रियासी हमले पर विपक्ष का हमला: शपथ के दौरान कश्मीर में मारे गए 10 लोग

जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में रविवार को श्रद्धालुओं से भरी बस पर हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। इस हमले में 10 लोगों की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। आतंकियों ने अचानक बस पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद बस अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई।

रियासी हमले पर विपक्ष का हमला: शपथ के दौरान कश्मीर में मारे गए 10 लोग

केटी न्यूज़, ऑनलाइन डेस्क: जम्मू कश्मीर के रियासी जिले में रविवार को श्रद्धालुओं से भरी बस पर हुए आतंकी हमले ने पूरे देश को हिला कर रख दिया। इस हमले में 10 लोगों की जान चली गई, जबकि कई अन्य घायल हुए हैं। आतंकियों ने अचानक बस पर फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद बस अनियंत्रित होकर खाई में गिर गई। हादसे के तुरंत बाद सुरक्षाबलों ने इलाके को घेर लिया और सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। प्रारंभिक जांच में 2-3 आतंकियों के शामिल होने की आशंका जताई जा रही है, जो हमले के बाद जंगलों की ओर भाग गए थे।

विपक्ष का आरोप: सरकार की नाकामी

रियासी हमले के बाद विपक्ष ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधा है। शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि जब पीएम मोदी दिल्ली में शपथ ले रहे थे, तब कश्मीर में 10 लोग मारे गए। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार को जम्मू कश्मीर और मणिपुर की चिंता नहीं है और इसे गुजरात ईस्ट इंडिया कंपनी करार दिया। राउत ने सरकार की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह सरकार देश की सुरक्षा पर ध्यान नहीं दे रही है।

खरगे का हमला: राष्ट्रीय सुरक्षा पर सवाल

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने भी इस हमले पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने ट्वीट कर कहा, "जब नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार शपथ ले रही है, तब तीर्थयात्रियों को ले जा रही बस पर आतंकियों ने कायरतापूर्ण हमला किया, जिसमें कम से कम 10 भारतीयों की जान चली गई। यह हमारी राष्ट्रीय सुरक्षा का जानबूझकर किया गया अपमान है।" खरगे ने पीड़ितों के परिवारों के प्रति संवेदनाएं व्यक्त कीं और घायलों के जल्द ठीक होने की प्रार्थना की।

सुरक्षा स्थिति पर उठे सवाल

खरगे ने कहा कि सरकार और अधिकारियों को पीड़ितों को तत्काल सहायता और मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने हाल के दिनों में जम्मू-कश्मीर में बढ़ती आतंकी घटनाओं पर चिंता जताई और कहा कि "अभी तीन हफ्ते पहले ही पहलगाम में पर्यटकों पर फायरिंग हुई थी और जम्मू-कश्मीर में कई आतंकी घटनाएं जारी हैं।" उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा शांति और सामान्य स्थिति लाने का प्रचार खोखला साबित हो रहा है और आतंकवाद के खिलाफ भारत एकजुट है।

राजनीतिक बयानबाजी और जनता की सुरक्षा

इस हमले के बाद राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। विपक्ष सरकार पर सुरक्षा में चूक का आरोप लगा रहा है, वहीं सरकार ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा है कि दोषियों को जल्द से जल्द पकड़कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। रियासी हमले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि देश की सुरक्षा के मुद्दे पर राजनीतिक दल कब एकजुट होकर काम करेंगे।

सुरक्षाबलों की तैनाती और ऑपरेशन

हमले के बाद पूरे रियासी क्षेत्र में सुरक्षाबलों की तैनाती बढ़ा दी गई है और इलाके में व्यापक सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। सेना, पुलिस और अर्धसैनिक बलों के जवान आतंकियों की तलाश में जुटे हुए हैं। अधिकारियों ने कहा है कि वे जल्द ही आतंकियों को पकड़ लेंगे और इस घटना के पीछे की साजिश का पर्दाफाश करेंगे।

रियासी हमले ने देश को एक बार फिर से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की जरूरत का एहसास कराया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार को इस हमले के बाद कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ रहा है, वहीं विपक्षी दल इस मुद्दे को लेकर सरकार पर दबाव बना रहे हैं। देश की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत बनाने की मांग उठ रही है, ताकि ऐसे हमलों को रोका जा सके और नागरिकों की जान-माल की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।