यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के निजी अस्पताल क्षेत्र में अव्वल आया मेथोडिस्ट अस्पताल

बिहार सरकार की तरफ से यक्ष्मा उन्मूलन अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में सरकारी अस्पतालों से लेकर निजी तक अपनी भागीदारी निभा रहे हैं।

यक्ष्मा उन्मूलन कार्यक्रम के निजी अस्पताल क्षेत्र में अव्वल आया मेथोडिस्ट अस्पताल

- यक्ष्मा मरीजों के लिए वरदान साबित हो रहा है प्रतापसागर स्थित मेथोडिस्ट अस्पताल 

केटी न्यूज/डुमरांव 

बिहार सरकार की तरफ से यक्ष्मा उन्मूलन अभियान चलाया जा रहा है। इस अभियान में सरकारी अस्पतालों से लेकर निजी तक अपनी भागीदारी निभा रहे हैं। इस उन्मूलन कार्यक्रम में निजी क्षेत्र के अस्पतालों में डुमरांव प्रखंड स्थित प्रतापसागर का मेथोडिस्ट अस्पताल नंबर एक पोजीशन पर है। राज्य सरकार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने अस्पताल के इस कामयाबी पर इसके अधीक्षक डा. आर के सिंह को को दिनांक 17.9.2024 को सम्मानित किया था। उसी मिले सम्मान को लेकर अस्पताल में स्टाफों ने मिल एक कार्यक्रम का आयोजन अस्पताल परिसर में किया। इस कार्यक्रम में सम्मान देने के लिए पहुंचे आम नागरिकों और जनप्रतिनिधियों को अधीक्षक ने उन्हें स्वयं बुके देकर सम्मानित किया। इस दौरान उन्होंने कहा कि यह सब हमारे स्टाफ और गांव के लोगों का मेहनत का फल है। उन्होंने कहा कि हमने तीन गांव को एकदम यक्ष्मा मुक्त कर दिया है, शेष भी शीघ्र ही हो जाएंगे। लोगों से अपील किया की वैसे मरीजों को यहां पर इलाज हो सके इसलिए उन्हें यहां भेजने के लिए उत्प्रेरित करें। इस अस्पताल में पहले यक्ष्मा रोग का ही इलाज होता था। बिहार और यूपी के मरीज यहां इलाज के लिए पहुंचते थे। धीरे-धीरे इस अस्पताल के दायरा को बढ़ाने के लिए अधीक्षक ने मेहनत करना शुरू कर दिया, इसमें उनको कामयाबी भी मिली। आज की तारीख में इस अस्पताल में आधा दर्जन से अधिक और विभाग को बढ़ा कर लोगों की सेवा शुरू कर दी गई है। हर विभाग में महिला और पुरूष डाक्टरों की टीम काम कर रही है। इसका परिणाम भी सामने आने लगा है। इलाज के लिए दूर-दूर से मरीज पहुंचने लगे हैं। जांच के लिए प्रयोगशाला से लेकर संसाधन भी मौजूद हो गए हैं। अस्पताल में ही मरीज को हर सेवा मिल जाता है। आयोजित किय गए इस कार्यक्रम में निजी क्लीनिकों के जिलेभर के डाक्टरों की टीम उन्हें सम्मानित करने के लिए पहुंची हुई थी। डाक्टर अधीक्षक को सम्मानित कर रहे थे तो अधीक्षक डाक्टरों को, सभी खुश थे।