सुप्रीम कोर्ट ने बकाया बिजली बिल पर दिया बड़ा फैसला : नया प्रॉपर्टी खरीदने वालों को पुराने मालिक पर अगर है बकाया बिजली बिल तो चुकाना ही पड़ेगा

सुप्रीम कोर्ट ने बकाया बिजली बिल पर दिया बड़ा फैसला : नया प्रॉपर्टी खरीदने वालों को पुराने मालिक पर अगर है बकाया बिजली बिल तो चुकाना ही पड़ेगा

केटी न्यूज /दिल्ली

आप जिस प्रॉपर्टी को खरीदने का विचार कर रहे है तो उसका विद्युत बिल बकाया जरूर चेक कर लीजिए। नहीं तो अगर उस पर भारी बिजली बिल बकाया है और आपने चेक नहीं किया है तो ये लापरवाही आप पर बहुत भारी पड़ेगी। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश ने साफ कहा है कि अगर किसी प्रॉपर्टी के पहले के मालिक ने बिजली बिल नहीं चुकाया तो मौजूदा मालिक से इसकी वसूली की जा सकती है। यानी, आपने जिस मालिक से प्रॉपर्टी खरीदी है, अगर उसने आपको बेची गई प्रॉपर्टी का बिल नहीं चुकाया होगा तो वह बोझ आपके सिर मढ़ जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने बकाया बिल पर सुनवाई पूरा करते हुए अपने आदेश में साफ कहा कि नए प्रॉपर्टी मालिक से पुराने प्रॉपर्टी मालिक पर बिजली बकाए की बिजली बिल कि रकम वसूली जा सकती है। विद्युत कम्पनी इसके लिए स्वतंत्र है। इसमें कुछ भी अवैध नहीं है। इसलिए सावधान हो जाइए मकान, दुकान या कोई संस्थान खरीद रहे हैं तो एक बात मजबूती से ध्यान रखिए और बिजली बिल का पूरा हिसाब-किताब चेक किए बिना प्रॉपर्टी खरीदने के लिए डील फाइनल मत कीजिए। नहीं तो आपको अब महंगा पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ के नेतृत्व वाली तीन सदस्यीय पीठ के सामने एक मामला आया जिसमें नीलामी में खरीदी गई एक प्रॉपर्टी के लिए विद्युत कनेक्शन का आवेदन किया गया था। परन्तु विद्युत कंपनी ने पीड़ित से पुराना विद्युत बिल जमा करने को कहा। जिसके बाद ही का आपको विद्युत कनेक्शन दिया जाएगा। विद्युत कम्पनी के इस निर्देश के बाद प्रॉपर्टी के नए खरीदार ने कोर्ट की शरण ली। उन्होंने कोर्ट को बताया कि बिजली वितरण कंपनी ने नीलामी में खरीदी गई प्रॉपर्टी के लिए नया बिजली कनेक्शन देने के लिए पुराना बिल चुकाने के बाद ही नया कनेक्शन देने की शर्त रखी है। जो प्रॉपर्टी के पुराने मालिक ने नहीं चुकाई थी। अब कोर्ट के सामने प्रश्न था कि क्या पुराने मालिक की गलती का परिणाम नए मालिक को बिजली बिल जमा कर चुकाना होगा! जिस पर जबाब देते हुए जस्टिस चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने फैसला दिया। जिसमें कहा कि हां, बिजली कंपनी की तरफ से नए प्रॉपर्टी मालिक से बिजली बिल की बकाया रकम चुकाने का मांग सही है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा कानून के तहत फैसला सुनाया है। सुप्रीम कोर्ट के तीन सदस्ययी बेंच ने कहा कि बिजली कानून की धारा 43 के तहत विद्युत आपूर्ति का कोई पूर्ण दायित्व नहीं है। यह दायित्व शर्तों के साथ पूरा किया जाता है। क्या विद्युत बिल चुकाना कम्पनी का प्राथमिक शर्त है। इस सवाल पर कि क्या पुराना बिल बकाया, नए मालिक से वसूला जा सकता है! जिस पर कोर्ट ने कहा कि पिछले मालिक का बकाया, नए मालिक से वसूलने की शर्तें रखना 2003 के बिजली कानून के दायरे में आता है। सुप्रीम कोर्ट ने एक और महत्वपूर्ण सवाल का जवाब दिया कि विद्युत बकाया की वसूली के लिए 2003 एक्ट के सेक्शन 56(2) में तय की गई दो साल की सीमा का क्या! सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बकाया नहीं चुकाने वाले उपभोक्ता के खिलाफ मुकदमा दायर करना अलग बात है और बिल चुकाने का दबाव बनाने के लिए बिजली कनेक्शन काटना अलग बात। विद्युत कम्पनी के पास दोनों अधिकार है। वो दोनों काम कर सकती है। निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र है।