बनारपुर में आग ने बरसाया कहर, आठ मवेशी जले, आधा दर्जन झोपड़ियां राख, लाखों की संपति खाक

बनारपुर में आग ने बरसाया कहर, आठ मवेशी जले, आधा दर्जन झोपड़ियां राख, लाखों की संपति खाक

- चौसा में पूरे दिन गूंजती रही अग्निशमन वाहन के सायरन, पीड़ितो में मच गई थी अफरा तफरी 

केटी न्यूज/चौसा

 

चौसा में मंगलवार का दिन अगलगी की खबर चर्चा में रही। जहां पूरे दिन अग्निशमन वाहन के सायरन की आवाज गूँजती रही। इस आग की घटना बनारपुर के अतिपिछड़ा बस्ती में कहर बन गई। जहा इस आग से आठ मवेशियों की जलकर मौत हो गई तो वही आधा दर्जन झोपड़ियों को जलाकर खाक कर दिया।

इसमे रखे गरीबों के पालन-पोषण के अनाज भी राख बन गए। तो दूसरी ओर चौसा बारे मोड़ पर फेंके गए कचरे में आग लग गई। इसकी सूचना पर दमकल कर्मी को दी गई, जहा पहुंच आग पर काबू पाया गया। वही तीसरी घटना यूपी में लगी कर्मनाशा पार कर खि़लाफ़तपुर मौजे में पहुंची, जहा खेतों में पशुओं का निवाला पशु चारा जलकर राख हो गए।

सुबह के 10.30 बजे थे, सूर्य की तपन व तेज पछुवा हवा चल रही थी। इसी बीच बनारपुर के अतिपिछड़ा बस्ती में विद्युत तार के टकराहट से निकली चिंगारी एक झोपड़ी पर पड़ी। झोपड़ी आग का गोला बन गई। जब तक लोग आग बुझाते आग ने अगल-बगल के आधा दर्जन झोपड़ियों को आगोश में ले लिया। इस भयंकर आग से अफरा तफरी मच गई। इस दौरान खुंटे से बंधे मवेशी भाग नहीं पाए और झुलसने से आठ मवेशियों की मौत हो गई।

आसपास के लोगों ने मोटर चलाकर आग को बुझाने की कोशिश की। मगर, कोई विशेष लाभ नहीं हो सका। इस आग की घटना की सूचना पर तीन दमकल वाहने पहुंची। लेकिन, बड़ी दमकल वाहन को जाने का रास्ता नहीं होने के कारण स्थल तक नहीं पहुंच सकी। वही, छोटी वाहन और ग्रामीणों की मदद से कर्मियों ने लगभग एक घण्टे की मेहनत के बाद आग पर काबू पाया। इस घटना को लेकर पीड़ित रामाशीष चौधरी ने बताया कि झोपड़ी के ऊपर मौजूद तार से निकली चिंगारी के कारण अगलगी की यह घटना हुई।

इस घटना में रामाशीष चौधरी व केदार चौधरी के तीन भैस व व पांच बकरियों की झुलसने से मौत हो गई। जबकि इन दोनों के अलावा लेदा चौधरी, जनार्दन चौधरी, जयनाथ चौधरी और जय प्रकाश चौधरी की झोपड़ी व पशु चारा, अनाज, जलावन, साइकिल, वस्त्र जल गए।  इस सम्बंध में चौसा सीओ आरती कुमारी ने बताया कि मौके पर अंचल कर्मियों को भेजा गया है। जैसे ही रिपोर्ट मिलेगी उसके अनुसार पीड़ित परिवारों को मुआवजा दिया जाएगा।

वही, दूसरी तरह लगभग 12 बजे के आसपास चौसा बारे मोड़ के पास फेंके गए कचरे में आग लग गई, हालांकि समय से दी गई सूचना पर दमकल कर्मियों ने आग पर काबू पा लिया, जिससे कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ। स्थानीय लोगों की मानें तो यदि समय पर कचरे के ढेर में लगी आग पर काबू नहीं पाया जाता तो रिहायसी इलाके में आग कहर बरपा सकती थी।

वही यूपी से कर्मनाशा पार कर खि़लाफ़तपुर मौजे के खेतों में पहुंची आग से लगभग दो किलोमीटर के दायरे में खेतों के डंठल जलते रहे। वही, खलिहानों में इकट्ठा कर रखे गए पशुचारे भी जल गए। यह आग दोपहर एक बजे से तीन बजे तक धधकती रही। जिससे लोगों में दहशत बनी रही। पूरे दिन क्षेत्र के अलग अलग हिस्सों में हुई अगलगी की घटनाओं से पीड़ितों में अफरा तफरी मची रही।