नहीं लगा प्राक्कलन बोर्ड शुरू हुआ सड़क निर्माण कार्य, नगरवासियों ने उठाए सवाल

डुमरांव नगर के सबसे व्यस्त और धार्मिक महत्व वाले मार्ग नया थाना मोड़ से शक्तिद्वार तक की सड़क निर्माण का काम रविवार से शुरू हो गया। लेकिन काम की शुरुआत होते ही विवाद खड़ा हो गया है। वजह साफ है प्राक्कलन बोर्ड के अभाव में निर्माण कार्य शुरू होना। आमतौर पर किसी भी विकास कार्य की लागत और तकनीकी विवरण को सार्वजनिक करने के लिए साइट पर प्राक्कलन बोर्ड लगाया जाता है, मगर इस बार ऐसा नहीं हुआ।

नहीं लगा प्राक्कलन बोर्ड  शुरू हुआ सड़क निर्माण कार्य, नगरवासियों ने उठाए सवाल

-- नया थाना मोड़ से शक्तिद्वार तक बन रही सड़क पर राजनीति भी गरमाई, पूर्व राज्य सभा सांसद की बनाई सड़क तोड़कर शुरू हुआ नया काम

केटी न्यूज/डुमरांव

डुमरांव नगर के सबसे व्यस्त और धार्मिक महत्व वाले मार्ग नया थाना मोड़ से शक्तिद्वार तक की सड़क निर्माण का काम रविवार से शुरू हो गया। लेकिन काम की शुरुआत होते ही विवाद खड़ा हो गया है। वजह साफ है प्राक्कलन बोर्ड के अभाव में निर्माण कार्य शुरू होना। आमतौर पर किसी भी विकास कार्य की लागत और तकनीकी विवरण को सार्वजनिक करने के लिए साइट पर प्राक्कलन बोर्ड लगाया जाता है, मगर इस बार ऐसा नहीं हुआ।

इस सड़क के निर्माण की नींव स्थानीय विधायक अजीत कुमार सिंह ने रखी थी। नींव रखते समय भी प्राक्कलन बोर्ड नहीं लगाया गया, मगर तब किसी ने इस पर खास ध्यान नहीं दिया। हालांकि भाजपा नेताओं और कई मंत्रियों ने विधायक द्वारा नींव रखने का विरोध ज़रूर किया था। अब जब वास्तविक काम शुरू हुआ तो नगरवासी और स्थानीय सामाजिक संगठन खुलकर सवाल उठा रहे हैं।

-- तीन साल पहले ही हुई थी कालीकरण, फिर भी सड़क जर्जर

नया थाना से शक्तिद्वार तक का यह मार्ग डुमरांव नगर का अहम रास्ता है, जो कई धार्मिक स्थलों से होकर गुजरता है। नगरवासियों का कहना है कि करीब तीन साल पहले इस सड़क का कालीकरण कराया गया था, लेकिन सड़क की गुणवत्ता इतनी खराब रही कि जल्द ही उखड़ गई और पूरी तरह जर्जर हो गई। अब दोबारा पीसीसी सड़क बन रही है, लेकिन लागत राशि कितनी है, गुणवत्ता सुनिश्चित करने का क्या प्रावधान है, इसकी जानकारी किसी को नहीं।

-- जेई ने भी झाड़ा पल्ला, सोमवार को फाइल देखने की कही बात

जब इस मामले में बुडको के जेई रीतु राज से पूछा गया कि सड़क निर्माण की प्राक्कलित राशि कितनी है, तो उन्होंने साफ कहा कि जानकारी नहीं है, फाइल देखकर सोमवार को बताएंगे।अब सवाल यह है कि जब तकनीकी अधिकारी को ही लागत का पता नहीं, तो काम की गुणवत्ता और पारदर्शिता की स्थिति क्या होगी, इसका सहज अंदाज़ा लगाया जा सकता है।

-- पूर्व सांसद की सड़क तोड़ी जा रही, लोगों ने जताई खुशी

इस मार्ग पर करीब बीस-पच्चीस साल पहले पूर्व राज्यसभा सांसद नागेंद्र नाथ ओझा ने सड़क बनवाई थी। रविवार से जेसीबी लगाकर उस पुरानी सड़क को तोड़ने का काम शुरू हुआ है। नगरवासियों की मांग थी कि जर्जर सड़क पर सीधे ढलाई न हो, बल्कि पहले उसे हटाकर नया निर्माण हो। नगरवासियों की इस मांग को मान लिया गया और पुराने हिस्से को हटाकर नया काम शुरू किया जा रहा है। इसको लेकर स्थानीय लोग संतुष्ट और खुश नज़र आ रहे हैं।

-- राजनीति का तड़का, जदयू और फुटपाथी संघ ने दी चेतावनी

विवाद केवल तकनीकी और पारदर्शिता तक ही सीमित नहीं है। मामला राजनीति से भी जुड़ गया है। जदयू नगर अध्यक्ष गोपाल प्रसाद गुप्ता, व्यवसायिक प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष सह फुटपाथी संघ के अध्यक्ष मिंटू हाशमी और बिशोका चंद्र सहित अन्य नेताओं ने साफ चेतावनी दी है कि अगर काम में गड़बड़ी या गलत तरीके से निर्माण हुआ तो इसका खुलकर विरोध किया जाएगा।

-- उठ रहे है कई सवाल

इस मामले में कई सवाल उठ रहे है, जब काम की लागत और प्राक्कलन राशि सार्वजनिक ही नहीं है तो पारदर्शिता पर सवाल क्यों न उठे। अगर जेई को ही राशि की जानकारी नहीं, तो निगरानी और गुणवत्ता नियंत्रण कौन करेगा। तीन साल पहले हुई सड़क कालीकरण क्यों बेकार हो गई, क्या उस समय भी गुणवत्ता से समझौता हुआ था तथा जनता की मांग पर सड़क उखाड़कर नया काम शुरू हुआ है, लेकिन क्या यह दीर्घकालिक समाधान साबित होगा।

-- जनता में मिश्रित प्रतिक्रिया

एक ओर नगरवासी खुश हैं कि आखिरकार लंबे समय से जर्जर सड़क के दिन बदलने वाले हैं, तो दूसरी ओर पारदर्शिता की कमी और लागत की अनभिज्ञता को लेकर संदेह भी गहराता जा रहा है। लोगों का कहना है कि विकास कार्य जनता के लिए है, तो उसकी पूरी जानकारी भी जनता के सामने होनी चाहिए।

डुमरांव की इस सड़क निर्माण की कहानी सिर्फ़ ईंट-पत्थर और सीमेंट की नहीं है, बल्कि पारदर्शिता, राजनीति और जनता के भरोसे की भी है। काम की शुरुआत हो चुकी है, मगर जब तक प्राक्कलन राशि और गुणवत्ता की गारंटी सामने नहीं आती, तब तक नगरवासियों के मन में सवाल बने रहेंगे।