रिटायर दारोगा के प्रॉपर्टी डीलर बेटे की हत्या में मुख्य आरोपित ममेरे भाई समेत गिरफ्तार
मुख्य आरोपित रेलवे स्टेशन के समीप, तो दूसरे को नारायणपुर थाना क्षेत्र से पुलिस ने दबोचा
मुख्य आरोपित ने पैसे की लेनदेन के विवाद में की बात स्वीकारी, खुद मारी थी गोली
मुफस्सिल थाना क्षेत्र के कारवां गांव के बागीचे में 20 मई की रात मछली पार्टी के दौरान की गयी थी हत्या
केटी न्यूज/आरा
मुफस्सिल थाना क्षेत्र के करवा बागीचे में उदवंतनगर थाना क्षेत्र के घोड़पोखर गांव निवासी रिटायर दारोगा के प्रॉपर्टी डीलर बेटे पिंटू कुमार की हत्या का पुलिस ने खुलासा कर दिया गया। इस मामले में पुलिस ने मुख्य आरोपित नीरज चौधरी उर्फ अमित कुमार और उसके ममेरे भाई रॉकी कुमार को गिरफ्तार कर लिया है। दोनों को सोमवार की रात गिरफ्तार किया गया है। नीरज चौधरी को आरा रेलवे स्टेशन के समीप और रॉकी को नारायणपुर थाना क्षेत्र के सितुहारी गांव से पकड़ा गया।
नीरज चौधरी उर्फ अमित कुमार उदवंतनगर थाना क्षेत्र के केशोपुर बकरी गांव और रॉकी कुमार नारायणपुर थाना क्षेत्र के सितुहारी गांव का रहने वाला है। पूछताछ में नीरज चौधरी उर्फ अमित कुमार द्वारा पैसे लेनदेन के विवाद में गोली मार हत्या करने की बात भी स्वीकार की गयी है। हालांकि हत्या में इस्तेमाल हथियार की अबतक बरामदगी नहीं की जा सकी है। एसपी प्रमोद कुमार यादव की ओर से मंगलवार को प्रेस कांफ्रेंस कर यह जानकारी दी गयी। उन्होंने बताया कि 20 मई की शाम अपने दरवाजे पर बैठे पिंटू कुमार को बुलाकर करवां गांव के बागीचे में ले जाया गया। वहां रात में मछली पार्टी के लिए पैसे के विवाद में गोली मारकर पिंटू कुमार की हत्या कर दी गई।
उसे लेकर पिंटू कुमार के पिता रिटायर दारोगा तेज नारायण की ओर से नीरज चौधरी और उसके ममेरे भाई सहित अन्य लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी। उसके बाद आरोपितों की गिरफ्तारी के लिए मुफस्सिल थानाध्यक्ष राजीव रंजन सिन्हा के नेतृत्व में टीम गठित की गयी थी। टीम द्वारा उसके बाद से लगातार छापेमारी की जा रही थी। उसी क्रम में सोमवार की रात मुख्य आरोपित नीरज कुमार चौधरी उर्फ अमित कुमार को आरा रेलवे स्टेशन के समीप से पकड़ लिया गया।
बाद में उसकी निशानदेही पर उसके ममेरे भाई को उसके घर से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में नीरज चौधरी उर्फ अमित कुमार द्वारा जमीन के बकाए पैसे के लेनदेन के विवाद में हत्या करने की बात स्वीकार की गयी। बताया कि घटना के दिन ही टीम द्वारा पिंटू कुमार को बुलाकर ले जाने वाले को गिरफ्तार कर लिया गया था। एसपी ने बताया कि घटना के समय मौजूद दो-तीन अन्य लोगों की पहचान की गयी है। उनकी गिरफ्तारी को छापेमारी की जा रही है। टीम में दारोगा विनोद कुमार, ट्रेनी दारोगा राम कुमार, प्रीति कुमारी और अजीत कुमार सहित अन्य पुलिस कर्मी शामिल थे।
मछली पार्टी के बहाने बुलाने के बाद पीछे से मारी गयी थी गोली
नवादा थाना क्षेत्र के गोढ़ना रोड में रहने वाले उदवंतनगर के घोड़पोखर गांव निवासी रिटायर दारोगा के बेटे पिंटू कुमार की मछली पार्टी के बहाने बुलाने के बाद की गयी थी। रिटायर दारोगा तेज नारायण सिंह की तहरीर पर तीन लोगों के खिलाफ केस किया गया था। उनमें उदवंतनगर थाना क्षेत्र के डिलिया गांव निवासी संतोष कुमार यादव, उसी थाने के केशवपुर बकरी गांव निवासी नीरज कुमार चौधरी और उसके ममेरे भाई को नामजद किया गया है।
नीरज कुमार चौधरी पर जमीन के 18 लाख रुपए हड़पने के लिए षड़यंत्र के तरह घर से बुलाकर ले जाने के बाद पिंटू की हत्या करने का आरोप लगाया गया था। संतोष कुमार यादव पर पिंटू कुमार को घर से बुलाकर कारवां बागीचे में ले जाने और ममेरे भाई के ललकारने पर नीरज कुमार चौधरी पर गोली मारने का आरोप लगाया गया था। प्राथमिकी में तेज नारायण सिंह की ओर से कहा गया है कि उनके बेटे ने नीरज कुमार चौधरी से 12 कट्ठा जमीन खरीदी थी। तीन लाख रुपए प्रति कट्टा की दर से जमीन का एग्रीमेंट हुआ था। उसमें 18 लाख रुपए पिंटू द्वारा नीरज कुमार चौधरी को दे दिया गया था।
सोमवार की शाम करीब साढ़े चार वह बेटे पिंटू के साथ अपने घर के दरवाजे बैठे थे। तभी संतोष कुमार यादव पहुंचा और पिंटू को बोला कि नीरज कुमार चौधरी जमीन के एग्रीमेंट के बारे में बात करने के लिए बुला रहे हैं। उसके बाद संतोष कुमार यादव और पिंटू कारवां बागीचे में चले गए। अशोक कुमार नामक एक युवक भी उनके पीछे-पीछे बागीचे में चला गया। वहां पहले से नीरज कुमार चौधरी और अपने मामा के एक लड़के के साथ बैठा था और खाने-पीने की व्यवस्था की गयी थी।
वहां बातचीत के दौरान नीरज कुमार चौधरी जमीन की रजिस्ट्री के लिए 36 लाख रुपए की मांग करने लगा। उसके द्वारा अग्रिम 18 लाख रुपए मिलने से साफ इनकार कर दिया गया। उस पिंटू द्वारा विरोध किया गया, तो ममेरे भाई के ललकारने पर नीरज कुमार चौधरी द्वारा उनके बेटे पिंटू कुमार को गोली मार दी गयी। उससे उनके बेटे की मौत हो गई थी। तब बागीचे में मौजूद अशोक कुमार ने भाग कर जान बचाई और फोन कर घटना की जानकारी दी गई।