एजेंट ने दिया धोखा मलेशिया में जाकर फंस गए है दर्जनों मजदूर, नहीं हो पा रही है घर वापसी
- इंप्लायमेंट वीजा की जगह टुरिस्ट विजा देकर एजेंट ने भेजा था विदेश
- वतन वापसी की गुहार लगा रहे है मानव तस्करों के चंगुल में फंस मलेशिया गए दर्जनों मजदूर
केटी न्यूज/डुमरांव
विदेश मेें मोटी रकम कमा गरीबी दूर करने के उम्मीद लिए हजारों किलोमीटर दूर मलेशिया पहुंचे बिहार व यूपी के दर्जनों मजदूर वाह जाकर फंस गए है। उन्हें विदेश भेजने वाले एजेंट ने इंप्लायमेंट की जगह टुरिस्ट वीजा दिया था और बताया था कि वहा उन्हें एक सप्ताह के अंदर इसे इंप्लायमेंट वीजा में कनर्वट करा दिया जाएगा। एजेंट ने अच्छी नौकरी व भारतीय मुद्रा में 40 से 50 हजार रूपए मासिक मिलने की बात कही थी। जबकि वहा जाने पर उनसे शौचालय तक साफ करवाया गया और विरोध करने पर मारपीट व निर्वस्त्र कर दिया गया। किसी तरह भागकर मजदूर एक भारतीय मलेशिया के शाह आलम इलाके में ब्रह्मपुर (बक्सर) निवासी मनौव्वर आलम के यहां शरण लिए हैं। वे सभी वतन वापसी की गुहार तो लगा रहे है लेकिन उनकी सुनने वाला भी कोई नहीं है। वहा फंसे मजदूरों में डुमरांव के महरौरा गांव के दीपक राम का पुत्र सोनू राम व प्रतापचंद्र राम का पुत्र धर्मेन्द्र राम शामिल है। जबकि पकड़ी मोड़ इटाढ़ी का धर्मेन्द्र कुमार अपने परिजनों से किसी तरह 50 हजार रूपए मंगवा उनके चंगुल से बच घर वापस आ गया है। जबकि अभी भी वहा दो दर्जन से अधिक मजदूर फंसे हुए है। मजदूरों में धर्मेन्द्र और सोनू के अलावे भोजपुर जिले के झौवा बेलवनियां निवासी राजेश गोस्वामी, बलिया यूपी के मंटू शर्मा, अजय यादव, अवधेश चौधरी, अर्जुन यादव, पिंटू चौधरी, गोविंदा साहनी, नीरज पासवान, धीरेंद्र प्रसाद, जितेंद्र साह, वीरेंद्र साहनी, रामाशंकर साहनी और सन्नी कुमार सहित कई अन्य शामिल है।
एजेंटों को एक-एक लाख रूपए दे गए थे मलेशिया
वहां फंसे मजदूरों ने बताया है कि वे लोग अपने-अपने एजेंटो को एक-एक लाख रूपए देकर विदेश जाने का पासपोर्ट और वीजा बनवाए थे। इस मामले में इटाढ़ी के धर्मेंद्र राम और महरौरा के सोनू राम और धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि अरियांव गांव निवासी प्रकाश सिंह को एक-एक लाख रुपये दिया गया था। जबकि अन्य मजदूरों ने भोजपुर जिले के इसरी पिपरा निवासी संजय यादव, यूपी के कोटवा नारायणपुर के भोला चौधरी, भरौली के लालचंद्र चौधरी आदि का नाम लिया और बताया कि उनसे एक-एक लाख रूपया लेने के बाद अच्छी नौकरी का झांसा दिया गया था। लेकिन वहा जाने के बाद पहले तो काम नहीं मिल रहा था। फिर किसी को सीमेंट फैक्ट्री तो किसी को होटल में बर्तन साफ करने का काम मिला। इसके बाद हद तो यह हुई कि मजदूरों से जबदस्ती शौचालय तक साफ करवाया जाने लगा और विरोध करने पर जमकर पीटा गया तथा निर्वस्त्र कर दिया गया। इसके बाद जब ये लोग अपने एजेंट से संपर्क किए तो एजेंट किसी तरह जान बचाने की बात कह मोबाईल स्वीच ऑफ कर लिए है। उनके विदेश में फंसे होने से परिजन भी चिंतित हो गए है।