सफ़ाई कर्मियों के साथ डुमरांव कार्यपालक ने किया दुर्व्यवहार
नगर परिषद की सफाई व्यवस्था में कार्यरत सफाई मजदूर अपनी सात सूत्री मांगों के लेकर नप ईओ से वार्तालाप करने के लिए उनके कार्यालय में शुक्रवार को गये। इनके साथ मजदूरों का एक प्रतिनिधि मंडल मौजूद था। वार्ता करने के लिए नप कार्यपालक पदाधिकारी मनीष कुमार ने बुलाया। वार्ता जैसे ही शुरू हुआ उन्होंने सफ़ाई कर्मियों की सात सूत्री मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने के बजाय एक तानाशाह नौकरशाह की तरह बर्ताव करना शुरू किया। वार्ता, मजदूरों के न्यूनतम मज़दूरी के सवाल पर बात हो रही थी।
- सात सूत्री मांग को लेकर मजदूर नेता व मजदूर गए थे नप ईओ से मिलने, हड़ताल पर गए सफाईकर्मी
केटी न्यूज/डुमरांव
नगर परिषद की सफाई व्यवस्था में कार्यरत सफाई मजदूर अपनी सात सूत्री मांगों के लेकर नप ईओ से वार्तालाप करने के लिए उनके कार्यालय में शुक्रवार को गये। इनके साथ मजदूरों का एक प्रतिनिधि मंडल मौजूद था। वार्ता करने के लिए नप कार्यपालक पदाधिकारी मनीष कुमार ने बुलाया। वार्ता जैसे ही शुरू हुआ उन्होंने सफ़ाई कर्मियों की सात सूत्री मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करने के बजाय एक तानाशाह नौकरशाह की तरह बर्ताव करना शुरू किया। वार्ता, मजदूरों के न्यूनतम मज़दूरी के सवाल पर बात हो रही थी।
यह कहा गया कि पिछले 27 जून को नप के तत्कालीन कार्यपालक पदाधिकारी अनिरुद्ध प्रसाद से सात सूत्री मांग पत्र पर एक सम्मानजनक वार्ता हुई थी। इसी बात पर ईओ मनीष कुमार भड़क गए और उन्होंने स्पष्ट शब्दों में कहा कि जो आप लोग मांग पत्र दिए थे उस समय के कार्यपालक पदाधिकारी डुमरांव के अनिरुद्ध प्रसाद थे, लिहाजा आपलोग उन्हीं से बात कीजिए। सफ़ाई कर्मियों ने उनसे अनुरोध किया कि आपके कार्यालय में उसका प्रति होगा आप देख लीजिए। इस पर एकदम धमकी भरे लहज़े में बोले कि जाइए आप लोग लेटर ढूंढते रहिए।
उनके इस व्यवहार से तानाशाही झलक रहा था और सभी सफ़ाई कर्मी क्षुब्ध होकर उनके कक्ष से बाहर निकल गए। ईओ के तानाशाह रवैये से आक्रोशित मजदूर अनिश्चितकालीन हड़तला पर चले गए है। शनिवार से वे डोर-टू-डोर कूड़़ा का उठाव नहीं करेंगे। मजदूरों ने साफ कहा कि जबतक कार्यपालक पदाधिकारी अपने दुर्व्यवहार के लिए मॉफी नहीं मांग लेते तथा उनकी मांगों पर सहानुभूतिपूर्वक विचार नहीं करते तबतक वे काम पर नहीं लौटेंगे। प्रतिनिधिमंडल में शामिल माले के मज़दूर नेता संजय शर्मा ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि सुशासन की सरकार में पदाधिकारियों का रवैया तानाशाह जैसा हो गया है।
दिनों दिन हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं। आज जिस रूप से नप ईओ का व्यवहार रहा वह काफ़ी निंदनीय और तानाशाह जैसा रहा है। उनके इस रवैया को कतई बर्दाश्त नहीं किया जायगा और इसका माकूल जवाब दिया जायगा। उन्हें हर हाल में सफ़ाई कर्मियों से मॉफ़ी मांगनी होगी। सभी सफ़ाई कर्मियों ने एक सुर में कल से कार्य बहिष्कार करने का निर्णय लिया। नगर परिषद डुमरांव के कार्यालय के गेट पर सभी सफ़ाई कर्मियों ने आक्रोषपूर्ण नारे बाजी की।
मिलने गए प्रतिनिधि मंडल में संजय शर्मा, सर्वेश पांडेय, रूपक बॉसफोर, अजय पासवान, मुकेश राम, लक्ष्मण राम, दुदुल, सुदामा बांसफोर, राजेश डोम, महेंद्र राम, सरोज राम, जीतन राम, रामफली डोम, मनी डोम, पिंटू डोम, चैत डोम, धर्मेंद्र बांसफोर, लक्ष्मण, मुन्ना, राजन, छठु मुसहर, मनोज डोम, सनोज, उधारी डोम सहित अन्य सफ़ाई कर्मी मौजुद थे।
क्या कहते है कार्यपालक पदाधिकारी
सफाईकर्मी नगर परिषद के कर्मी नहीं है, बल्कि ये एनजीओ के मार्फत काम करते है। उनकी जिम्मेवारी एनजीओ की है। वे कोई मांग पत्र अपने साथ नहीं लाए थे। पुराना मांग पत्र कार्यालय में मौजूद नहीं था। उनसे नया मांगपत्र देने को कहा गया। जिसके बाद वे नाराज हो कर्यालय से बाहर निकल गए। दुर्व्यवाहर की बात सही नहीं है। - मनीष कुमार, ईओ, नगर परिषद, डुमरांव