ग्रामीण इलाकों में लम्पी रोग का प्रकोप, मवेशियों के लिए बना जानलेवा, पशु चिकित्सकों ने दी बचाव की सलाह
जिले के विभिन्न क्षेत्रों में मवेशियों में लम्पी स्किन डिजीज (लम्पी रोग) का प्रकोप तेजी से फैलने लगा है। इस जानलेवा बीमारी से मवेशियों की हालत बिगड़ रही है, जिससे पशुपालक गहरे संकट में हैं। कई गांवों में सैकड़ों मवेशी प्रभावित पाए गए हैं। पशुपालकों का कहना है कि रोग के कारण दूध उत्पादन घट गया है और मवेशियों का वजन तेजी से कम हो रहा है।

केटी न्यूज/बक्सर
जिले के विभिन्न क्षेत्रों में मवेशियों में लम्पी स्किन डिजीज (लम्पी रोग) का प्रकोप तेजी से फैलने लगा है। इस जानलेवा बीमारी से मवेशियों की हालत बिगड़ रही है, जिससे पशुपालक गहरे संकट में हैं। कई गांवों में सैकड़ों मवेशी प्रभावित पाए गए हैं। पशुपालकों का कहना है कि रोग के कारण दूध उत्पादन घट गया है और मवेशियों का वजन तेजी से कम हो रहा है।
इस बीमारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए पशुपालन विभाग की 1962 टीम लगातार गांवों का दौरा कर रही है और बीमार पशुओं का उपचार कर रही है। टीम के चिकित्सक डॉ. अजय प्रकाश यादव ने बताया कि यह एक संक्रामक वायरल रोग है, जो मच्छर, मक्खी और कीड़े-मकौड़ों के काटने से तेजी से फैलता है। इससे मवेशियों के शरीर पर गांठें निकल आती हैं, बुखार हो जाता है और कमजोरी बढ़ जाती है। इस बार सबसे अधिक बछड़े प्रभावित हो रहे हैं।
डॉ. यादव ने बताया कि बरसात से पहले वैक्सिनेशन कराना जरूरी है। संक्रमित पशुओं को स्वस्थ पशुओं से अलग रखना, गोठ में नियमित सफाई करना, कीटनाशक का छिड़काव और मच्छरदानी का प्रयोग इस बीमारी से बचाव के प्रभावी उपाय हैं। उन्होंने कहा कि बीमार मवेशियों को पौष्टिक चारा व पर्याप्त पानी दें और घाव होने पर नीम की पत्ती या फिटकरी से धोकर आयुर्वेदिक पेस्ट (नीम, कपूर, हल्दी व नारियल तेल) का प्रयोग करें।
चिकित्सक ने पशुपालकों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की लापरवाही न करें और लक्षण दिखते ही नजदीकी पशु चिकित्सक से संपर्क करें, ताकि मवेशियों की जान बचाई जा सके।