बल्कि पढ़े-लिखे लोगों को फांस उनका आर्थिक दोहन कर रहे है। इनमें अधिकतर मामले या तो पुलिस के पास जाते ही नहीं है और जाते भी है तो पुलिस एफआईआर दर्ज करने से अधिक कुछ नहीं कर पा रही है। हाल के दिनों में कई ऐसी घटनाएं सामने आ चुकी है। जिनमें साइबर अपराधी नये-नये तरीकों से लोगों को जाल में फंसा ले रहे है। 

अभी तीन से डुमरांव में हुए साइबर अपराध का एक मामला काफी सुखिर्यों में है, इस दौरान दर्जन लोग साइबर अपराधियों के जाल में फंस गए तथा उनके मोबाईल फोन हैंग हो गए। हालांकि, किसी ने इसकी जानकारी पुलिस को नहीं दी है, बल्कि निजी स्तर से प्रयास कर उससे बाहर निकले है, लेकिन अभी तक उन्हें यह पता नहीं चल पाया है कि साइबर अपराधियों द्वारा उनके मोबाईल को हैंक कर क्या-क्या डेटा या बैंक डिटेल्स या पैस उड़ाए है। 

 

मिली जानकारी के अनुसार राजगोला रोड के व्यवसायी चंदन केशरी के मोबाईल पर मुंबई के उसके परिचित व्यवसायी के व्हाट्स एप से शादी का एक कार्ड भेजा गया, जैसे ही चंदन ने उक्त शादी कार्ड वाले मैसेज को खोला कि उसका मोबाईल हैंग हो गया तथा यह मैसेज उसके कंटेक्ट में सेव सभी व्हाट्सएप नंबरों पर चला गया तथा जो-जो लोग उस मैसेज को खोले सबका मोबाइल उसी तरह से हैंग हो गया। 

इस मामले में पीड़ित खिरौली निवासी रोबिन चौबे ने बताया कि बुधवार को उसके मोबाईल पर चंदन के नंबर से शादी कार्ड का मैसेज आया, मुझे लगा कि उसके घर कोई मांगलिक कार्यक्रम हो रहा है। मैने कार्ड को पढ़ने के लिए जैसे ही व्हाट्स एप पर मैसेज को खोला कि मेरा मोबाईल हैंग हो गया तथा मोबाईल खुलने के लिए सभी तरह के एप पर मैसेज भेजने का स्वीकृति मांगने लगा, लेकिन मैं एक परिचित मोबाईल व कंप्यूटर के जानकार के पास पहुचा, जिसने मेरे मोबाईल को फार्मेट कर मुझे साइबर ठगी से बचा लिया। रोबिन ने बताया कि उसके साथ दर्जनों अन्य लोगों पर यह मैसेज गया था, जिनका मोबाईल हैंग हो चुका है। उन्होंने बताया कि उक्त मैसेज एपीके नाम से आया था।

 

क्लोन एप से भी फ्राड कर रहे है साइबर अपराधी

वहीं, दूसरी तरफ साइबर फ्राडो का एक ऐसा गिरोह भी अनुमंडल इलाके में सक्रिय है, जो फोन पे या गुगल पे आदि का क्लोन ऐप बना व्यवसायियों को ठगी का शिकार बना रहे है। पिछले दिनों डुमरांव थाना से महज 100 मीटर दूर रवि इलेक्ट्रिक से साइबर फ्राडो ने क्लोन एप के जरिए 35 हजार रूपए की ठगी कर ली थी। रवि का कहना है कि यह गिरोह पूरे अनुमंडल में सक्रिय है तथा उसके अलावे डुमरांव, भोजपुर, नावानगर, चौगाईं, बगेन आदि कई जगहों पर इलेक्ट्रानिक पार्ट्स व अन्य दुकानदारों से सामान खरीदने के बाद क्लोन एप से पेमेंट करने का झांसा दे, सामान ले रफूचक्कर हो जा रहे है। 

-- ऑनलाइन एफआईआर को ट्रेस कर पीड़ितो का दोहन कर रहे है फ्राड

वहीं, साइबर फ्राडो का एक गिरोह ऐसा भी है जो ऑनलाइन दर्ज हो रहे एफआईआर को टेªस कर उसके पीड़ितो को फोन कर केस से नाम निकालने या पक्ष में करवाने के लिए पैसे की मांग की जा रही है। मंगलवार को एससीएसटी ऐक्ट के एक पीड़ित के पास एक साइबर फ्राड ने फोन किया तथा बताया कि मैं एसपी ऑफिस से बोल रहा हूं, आपके तथा आपके परिजनों के उपर हुए एससी-एसटी ऐक्ट को यदि आप रफा-दफा करवाना चाहते है तो तत्काल मेरे यूपीआई नंबर पर 30 हजार रूपए भेजिए। उसने धमकी भी दिया कि किसी को बताने या पैसा नहीं डालने पर केस आपके खिलाफ हो जाएगा, लेकिन पीड़ित उसे ताड़ गया जिससे वह साइबर ठगी से बच गया।

 बयान

साइबर अपराधियों से बचने के लिए जागरूकता व जानकारी बहुत जरूरी है। हमें किसी भी अन्योन नंबर से आए मैसेज या फोटो को डाउनलोड नहीं करना चाहिए। ऐसा करने पर आपका ऐक्सेस नंबर व साफ्टवेयर प्रोग्राम साइबर अपराधी हैंडल करने लगते है। क्लोन एप से बचने के लिए व्यवसायियों को यह चेक कर लेना चाहिए कि उनके खाते में पेमेंट हुआ कि नहीं। एफआईआर के ऑनलाइन होने के बाद उसे टेªस करना आसान हो गया है, किसी भी मामले में पुलिस फोन कर पैसा की डिमांड नहीं करती है, यह लोगों को समझना चाहिए। - अफाक अख्तर अंसारी, एसडीपीओ, डुमरांव