तात्कालिक सीएस पर लगे आरोपों की जांच के लिए एसपीजीआरओ ने घंटों की स्वास्थ्य अधिकारियों से पूछताछ

अपर समार्हता सह एसपीजीआरओ संजय कुमार सदर अस्पताल पहुंचे। उन्होंने डीपीएम मनीष कुमार के साथ साथ अन्य अधिकारियों और कर्मियों से घंटों पूछताछ की।

तात्कालिक सीएस पर लगे आरोपों की जांच के लिए एसपीजीआरओ ने घंटों की स्वास्थ्य अधिकारियों से पूछताछ
Crime

केटी न्यूज/बक्सर

गत दिनों तत्कालीन सिविल सर्जन डॉ सुरेश चंद्र सिन्हा पर लगे आरोपों के कारण उनकी मुश्किलें बढ़ गई है। मामले में जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल के निर्देश पर मंगलवार को अपर समार्हता सह एसपीजीआरओ संजय कुमार सदर अस्पताल पहुंचे। उन्होंने डीपीएम मनीष कुमार के साथ साथ अन्य अधिकारियों और कर्मियों से घंटों पूछताछ की। हालांकि उसकी रिपोर्ट का खुलासा नहीं किया गया।

इस संबंध में कोई भी कुछ बोलने का तैयार नहीं है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार तत्कालीन सीएस पर आरोप लगा है कि सदर अस्पताल में कार्य डॉ श्याम रजक जो पूर्व में इटाढ़ी प्रखंड में कार्यरत थे। उनके कार्यकाल के दौरान वहां कई गड़बड़ी सामने आयी थी। उन्हें वहां से हटा दिया गया था। पुन: वापस इटाढ़ी भेज दिया गया है। चरित्रवन में चलने वाले हॉस्टिपल शील पर पूर्व में सुरेश चंद्र सिन्हा ने कोई कार्रवाई नहीं की थी।  मामला जब तूल पकड़ने लगा था। तब इन्होंने पचास हजार रुपये का जुर्माना लगाया। साथ ही कई निजी नर्सिंग होम इनकी देखरेख में अवैध तरीके से संचालित हो रहे थे।सफाई एनजीओ की कार्य प्रणाली दबाने का प्रयास किया था।

वहींं विभागीय सूत्रों ने यह भी बताया कि जब डॉ आरके गुप्ता जब सदर अस्पताल में उपाधीक्षक के पद पर तैनात थे। तब उन्होंने कई डॉक्टरों के वेतन में कटौती की थी। क्योंकि वह रोस्टर व बायोमैट्रिक के तहत ड्यूटी नहीं कर रहे थे। डॉ आरके गुप्ता के हटने के बाद कटौती वाले वेतन का भी भुगतान करने का प्रयास किया था। इसकी भी जांच चल रही है। यह मामले उजागर होने के बाद जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने इसकी जांच के लिए टीम गठित की थी। इसी के तहत टीम सिविल सर्जन कार्यालय में जांच व पूछताछ की। रिपोर्ट आने के बाद सारी सच्चाई खुलकर सामने आयेगी।