सभी के लिए अनुकरणीय होता है महापुरुषों का जीवन - न्यायाधीश

महापुरुषों का जीवन सभी के लिए अनुकरणीय होता है। हमें उनके पदचिन्हों पर चलने का प्रयास करना चाहिए। दिवंगत अधिवक्ता स्व. घनश्याम मिश्रा बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। उक्त बातें जिला एवं सत्र न्यायाधीश हर्षित सिंह ने दिवंगत अधिवक्ता घनश्याम मिश्र की पुण्यतिथि के अवसर पर पुस्तकालय भवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहीं।

सभी के लिए अनुकरणीय होता है महापुरुषों का जीवन - न्यायाधीश

केटी न्यूज/बक्सर 

महापुरुषों का जीवन सभी के लिए अनुकरणीय होता है। हमें उनके पदचिन्हों पर चलने का प्रयास करना चाहिए। दिवंगत अधिवक्ता स्व. घनश्याम मिश्रा बहुआयामी प्रतिभा के धनी थे। उक्त बातें जिला एवं सत्र न्यायाधीश हर्षित सिंह ने दिवंगत अधिवक्ता घनश्याम मिश्र की पुण्यतिथि के अवसर पर पुस्तकालय भवन में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहीं।

बता दें कि जिला अधिवक्ता संघ के तत्वावधान में सोमवार को वरिष्ठ अधिवक्ता स्व. घनश्याम मिश्र की 19वीं पुण्यतिथि मनाई गई। इस मौके पर पुस्तकालय भवन में श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर उनके कार्यों और बहुमूल्य सामाजिक योगदान के लिए याद किया गया। न्यायाधीश ने कहा कि घनश्याम मिश्र आजीवन न्याय के पक्षधर रहे और जननायक कर्पूरी ठाकुर लॉ कॉलेज में अध्यापन के माध्यम से अपनी सेवाएं दीं।

श्रद्धांजलि सभा की अध्यक्षता जिला एवं सत्र न्यायाधीश हर्षित सिंह एवं प्रधान न्यायाधीश मनोज कुमार (प्रथम) के अलावे अन्य न्यायिक पदाधिकारी उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन वरीय अधिवक्ता रामेश्वर प्रसाद वर्मा ने किया। सभा में उपस्थित सभी लोगों ने स्व. मिश्र के कार्यों को स्मरण करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया।

श्रद्धांजलि सभा में बार के अध्यक्ष अधिवक्ता बबन ओझा, सचिव अधिवक्ता विन्देश्वरी पाण्डेय, सरोज उपाध्याय, सूबेदार पाण्डेय, गणेश ठाकुर, हृदयनारायण मिश्र, अनिल पाण्डेय, मनीष पाठक, अधिवक्ता सत्यप्रकाश पाण्डेय के अलावे उनके ज्येष्ठ पुत्र डॉ. कन्हैया मिश्रा ने पुष्पांजलि अर्पित किया। कार्यक्रम के अंत में उनके के पुत्र अधिवक्ता संजय मिश्रा ने उपस्थित आगंतुकों का धन्यवाद ज्ञापित किया।