सूर्य षष्ठी व्रत की शुरुआत, बाजारों में पूजा सामग्री की खरीदारी से बढ़ी रौनक
बलिया। "कांचे ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए..." पारंपरिक गीत के साथ गंगा स्नान के बाद मंगलवार को चार दिन का सूर्य षष्ठी व्रत शुरू हुआ।
केटी न्यूज़/ बलिया
बलिया। "कांचे ही बांस के बहंगिया, बहंगी लचकत जाए..." पारंपरिक गीत के साथ गंगा स्नान के बाद मंगलवार को चार दिन का सूर्य षष्ठी व्रत शुरू हुआ। इस मौके पर व्रत रखने वाली महिलाओं ने नहाय-खाय की रस्म से व्रत की शुरुआत की। वहीं, बाजारों में व्रत के लिए खरीदारी करने भीड़ उमड़ी, जिससे शहर में जगह-जगह जाम की स्थिति बन गई। यातायात व्यवस्था सुचारू रखने के लिए कई जगह बैरियर लगाए गए और पुलिस भी सुरक्षा के लिए तैनात रही। व्यापारियों के मुताबिक, बुधवार को और भी अधिक भीड़ होने की संभावना है।
मंगलवार को नगर और ग्रामीण इलाकों में नहाय-खाय के साथ इस चार दिवसीय महापर्व की शुरुआत हुई। सोमवार की शाम को चने की दाल, लौकी की सब्जी और अरवा चावल का भात खाने के बाद महिलाओं ने व्रत रखा। बुधवार को वे निर्जला व्रत (खरना) रखेंगी और शाम को गुड़ की खीर, रोटी और फलों से पारण करेंगी। गुरुवार को षष्ठी तिथि पर महिलाएं निर्जला व्रत रखते हुए अस्त होते सूर्य को अर्घ्य देंगी, और शुक्रवार की सुबह उदय होते सूर्य को अर्घ्य देकर व्रत समाप्त करेंगी।
मंगलवार को बाजार में नारियल, केला, अनानास, संतरा, नींबू, सुपली, गन्ना, सेव, और अन्य पूजा सामग्री की जमकर खरीदारी हुई। पुलिस ने नगर में जगह-जगह बैरियर लगाकर यातायात को नियंत्रित किया और लगातार गश्त करती रही।
डाला छठ के लिए सामग्रियों की कीमतें