पुलिस के उत्पीड़न से परेशान होमगार्ड ने दी जान,दो दिन पहले भाई ने भी की थी आत्महत्या

पुलिस के उत्पीड़न से परेशान होकर दो दिन पहले आत्महत्या करने वाले किसान संजय के होमगार्ड भाई प्रमोद ने भी जान दे दी।

पुलिस के उत्पीड़न से परेशान  होमगार्ड ने दी जान,दो दिन पहले भाई ने भी की थी आत्महत्या
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केटी न्यूज़/आगरा

यूपी के आगरा में सादाबाद से एक चौकाने वाला मामला सामने आया है।पुलिस के उत्पीड़न से परेशान होकर दो दिन पहले आत्महत्या करने वाले किसान संजय के होमगार्ड भाई प्रमोद ने भी जान दे दी। वह भाई की मौत पर इंसाफ के लिए पुलिस अधिकारियों के चक्कर काट रहे थे।पुलिसकर्मियों के खिलाफ भाई को आत्महत्या के लिए उकसाने की तहरीर दी थी।सुनवाई न होने से आत्महत्या कर ली।मामला थाना बरहन क्षेत्र के गांव रूपधनु का है।

मगांव में सोमवार की शाम को होमगार्ड प्रमोद का शव उसी जगह खेत में पेड़ पर फंदे से लटका मिला, जहां उसके भाई संजय ने जान दी थी।ग्रामीणों ने बरहन पुलिस पर केस दर्ज नहीं करने के आरोप लगाए।पुलिस ने शव उठाना चाहा तो ग्रामीण भड़क गए और हंगामा करने लगे।जानकारी पर मृतक के परिजन और कुछ ही देर में पुलिस पहुंच गई।दोनों भाइयों का उत्पीड़न करने वाले विवेचक को घटनास्थल पर बुलाने की मांग की।

परिजन और ग्रामीण का आरोप है कि सादाबाद थाने के पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज कराने की मांग अधिकारियों से की थी। मामले में बरहन पुलिस को तहरीर दी। एसओ सहित अन्य ने सादाबाद में जांच का हवाला देकर टाल दिया। केस दर्ज नहीं किया।जिसकी वजह से प्रमोद तनाव में थे। परिजन ने आरोप लगाया कि घटना के बाद सादाबाद पुलिस के फोन आ रहे थे।प्रमोद को बुलाया जा रहा था।इस पर प्रमोद को लग रहा था कि पुलिस कहीं फंसा नहीं दे। आगरा पुलिस भी नहीं सुन रही थी।थक-हारकर वह अधिकारियों के पास भी गया, लेकिन न्याय नहीं मिला।प्रमोद सोमवार सुबह को क्षेत्रीय विधायक डाॅ. धर्मपाल सिंह से मिलने की कहकर घर से निकले थे।दोपहर में  घर लौटे, काफी डरे दिख रहे थे।शाम को  खेत पर बिजली का तार ठीक करने आए कर्मचारी ने प्रमोद का शव फंदे से लटका देखा।

मृतक किसान संजय ने भी एक दिन पहले खुदकुशी की थी, तब भाई प्रमोद ने आरोप लगाया था कि साले के एक लड़की के साथ जाने पर संजय को सादाबाद थाने की पुलिस परेशान कर रही थी।8 जून को घर में दबिश देकर संजय को पकड़ा, थाने ले जाकर थर्ड डिग्री दी।10 जून को 50 हजार रुपये रिश्वत लेने के बाद छोड़ा। 11 जून को सादाबाद पुलिस एक बार फिर आई।इस बार प्रमोद और उनके बेटे को ले गई। उन्हें भी रिश्वत लेने के बाद छोड़ा। पुलिस उत्पीड़न से परेशान होकर संजय ने आत्महत्या की थी।