बनारपुर के किसान नेता के घर की गई कुर्की जब्ती, खिड़की दरवाजे उखाड़ ले गई पुलिस

मुफस्सिल थाने की पुलिस ने बुधवार को चौसा के दो किसानों के घर कुर्की जब्ती की कार्रवाई की। हालांकि कुर्की जब्ती की सूचना मिलते ही एक किसान नेता ने कोर्ट में आत्मसमपर्ण कर दिया।

बनारपुर के किसान नेता के घर की गई कुर्की जब्ती, खिड़की दरवाजे उखाड़ ले गई पुलिस

- कोर्ट ने फरार चल रहे दो किसान नेताओं के खिलाफ जारी किया था कुर्की जब्ती, कार्रवाई शुरू होेते ही एक ने किया समपर्ण

केटी न्यूज/चौसा

मुफस्सिल थाने की पुलिस ने बुधवार को चौसा के दो किसानों के घर कुर्की जब्ती की कार्रवाई की। हालांकि कुर्की जब्ती की सूचना मिलते ही एक किसान नेता ने कोर्ट में आत्मसमपर्ण कर दिया। जिसके बाद उनके घर कार्रवाई रोक दिया गया। जबकि पुलिस दूसरे किसान नेता के घर के दरवाजे व खिड़की भी उखाड़ ले गई। न्यायालय के आदेश पर की गई कुर्की जब्ती के बाद किसानों में गहरा आक्रोश है। कुर्की जब्ती की यह कार्रवाई बनारपुर के किसान नेताओं अंशु चौबे के घर हुई।

जबकि कुर्की जब्ती की कार्रवाई शुरू होते ही मुन्ना तिवारी तिवारी ने आत्मसमपर्ण कर दिया। इस दौरान पुलिस पदाधिकारी व दंडाधिकारी भी मौजूद थे। बता दें कि चौसा के निर्माणाधीन 1320 मेगावॉट थर्मल पॉवर प्लांट के लिए अधिगृहित जमीन की व्यवसायिक दर से मुआबजे की मांग पर किसान करीब दो वर्ष से अधिक समय से आंदोलन कर रहे है। इसी दौरान 20 मार्च 2023 को किसानों और पुलिस के बीच झड़प हुई थी। जिसमें सदर डीएसपी तथा तत्कालीन मुफस्सिल थानाध्यक्ष जख्मी हुए थे। वही, पुलिस ने भी बर्बर तरीके से गांव की महिलाओं व बच्चों तक की पिटाई की थी। इस मामले में जिला प्रशासन के निर्देश पर 35 नामजद व 300 अज्ञात किसानों पर एफआईआर दर्ज कराया गया था।

जिसमें मुन्ना तिवारी व अंशु चौबे भी शामिल है। कोर्ट ने इनके खिलाफ वारंट जारी किया था। बावजूद ये हाजिर नहीं हुए। वही पांच महीना पहले ही कुर्की जब्ती का नोटिस जारी हुआ था, तब पुलिस ने दोनों आरोपितों के दरवाजे पर उक्त नोटिस को चस्पाया था। नोटिस चस्पाए जाने के बाद भी दोनों हाजिर नहीं हुए थे। इसके बाद कोर्ट के निर्देश पर दंडाधिकारी के नेतृत्व में कुर्की जब्ती की कार्रवाई की गई। इस दौरान बतौर दंडाधिकारी बक्सर एसडीओ धीरेन्द्र कुमार मिश्र, सदर डीएसपी धीरज कुमार तथा बड़ी संख्या में पुलिस बल के जवान शामिल थे। इधर इस घटना के बाद किसानों का आक्रोश गहरा गया है।