बकरीद के मौके पर नमाज़ियों ने मानी प्रशासन की बात,इस बार नमाज सड़कों पर नहीं बल्कि ईदगाह और बड़े मैदाने में हुई

उत्तर प्रदेश के मेरठ में यह पहली बार हुआ है जब सड़क पर नमाज नहीं पढ़ी गई।

बकरीद के मौके पर नमाज़ियों ने मानी प्रशासन की बात,इस बार नमाज सड़कों पर नहीं बल्कि ईदगाह और बड़े मैदाने में हुई
Bakrid

केटी न्यूज़/मेरठ

मेरठ पुलिस के लिए सड़क पर नमाज पढ़ने से रोकना एक बड़ा चैलेंज था। पुलिस प्रशासन ने इसके लिए पिछले 15 दिन से तैयारी की थी।ये चैलेंज आज बकरीद पर पूरा भी हुआ।उत्तर प्रदेश के मेरठ में यह पहली बार हुआ है जब सड़क पर नमाज नहीं पढ़ी गई।

इस बार नमाज सड़कों पर नहीं बल्कि ईदगाह और बड़े मैदाने में हुई। आज जब नमाज हुई तो सड़कें खाली नजर आई। सड़कों पर नमाज अदा नहीं की गई।खुद एडीजी ने मौके पर जाकर व्यवस्थाओं को देखा।मेरठ पश्चिम उत्तर प्रदेश का वह शहर है।जहां ईद की नमाज को लेकर पुलिस प्रशासन और मुस्लिम धर्म गुरुओं के बीच ठन गई थी।मुस्लिम धर्म गुरुओं ने सड़क पर नमाज को अपना रिवायती हक बता डाला।इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशों का पालन करने के लिए पुलिस प्रशासन ने कमर कस ली थी। सड़क पर नमाज ना हो इसके लिए तमाम इंतजामात किए गए।

इस बार पुलिस ने बड़े मैदानों में नमाज पढ़ने की व्यवस्था करवाई।इसके साथ ही ईदगाह ग्राउंड में उतने ही लोग को एंट्री मिली जितनी जगह थी। सड़क पर नमाज पढ़ने वालों को पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया। बाकायदा ईदगाह के चारों ओर सुरक्षा का कड़ा घेरा बनाया गया। वहीं ड्रोन से पूरी नमाज की निगरानी की गई। अराजक तत्वों को पहले ही चिन्हित करके हटा दिया गया था, ताकि नमाज सकुशल संपन्न हो सके।