काराकाट: श्रीनगर उच्च विद्यालय में अभिभावकों और जनप्रतिनिधियों की बैठक

काराकाट प्रखंड के श्रीनगर उच्च विद्यालय 10+2 सुकहरा में गुरुवार को अभिभावकों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की एक बैठक आयोजित की गई।

काराकाट: श्रीनगर उच्च विद्यालय में अभिभावकों और जनप्रतिनिधियों की बैठक

केटी न्यूज़/काराकाट (रोहतास)

काराकाट (रोहतास) : काराकाट प्रखंड के श्रीनगर उच्च विद्यालय 10+2 सुकहरा में गुरुवार को अभिभावकों, जनप्रतिनिधियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की एक बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में स्कूल के सौंदर्यीकरण, स्कूल में पहुंचने की समस्याओं और 9 अक्टूबर को काराकाट के सांसद और विधायक के आगमन के संबंध में चर्चा की गई।

बैठक में बताया गया कि प्लस टू उच्च विद्यालय श्रीनगर सुकहरा में पहुंचने का रास्ता कच्चा है, जिससे छात्र-छात्राओं, अभिभावकों और शिक्षकों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। प्रखंड प्रमुख प्रतिनिधि नारायण पासवान ने स्कूल परिसर के सौंदर्यीकरण के लिए पेवर ब्लॉक लगाने का आश्वासन दिया।

इस बैठक में 9 अक्टूबर को आयोजित अभिनंदन समारोह और जन संवाद कार्यक्रम के लिए भी विस्तृत चर्चा की गई। अभिभावकों और शिक्षकों ने लंबे समय से स्कूल में पहुंचने के लिए पक्की सड़क बनाने की मांग की है, लेकिन अभी तक कच्ची पथ से ही आना-जाना करना पड़ रहा है। सांसद और विधायक से धवनी पुल से सुकहरा डिहरी पुल तक पक्कीकरण करने और स्कूल परिसर तक पक्की सड़क जोड़ने का प्रस्ताव भी रखा गया।

बैठक में प्रमुख प्रतिनिधि नारायण पासवान, पूर्व सांसद प्रतिनिधि सूर्यवंश सिंह, विधायक प्रतिनिधि अवधेश सिंह, बाराडीह पंचायत के पैक्स अध्यक्ष अजय कुमार सिंह उर्फ हीरालाल सिंह, डिहरी पंचायत के मुखिया कृष्ण कुमार सिंह, बीडीसी साजिद हुसैन, भाकपा माले सदस्य सुनील प्रजापति और अन्य जनप्रतिनिधियों ने स्कूल में पहुंचने के लिए पक्की सड़क निर्माण की मांग की।

यह जानकारी दी गई कि श्रीनगर उच्च विद्यालय सुकहरा की स्थापना 1952 में हुई थी, लेकिन आज तक स्कूल परिसर तक पक्की सड़क नहीं बनी है। उपस्थित जनप्रतिनिधियों और अभिभावकों ने इस बार के कार्यक्रम में स्कूल की बेहतर शिक्षा व्यवस्था और अन्य समस्याओं पर चर्चा की। बैठक में रामजी सिंह, राम बचन सिंह, मनोज कुमार सिंह, श्याम नरायण सिंह, देवानंद सिंह, रंजीत कुमार भगत, वार्ड सदस्य लड्डू अंसारी, सलाहुदीन अंसारी, श्रीनिवास पाल, लालबाबू सिंह, मुन्ना यादव, धनजी पासवान, और शशिकांत सिंह ने भी अपने विचार प्रस्तुत किए।