प्रचार की कमी से नंदीग्राम पशु मेले में घटी पशुओं की संख्या, व्यापारियों को हुआ नुकसान

बलिया। हर साल की तरह इस बार भी दर्दर मुनि के नाम पर होने वाले ददरी मेला के नंदीग्राम पशु मेला की शुरुआत दीपावली और भैया दूज के बाद हो गई है।

प्रचार की कमी से नंदीग्राम पशु मेले में घटी पशुओं की संख्या, व्यापारियों को हुआ नुकसान

केटी न्यूज़/ बलिया 

 बलिया। हर साल की तरह इस बार भी दर्दर मुनि के नाम पर होने वाले ददरी मेला के नंदीग्राम पशु मेला की शुरुआत दीपावली और भैया दूज के बाद हो गई है। नगर पालिका ने पशु व्यापारियों और मेहमानों की सुरक्षा का इंतजाम किया है, लेकिन उचित प्रचार न होने से मेले में पशुओं की संख्या कम है। 

लम्पी बीमारी के कारण पिछले 2-3 सालों से यह मेला नहीं हो सका था, जिससे लोगों को इसकी जानकारी कम मिली है। यदि जिले के चौराहों, तहसीलों, और बॉर्डर पर प्रचार के लिए बैनर लगाए गए होते, तो पशु व्यापारियों की संख्या अधिक होती। 

प्रत्येक साल कार्तिक शुक्ल पक्ष की पहली तिथि से नंदीग्राम मेला शुरू होता है, जहां दीपावली के बाद बैल और बछड़े आते थे। इस साल प्रचार की कमी से सिर्फ गधे, खच्चर और कुछ घोड़े ही पहुंचे हैं। स्थानीय पशु व्यापारियों का कहना है कि प्रशासन को प्रचार-प्रसार करना चाहिए था। 

हालांकि, डाला छठ के बाद पशुओं की संख्या बढ़ सकती है। अभी तक मेले से नगर पालिका को एंट्री फीस के रूप में 28,000 रुपये मिले हैं, जबकि पहले यह लाखों में होता था।