11 को मनेगा नगर देवी मां काली का वार्षिकोत्सव, तैयारी शुरू

नगर देवी मां काली का वार्षिकोत्सव पूजन आगामी 11 अगस्त को बड़े ही धूमधाम के साथ मनेगा। वार्षिकोत्सव पूजन की तैयारी अंतिम दौर में हैं। इसके पूर्व पांच अगस्त से नगरवासी आस्था के महामंदिर में जल अर्पण की शुरुआत करेंगे। श्रद्धालुओं की भीड़ और आराधना को लेकर समिति के सदस्य पूरे दिन मंदिर परिसर में डटे रहते है।

11 को मनेगा नगर देवी मां काली का वार्षिकोत्सव, तैयारी शुरू

केटी न्यूज/डुमरांव 

नगर देवी मां काली का वार्षिकोत्सव पूजन आगामी 11 अगस्त को बड़े ही धूमधाम के साथ मनेगा। वार्षिकोत्सव पूजन की तैयारी अंतिम दौर में हैं। इसके पूर्व पांच अगस्त से नगरवासी आस्था के महामंदिर में जल अर्पण की शुरुआत करेंगे। श्रद्धालुओं की भीड़ और आराधना को लेकर समिति के सदस्य पूरे दिन मंदिर परिसर में डटे रहते है। इस बार वार्षिकोत्सव पूजन ऐतिहासिक होगा।

वार्षिकोत्सव पर पांच रंगों के फूलों से मां का दरबार सजाया जायेगा। यह फूल कोलकाता और बनारस से मंगायी जायेगी। मां काली आश्रम पूजा समिति के सदस्य दो माह पूर्व से ही इसकी भव्यता को लेकर जुट जाते है। समिति ने बनारस, लखनऊ, कलकत्ता के फूल मंडियों के आढ़त से सजाने के लिए संपर्क साधा है।

काली आश्रम पूजा समिति के अध्यक्ष भगवानजी वर्मा, संतोष गुप्ता, अशोक चंद्रवंशी, दिलीप कुमार, रोहित केशरी, सुजीत कुमार आदि ने बताया कि करीब दो सौ वर्ष पुराने इस मंदिर की महिमा गाथा डुमरांव अनुमंडल के सैकड़ो गांवों में इस कदर है कि नगर पंचित मां काली की वार्षिकोत्सव पूजन में 50 हजार से अधिक श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है। इस समारोह में जिलेभर के आलाधिकारियों की टीम मां के दरबार मे पहुंच कर चौखट पर माथा टेक अपने जीवन के मंगलकामना की मन्नत मांगते है।

पुजारी ललन मिश्रा ने बताया कि परंपरा पर गौर करे तो सप्तमी के दिन प्रत्येक हिंदू परिवार के घर से एक हाथ की बनी रोटी मां के चरणों में अर्पित की जाती है। एकहथी रोटी का तात्पर्य एक हाथ से आटा गुंथकर महिलाएं रोटी की आकृति प्रदान करती है और उस रोटी के बीच सिंदूर व लवंग, फूल-माला के साथ मां काली के मंदिर में भेजती है। मां काली की पूजा-अर्चना समाप्त होने के बाद ही आस्थावान सप्तमी के दिन निर्मित पुआ-पकवान का सेवन करते हैं।

समिति ने श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर कई फैसला लिया है। भक्तों की भीड़ को लेकर दो सौ मीटर लंबी बैरिकेडिंग महिला व पुरुषों के लिए बनायी जायेगी। साथ ही शू स्टॉल के अलावे शुद्ध पेयजल, दवा, प्रसाद, फल-फूल आदि की मुफ्त में व्यवस्था की जायेगी। वार्षिकोत्सव मेला में प्रशासनिक अधिकारियों की भी प्रतिनियुक्ति की जाती हैं।