स्टेशन रोड में दर्जनभर उभरे गड्ढे प्रतिदिन पलटते हैं वाहन और घायल होते हैं यात्री
जर्जर बने नगर के स्टेशन रोड में गुजरते समय वाहन चालकों का कलेजा दहल जाता है। गड्ढों में तब्दिल हो चुके इस रोड में कब वाहन पलट जाए कहना मुश्किल है। ऐसा कोई दिन नहीं है, जब टेम्पों नहीं पलटा हो।
केटी न्यूज/ डुमरांव
जर्जर बने नगर के स्टेशन रोड में गुजरते समय वाहन चालकों का कलेजा दहल जाता है। गड्ढों में तब्दिल हो चुके इस रोड में कब वाहन पलट जाए कहना मुश्किल है। ऐसा कोई दिन नहीं है, जब टेम्पों नहीं पलटा हो। तीन दिनों से जारी बारिश में इस रोड की दुर्दशा और ही बिगड़ गई है। गड्ढा पूरी तरह से पानी से भर गया है, जिससे इसके गहराई का पता नहीं चलता और वाहन आकर उसमें फंस जाते हैं या पलट जाते हैं। शुक्रवार को तो आधा दर्जन वाहन गड्ढों में पलटते रहे और यात्री घायल होकर अपने गंत। गंतव्य स्थान पर नहीं जाकर सीधे अस्पताल पहुंच गए। इतना ही नहीं कुछ यात्री तो गड्ढों में गिरे समान को खोजने और समेटने में लगे हुए थे। लगभग आधा दर्जन यात्री ऐसे थे, जिनका मोबाईल गड्ढे में गिर गया था, जिसे खोजने में लगे थे। मिल भी रहा था तो पानी प्रवेश कर जाने के कारण बंद हो गया था। ऐसे में समझा जा सकता है कि इस जानलेवा गड्ढे से यात्रियों को कितनी परेशानियों का सामना करना पड़ता स्टेशन रोड नगर के बीचोबीच से गुजरता है। यह एनएच-120 की सड़क है, लेकिन इसे देखने वाला कोई नहीं है। इस पर काम करने से नगर परिषद इसलिए कतराता है कि यह उसकी सड़क नहीं है। विभाग भी इस पर वर्षों से कोई काम ही नहीं करा रहा है। हालांकि दो बार नप द्वारा ईंट का रोड़ा व मिट्टी डालकर भरवाया गया था, लेकिन यह स्थायी नहीं हो सका और कुछ ही दिन बाद धूल उड़ने लगता है और ईंट का टूकड़ा चूर होकर हवा में उड़ गया। फिर स्थिति ज्यों की त्यों हो गई। शुक्रवार का दिन यात्रियों व टेम्पों चालकों के लिए काफी निराशजनक रहा। राज हाईस्कूल के पश्चिमी गेट के आगे स्टेशन रोड में उभरे गड्ढें में तीन बार टेम्पों पलटा और यात्री घायल हो गए और उनका समान बर्बाद हो गया। वहीं इसी रोड में लालगंज कड़बी के पास भी तीन टेम्पों पलट गया, यात्रियों को नुकसान तो हुआ ही टेम्पों वालों को भी हेडलाईट के अलावे अन्य समान टूट गया। इस संबंध में जब चेयरमैन सुनीता गुप्ता से बात की गई तो उन्होंने बताया की नगर परिषद का रोड रहता तो प्राथमिकता के तौर पर पहले उसे बनाया जाता, लेकिन हमारा हाथ कटा हुआ है।