रामायण सर्किट से जुड़ेगा रघुनाथपुर, तुलसीदास की स्मृति में तुलसी महोत्सव की उठी मांग

ब्रह्मपुर प्रखंड के रघुनाथपुर स्थित तुलसी आश्रम को धार्मिक पर्यटन के मानचित्र पर स्थापित करने की दिशा में नई पहल की मांग तेज हो गई है। तुलसी विचार मंच के संयोजक शैलेश ओझा ने विश्वामित्र महोत्सव, बिस्मिल्लाह खां महोत्सव और ब्रह्मपुर महोत्सव की तर्ज पर यहां तुलसी महोत्सव आयोजित किए जाने की आवश्यकता जताई है। उनका कहना है कि गोस्वामी तुलसीदास से जुड़ा यह ऐतिहासिक स्थल आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है, जबकि इसमें अपार पर्यटन संभावनाएं निहित हैं।

रामायण सर्किट से जुड़ेगा रघुनाथपुर, तुलसीदास की स्मृति में तुलसी महोत्सव की उठी मांग

-- तुलसी आश्रम से बाबा ब्रह्मेश्वरनाथ तक कारीडोर और पर्यटन विकास से बदलेगा क्षेत्र का भविष्य

केटी न्यूज/ब्रह्मपुर

ब्रह्मपुर प्रखंड के रघुनाथपुर स्थित तुलसी आश्रम को धार्मिक पर्यटन के मानचित्र पर स्थापित करने की दिशा में नई पहल की मांग तेज हो गई है। तुलसी विचार मंच के संयोजक शैलेश ओझा ने विश्वामित्र महोत्सव, बिस्मिल्लाह खां महोत्सव और ब्रह्मपुर महोत्सव की तर्ज पर यहां तुलसी महोत्सव आयोजित किए जाने की आवश्यकता जताई है। उनका कहना है कि गोस्वामी तुलसीदास से जुड़ा यह ऐतिहासिक स्थल आज भी बुनियादी सुविधाओं से वंचित है, जबकि इसमें अपार पर्यटन संभावनाएं निहित हैं।

सरकारी अभिलेखों और शाहाबाद गजेटियर के अनुसार, गोस्वामी तुलसीदास ने रघुनाथपुर में प्रवास कर रामचरितमानस के उत्तरकांड के कुछ अंशों की रचना की थी। आश्रम परिसर में प्राचीन श्रीराम-जानकी मंदिर और भव्य महाकालेश्वर मंदिर स्थित हैं। इसके अतिरिक्त मात्र तीन किलोमीटर की दूरी पर स्थित बाबा ब्रह्मेश्वरनाथ मंदिर भी श्रद्धालुओं की आस्था का बड़ा केंद्र है, जहां सावन और महाशिवरात्रि के अवसर पर लाखों भक्त पहुंचते हैं।

शैलेश ओझा और भाजपा कला एवं संस्कृति प्रकोष्ठ के प्रदेश सह संयोजक शंभू चंद्रवंशी ने बक्सर विधायक आनंद मिश्रा को छह सूत्री मांग पत्र सौंपा है। इसमें तुलसी आश्रम को रामायण सर्किट के प्रमुख पड़ाव के रूप में विकसित करने, गोस्वामी तुलसीदास की स्मृति में तुलसी महोत्सव आयोजित करने, आश्रम की भूमि की मापी-घेराबंदी कर गुरुकुल निर्माण, भव्य प्रवेश द्वार व प्रतिमा स्थापना, डिजिटल सुविधाओं से युक्त मानस पुस्तकालय, तुलसी सरोवर के चारों ओर पक्के घाट और सौंदर्यीकरण की मांग शामिल है।

इसके साथ ही बाबा ब्रह्मेश्वरनाथ मंदिर से तुलसी आश्रम तक कारीडोर निर्माण और प्रमुख धार्मिक शहरों को जोड़ने वाली ट्रेनों का रघुनाथपुर में ठहराव देने की भी मांग उठाई गई है। स्थानीय लोगों का मानना है कि इन योजनाओं के धरातल पर उतरने से न केवल पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि क्षेत्रीय विकास और रोजगार के नए अवसर भी सृजित होंगे।