मां बसवनी के दरबार मे आज लगेगा भक्तों का मेला, तैयारी पूरी
केटी न्यूज/डुमरांव
कांव नदी के पूर्वी छोर पर स्थित मां बसवनी की वार्षिक पूजनोत्सव शनिवार को बड़े ही धूमधाम के साथ मनायी जायेगी। नगरवासी श्रद्धापूर्वक मां बसवनी की पूजा-अर्चना कर जान-माल की सुरक्षा की मन्नतें मांगेंगे। वार्षिक पूजनोत्सव की तैयारी मंदिर समिति के लोगों द्वारा पूरी कर ली गयी। पूरे मंदिर परिसर को फूलों से सजाया गया है।
आयोजन समिति द्वारा मेला में आये श्रद्धालुओं के बीच महाप्रसाद का भी वितरण किया जायेगा। बता दें कि सदियों पूर्व नगर में प्लेग नामक महामारी से जानमाल का भारी नुकसान हुआ था। बड़ी तादाद में लोग काल के गाल में समा गये थे। महामारी से सहमे नगरवासियों ने कांव नदी के पूर्वी तट पर एकत्रित हो मां बसवनी की पूजा-अर्चना की व नागरिकों के प्राण रक्षा की गुहार लगायी, जिसके बाद महामारी का प्रकोप थम गया।
तब से आज तक मां बसवनी की पूजा शहरवासियों द्वारा काफी धूमधाम से की जाती है। वार्षिक पूजनोत्सव के अवसर पर अहले सुबह से ही शहरवासियों का तांता बसवनी मंदिर में पहुंचने लगता है। पूरे दिन पूजा-पाठ के साथ ही मां बसवनी के जयकारे से इलाका भक्तिमय बना रहता है।
भक्तों ने बताया कि मां बसवनी की पूजा-अर्चना से रोग व्याधियों का शमन होता है। उन्होंने बताया कि ऐसी मान्यता है कि मां बसवनी महामारियों से रक्षा करती है। सदियों से चली आ रही इस परंपरा को श्रद्धालु आज भी उसी श्रद्धा से बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते है।
पकवान का चढ़ता है प्रसाद, आयोजित होता है मेला
मां बसवनी के वार्षिक पूजनोत्सव में प्रसाद के तौर पर श्रद्धालु अपने घरों में बनाए पूड़ी, पुआ, ठेकुआ जैसे पकवानों का ही प्रसाद चढ़ाते है। वार्षिक पूजा के मौके पर विशाल मेले का आयोजन होता है। जिसमें शामिल होने के लिए बच्चें लालायित रहते है। वही दंगल प्रतियोगिता भी आयोजित की जाती है।
शहर से दूर व कांव नदी के रमणीक तट पर स्थित इस मंदिर परिसर में जाने वाले श्रद्धालुओं को असीम शांति की अनुभूति होती है। यही कारण है कि वार्षिकोत्सव में दूसरे प्रदेशों में भी रहने वाले लोग शामिल होने आते है।