भैया दूज पर बहनों ने कूटा गोधन, फिर जीभ पर चुभोया रेेंगनी का कांटा
भाई-बहनों के प्रेम का प्रतीक पर्व भैया दूज अनुमंडल क्षेत्र में रविवार को परंपरागत तरीके से हर्षाेल्लास के माहौल में मनाया गया। भैया दूज पर बहनों ने गोधन कूटने के साथ जीभ पर रेेंगनी का कांटा भी चुभोया। शहर से लेकर गांव तक एक ओर जहां बहनों ने अपने भाईयों के मस्तक पर तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु की कामना की, तो वहीं भाईयों ने भी बहनों को उपहार देकर हर मुश्किल घड़ी में साथ देने का वचन दिया। इस मौके पर बहनों ने अपने भाईयों को मुंह भी मीठा कराया।
केटी न्यूज/डुमरांव
भाई-बहनों के प्रेम का प्रतीक पर्व भैया दूज अनुमंडल क्षेत्र में रविवार को परंपरागत तरीके से हर्षाेल्लास के माहौल में मनाया गया। भैया दूज पर बहनों ने गोधन कूटने के साथ जीभ पर रेेंगनी का कांटा भी चुभोया। शहर से लेकर गांव तक एक ओर जहां बहनों ने अपने भाईयों के मस्तक पर तिलक लगाकर उनकी लंबी आयु की कामना की, तो वहीं भाईयों ने भी बहनों को उपहार देकर हर मुश्किल घड़ी में साथ देने का वचन दिया। इस मौके पर बहनों ने अपने भाईयों को मुंह भी मीठा कराया। फिर बहनों ने भाई के मस्तक पर तिलक लगाकर हाथ में कलेवा बांधा और मुंह मीठा कराकर उनकी लंबी आयु की कामना की।
ताकि, भाई विघ्न-बाधाओं से दूर रखा जा सके। आचार्य पंडित आदित्य तिवारी ने बताया कि कार्तिक शुक्लपक्ष द्वितीया तिथि को यम द्वितीया व भ्रातृ द्वितीया (भैया दूज) के नाम से प्रसिद्धि प्राप्त है। पौराणिक मान्यता के अनुसार इस दिन यमुना ने अपने भाई यम को अपने घर भोजन कराया था तथा इस अवसर पर यमलोक में उत्सव भी हुआ था। इस दिन बहन के घर जाकर उनके हाथ का बना हुआ भोजन करने व उन्हें यथाशक्ति दान देने से कर्मपाश में बंधे हुए नारकीय पापियों को भी यमराज छोड़ देते हैं। उन्होंने बताया कि इस तिथि में बहन के द्वारा अपने भाइयों को श्रापने की परंपरा है और पुनः बहनें अपने जिह्वा पर रेंगनी के कांटों को चुभाती हैं। ऐसी मान्यता है कि इस दिन बहन का श्राप भाईयों के लिए आशीर्वाद होता है। बहनें इस दिन व्रत रखकर भाई के माथे पर तिलक लगाकर भाई के दीर्घ जीवन की कामना करतीं हैं। उन्होंने बताया कि आज के दिन अपने घर भोजन नहीं कर बहन के घर जाकर उनके हाथ का बना हुआ भोजन करना चाहिए। इससे बल, पुष्टि, धन, यश,आयु, धर्म,अर्थ और अपरिमित सुखों की प्राप्ति होती है।
धूमधाम से मनाया गया भैया दूज का पर्व
केसठ
प्रखंड में रविवार को भैया दूज का पर्व मनाया गया। इस दौरान बहनों ने भाइयों को टीका लगाकर उनकी लंबी उम्र की कामना ईश्वर से की। इससे पहले बहनों ने अपने अपने घरों में भाई दूज पर होने वाली औपचारिक पूजा अर्चना कर गोधन कुटी। गोधन में गोबर से चौकोर आकृति बनाई गई थी, जिसमें यम लोक के प्राणियों की प्रति मूर्तियां बनाई गई थी।
जिसे पूजा अर्चना के बाद उसे कूटा गया। इस दौरान बहनों ने गोधन कूटते वक्त अवरा कुटिला भवरा कुटीला, कुटिला यम के दुआर... कुटिला भईया के दुसम,चारू पहर दिन रात... जैसे पारंपरिक गीत गाई। भाई-बहन के अटूट प्रेम का नजारा क्षेत्र केसठ गांव में देखने को मिला। पर्व को ले प्रखंड क्षेत्र में हर्षाेल्लास का माहौल बना हुआ था। भाई की लंबी उम्र की कामना करते हुए बहनों ने टीका लगाया। इसके बाद भाइयों ने बहनों को उपहार देकर रक्षा का वचन दिया। इस मौके पर भाग्यश्री, सोनी, अनिता, असिता, प्रीती चौधरी, निशी कुमारी सहित दर्जनों युवतियों ने समूह बनाकर सदियों से चल रहे इस परंपरा को निभाया।